आपका लक्ष्य और आपके तीर
आप के पास 6 या 9 या असीमित तीर हो सकते है पर लक्ष्य केवल एक । अपने तीरों को waste मत करे , चुन कर प्रयोग करे । एक ही तीर का प्रयोग करे। समय ले उसे तीक्ष्ण करे ताकि एक ही प्रयास में लक्ष्य भेद सके ।
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आपका लक्ष्य और आपके तीर
आप के पास 6 या 9 या असीमित तीर हो सकते है पर लक्ष्य केवल एक । अपने तीरों को waste मत करे , चुन कर प्रयोग करे । एक ही तीर का प्रयोग करे। समय ले उसे तीक्ष्ण करे ताकि एक ही प्रयास में लक्ष्य भेद सके ।
नागमती विरह वर्णन
हिंदी साहित्य में जायसी के पद्मावत में जैसा विरह वर्णन मिलता है वैसा अन्योक्त उपलब्ध नही । इन लाइन्स का आशय यह कि नागमती कौवे और भवरें को संबोधित करते हुए कहती है कि आप मेरे प्रियतम से जाकर मेरी व्यथा कहो उनसे कहना कि आपकी प्रियतमा , आपके वियोग में सुलग रही है और उसके धुएं से ही हम काले हो गए है ।
कितनी सरस,मार्मिक व रसमय व्याख्या है कि नागमती जल नही वरन सुलग रही है । अगर कोई चीज जलती है तो उससे धुँवा नही निकलता। नागमती तो तिल तिल मर रही है ।
एक और विशेष बात गौर करने वाली है , सूरदास ने भी गोपियों के विरह का वर्णन किया है जिसमे वह भी दिखलाते है कि गोपियं भी पेड़ो से बात करती है उनको धिकारती है ,
मधुवन तुम कत रहत हरे ,,,,,
पर यह उतना मार्मिक नही । इसीलिए नागमती का विरह वर्णन को रामचंद्र शुक्ल जी हिंदी की अमूल्य निधि माना है ।
जागरूकता
जब तक आप सामान्य आदमी की तरह जीवन जीते है तब तक कोई फर्क नही पड़ता पर जैसे ही आप गहन अध्ययन, मनन व् चिंतन करने लगते है तो आप को बहुत चीजे विचलित करने लगती है। जब आप महसूस करते है कि राजनीति, व्यापारी, मीडिया व शासन के मध्य एक अदृश्य समझौता है तब आप को बड़ी कोफ्त होती है । आज 2017 में भी भारत की बड़ी आबादी निरक्षर है विशेषकर महिला । ऐसे में जब तक हम पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य नही पा लेते तब तक चीजों में विशेष बदलाव नही देखेगे । विडंबना ही है कि आज भी देश में चुनाव में जाति, धर्म , धन का बोल बाला है ।
हिंदी साहित्य
देवसेना व् स्कन्दगुप्त का प्रेम , पाठकों के लिए अबूझ पहेली सा रहा । पहले देवसेना मोहित थी पर बाद में उदासीन हो गयी । यह कुछ कुछ गोदान की मालती और मेहता के बीच live in relationship जैसा भी न है ।
देवसेना प्रेम बहुत करती है पर सम्बन्ध में बंधने के लिए विमुख हो जाती है क्योंकि प्रेम में पड़कर स्कन्द देश के लिए समय न दे पाता । दिव्या में भी यही द्वन्द है पर उसमें दिव्या विवाह से पूर्व ही अपने प्रेमी को सौंप देती ताकि वह पूर्ण मन से युद्ध में भाग ले पर इस अनैतिक कृत्य के लिए उसे बिन ब्याही माँ बन ना पड़ता है और पुरे उपन्यास में उसे संघर्ष करते चित्रित किया गया है ।
सिविल सेवा में हिंदी साहित्य का पाठ्यक्रम बहुत रोचक व् जीवनदृष्टि विकसित करने वाला है । लंबे समय से इसे पढ़ते हुए , मेरी जीवन, समाज, प्रेम, के प्रति विशेष समझ विकसित हुयी है जिसके फलस्वरूप इन जटिल विषयों पर सरलता व् सहजता से विचार अभिव्यक्त कर पाता हूँ । thanks
आपका समय आपका कीमती धन है ।
प्रिय दोस्तों, यह बात आप ने पढ़ी या सुनी होगी पर आज एक नए सिरे से समझाता हूँ । मान लीजिये आप कोई नौकरी कर रहे है तो आपको सैलरी किस बात की दी जाती है , आपके समय के लिए । अब आप अपनी योग्यता, क्षमता, काबिलियत का विश्लेषण करें और देखे कि आप को आपके दिए गए समय के अनुरूप सैलरी मिल रही है कि नही । ऐसा तो नही है कि आप योग्य ज्यादा हो और छोटी चीजों से समझौता किये हो । अगर ऐसा है तो उन चीजों से निकलने की कोशिस करने में पूरी जान लगा दे वरना ताउम्र घुट घुट कर मरते रहेंगे ।
मुझे किसी भी सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...