BOOKS

मंगलवार, 24 जनवरी 2017

Hindi sahitya for ias mains : Novels

आईएएस के लिए हिंदी साहित्य में कुल 4 novel पढ़ने है ।
गोदान - प्रेमचंद्र
दिव्या  -यशपाल
मैला आँचल  -रेणु
महाभोज - मन्नू भण्डारी

चारों नावेल अपनी विषयवस्तु , भाषा शैली , उद्देश्य की दृष्टि से सरस, रोचक , प्रभावी व अनूठे है । इनका रचनाकाल भी उक्त क्रम में ही है । गोदान में भारतीय किसान की महागाथा , दिव्या में नारी स्वत्रंत्रता , मैला आँचल में भारतीय गावँ तथा महाभोज में राजनीति , खोखले लोकत्रंत की विद्रूपता का मार्मिक , सजीव , जीवंत सरस व मन पर अमिट प्रभाव छोड़ने वाला वर्णन है ।

शनिवार, 21 जनवरी 2017

He is really different




उससे मुलाकात मेरी स्पीपा में हुयी थी।  हुआ यह कि  उसको किसी ने बताया कि मेरा भी हिंदी साहित्य वैकल्पिक सब्जेक्ट है। वही मुझे खोजता हुआ आगे वाली लाइब्रेरी में आया था वो पीछे वाली लाइब्रेरी में बैठता था।  
पहली बार में मुझे लगा यह इंसान जमाने से बहुत पीछे चल रहा है।  मुझे ऐसे लोग बहुत आकर्षक लगते है।  उनमे बहुत सी चीजे खास होती है , सरलता से हद से ज्यादा होती है चिंतक जी की तरह । धीरे धीरे हम काफी अच्छे मित्र बन गए।  इसमें एक बड़ा योगदान हम दोनों का ऑफिस पास पास होने का भी था। एक दो बार उसके ऑफिस भी गया। उसके जीवन में बहुत सी बाते थी जो मेरे बड़े काम की थी।  मैंने उससे कहा  कि  तुम पर एक कहानी लिखूंगा , यह बात मैं लगभग हर किसी के कहता हूँ क्योंकि हर किसी में मुझको कुछ न कुछ खास बात दिख ही जाती है यह अलग बात है कि वयस्ततो के चलते बहुत कम लोगो पर लिख पाया हूँ।  

अब आज अचानक उस पर लिखने की वजह कल उसका फ़ोन आना है।  पता चला कि  वो अब शहर छोड़ कर जा रहा है , उसका प्रमोशन हो गया है और वो रायपुर जा रहा है।  सुनकर मुझे अच्छा न लगा वजह उसके साथ मुझे बहुत सी चीजे सीखने  को मिली थी। उसके होने से मुझे सम्बल मिलता था भले मुलाकात न हो या बात न हो।  खैर अब कुछ चीजे आपके साथ भी शेयर कर  रहा हूँ जो आपको भी लगेगी वो खास क्यों है.

 १.  किस्मत से मजदूर बनने से बच गया -  उसके गाँव  से कुछ लड़के पढ़ाई छोड़ कर गुजरात में कमाने निकल रहे थे।  यह उत्तर प्रदेश , बिहार , झारखण्ड में आम बात है , लड़के बम्बई , गुजरात , पंजाब कमाने के लिए निकलते रहते है ( यह देश की बड़ी विडम्बना है विषम विकास ) . वो भी निकलना चाहता था पर ऐन वक्त पर उसके पास पर्याप्त पैसे न इकठे हो पाए और वो वही रह गया।  समझ सकते है कि  वो किस स्तर पर था।  

२. उसकी ईमानदारी - जब उससे मुलाकात हुयी वो सेंट्रल गवर्नमेंट में अच्छी जॉब में था। इससे पहले वो इनकम टैक्स में टैक्स असिस्टेंट की तरह जॉब कर चूका था। उसकी वर्तमान पोस्ट में भी काफी पैसा है।( मैं  बहुत सी चीजे अभी लिख नही रहा हूँ पर कभी भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा। मैंने बहुत तरह के लोग देखे जो लंबी , चौड़ी , आदर्शवादी बातें  करते थे पर जब वो कमाई वाली सीट पर पहुँचे  तो सारी  हदे  पार कर  दी आपको जानकर बहुत हैरानी होगी चिंतक जी , जिनको हमारे बहुत से पाठक आदर्श मानते है जैसे लोग************   खैर जाने दीजिये . ) इस मित्र ने बहुत सी इस विषय में बताई जो वाकई आज समय में दुर्लभ है . बहुत विरले ही हाथ में आये पैसे को वापस लौटा पाते है . फेसबुक पर एक चर्चित युवा ias जिसके लेख आप भी पढ़ते होंगे आपको शायद यह बात सुनाई पड़ी हो उसने 300 करोड़ में शादी की है। 300  करोड़ की बात ठीक से पता नही है पर उनकी एथिक्स वाली बाते बहुत ही प्रभावी है।  यही है जिंदगी का दोहरापन ( एक पाठिका ने यह सवाल बहुत बार पूछा था अब समझ गयी न जिंदगी का दोहरापन )  
३.  प्रॉब्लम आंतरिक होती है न कि बाहरी - पिछले साल हम दोनों ने सिविल की तैयारी के लिए एक लाइब्रेरी ज्वाइन की। मैंने तो कुछ खास पढ़ाई न की पर उसके साथ काफी बातो पर चर्चा होती थी।  उसका यह लास्ट एटेम्पट था। उसने पूरी दम लगा दी। उन्ही दिनों एक बात बहुत अच्छी  बात बताई कि हमारी प्रॉब्लम आंतरिक होती न कि बाहरी।  अगर हम अपने भीतरी भाग पर विजय पा ले तो सारी चीजो पर विजय पा सकते है। पिछले साल , मेरी तैयारी सबसे शिथिल थी वो खैर हमेशा रही है पर मेरा इंटरव्यू काल आ गया। यह मेरे साथ साथ अन्य मित्रो के लिए भी हैरानी भरा था।  सच कहूँ तो मैं भी अपने हाथ पैर ढीले कर रखे थे कि मैं  सिविल के लायक नही पर यह उसकी संगति का असर था कि मैं आसानी से ही कॉल पा  गया। उसकी चीजे , अनुभव मेरे काम आये थे।  अफ़सोस , आखरी प्रयास में भी वो सफल न हो सका  . वैसे  ज्यादा अफोसजनक नही है क्योंकि वो अपनी जॉब में ही काफी ऊपर तक जाने वाला है।  


एक सैकड़ा बाते है पर अब मुझे विराम लेना होगा। भविष्य में उस पर जरूर लिखूंगा मुझे चीजे याद रहती है।  आशा है आपको इसमें कुछ बाते आपने  मतलब की मिल जाएँगी।  आपको पढ़ कर  अधूरापन लग रहा है , मेरी सबसे बड़ी शिकायत यही है मैं चीजे अधूरी छोड़ देता हूँ , मैं भी जानता हूँ कि हर पोस्ट , बहुत ही जल्दबाजी में लिखता हूँ पर कभी न कभी सब चीजे पूरी करूँगा , तुम पर भी लिखूंगा हाँ हाँ तुम पर भी 

कॉपी राईट - आशीष कुमार 

बुधवार, 18 जनवरी 2017

Your aim and arrow

आपका लक्ष्य और आपके तीर

आप के पास 6 या 9 या असीमित तीर हो सकते है पर लक्ष्य केवल एक । अपने तीरों को waste मत करे , चुन कर प्रयोग करे । एक ही तीर का प्रयोग करे। समय ले उसे तीक्ष्ण करे ताकि एक ही प्रयास में लक्ष्य भेद सके ।

if you read, try to write also


जमकर पढ़े और खूब लिखे 


अभी एक मित्र से बात हो रही थी । उनमे काफी समभावनए भी मुझे दिखती है । संभव है किसी दिन वो सिविल सेवा मे सफल भी हो । वो बता रहे थे कि अभी हाल मे ही the argumentative indian  पढ़ी । यह किताब , अमर्त्य सेन की सबसे  बेहतरीन किताबों मे एक है । मैंने उनसे कहा जो भी अच्छा पढ़ो , उस पर अपने विचार जरूर व्यक्त करो । 

हम मे बहुत से लोग बहुत सी अच्छी २ किताबे पढ़ते रहते है और भी बहुत सी चीज सीखते है पर उनको अपने तक ही बनाकर रखते है।  मेरी समझ से यह आपके ज्ञान के लिए उचित नही है। आप ज्ञान का परिवर्धन तभी कर  सकते है जब अपनी समझ को अभिव्यक्त करते रहे।  

आजकल तो सोशल साइट आपको बढ़िया प्लेटफॉर्म उपलब्ध करती है।  हर किसी को अपने विचार जरूर व्यक्त करने चाहिए। हो सकता है आपको कोई न पढ़े या ध्यान न दे पर उससे फर्क क्या पड़ता है। आपकी बातो में निखार धीरे धीरे ही आएगा और एक दिन आप पाएंगे कि आप तो बहुत अच्छे व्यक्तित्व के मालिक बन चुके है।  

अतीत में तो महान लोगो को अपनी बात रखने के लिए किसी चौराहे , मैदान में भीड़ को जुटाना पड़ता था।  आपको शायद पता ही होगा कि सुकरात , अपने विचार रखने के लिए सड़क पर लोगो को पकड़ लेते थे। मेरी बात आप समझ रहे होंगे। आज के समय अगर आप समाज , देश , विषमता के लिए कुछ अपने विचार नही रखते तो आप जीवित होते होये भी  मृत  है।  

आज से अपनी timeline पर लिखना शुरू करिये। बस यह ध्यान रखना कि आप जो भी लिखे वो मौलिक हो। किसी के विचार , कविता या कॉपी पेस्ट कर अपनी timeline को गन्दा मत करना।  आपकी पहचान तभी बनेगी जब आप खूब पढ़े और  मौलिक लिखे 


Copyright. asheesh kumar . 

मंगलवार, 17 जनवरी 2017

Nagmti ka virh

नागमती विरह वर्णन

हिंदी साहित्य में जायसी के पद्मावत में जैसा विरह वर्णन मिलता है वैसा अन्योक्त उपलब्ध नही । इन लाइन्स का आशय यह कि नागमती  कौवे और भवरें को संबोधित करते हुए कहती है कि आप मेरे प्रियतम से जाकर मेरी व्यथा कहो उनसे कहना कि  आपकी प्रियतमा , आपके वियोग में सुलग रही है और उसके धुएं से ही हम काले हो गए है ।

कितनी सरस,मार्मिक व रसमय व्याख्या है कि नागमती जल नही वरन सुलग रही है । अगर कोई चीज जलती है तो उससे धुँवा नही निकलता। नागमती तो तिल तिल मर रही है ।
एक और विशेष बात गौर करने वाली है , सूरदास ने भी गोपियों के विरह का वर्णन किया है जिसमे वह भी दिखलाते है कि गोपियं भी पेड़ो से बात करती है उनको धिकारती है ,
मधुवन तुम कत रहत हरे ,,,,,

पर यह उतना मार्मिक नही । इसीलिए नागमती का विरह वर्णन को रामचंद्र शुक्ल जी हिंदी की अमूल्य निधि माना है ।

सोमवार, 16 जनवरी 2017

Short essay

जागरूकता

जब तक आप सामान्य आदमी की तरह जीवन जीते है तब तक कोई फर्क नही पड़ता पर जैसे ही आप गहन अध्ययन, मनन व् चिंतन करने लगते है तो आप को बहुत चीजे विचलित करने लगती है। जब आप महसूस करते है कि राजनीति, व्यापारी, मीडिया व शासन के मध्य एक अदृश्य समझौता है तब आप को बड़ी कोफ्त होती है । आज 2017 में भी भारत की बड़ी आबादी निरक्षर है विशेषकर महिला । ऐसे में जब तक हम पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य नही पा लेते तब तक चीजों में विशेष बदलाव नही देखेगे । विडंबना ही है कि आज भी देश में चुनाव में जाति, धर्म , धन का बोल बाला है ।

रविवार, 15 जनवरी 2017

देवसेना और स्कन्दगुप्त का प्रेम

हिंदी साहित्य

देवसेना व् स्कन्दगुप्त का प्रेम , पाठकों के लिए अबूझ पहेली सा रहा । पहले देवसेना मोहित थी पर बाद में उदासीन हो गयी । यह कुछ कुछ गोदान की मालती और मेहता के बीच live in relationship जैसा भी न है ।
देवसेना प्रेम बहुत करती है पर सम्बन्ध में बंधने के लिए विमुख हो जाती है क्योंकि प्रेम में पड़कर स्कन्द देश के लिए समय न दे पाता । दिव्या में भी यही द्वन्द है पर उसमें दिव्या विवाह से पूर्व ही अपने प्रेमी को सौंप देती ताकि वह पूर्ण मन से युद्ध में भाग ले पर इस अनैतिक कृत्य के लिए उसे बिन ब्याही माँ बन ना पड़ता है और पुरे उपन्यास में उसे संघर्ष करते चित्रित किया गया है ।

सिविल सेवा में हिंदी साहित्य का पाठ्यक्रम बहुत रोचक व् जीवनदृष्टि विकसित करने वाला है । लंबे समय से इसे पढ़ते हुए , मेरी जीवन, समाज, प्रेम,  के प्रति विशेष समझ विकसित हुयी है जिसके फलस्वरूप इन जटिल विषयों पर सरलता व् सहजता से विचार अभिव्यक्त कर पाता हूँ । thanks

शनिवार, 14 जनवरी 2017

A story from Agra




पिछले दिनों मुझे किसी काम से Agra जाना हुआ . सुबह जब Ahmedbad से मेरी ट्रेन आगरा फोर्ट पर रुकी तो मैंने पाया इस शहर में बहुत ही ठंढ हो रही है . मै इसके लिए तैयारी से ही गया था . फोर्ट के बाहर जैसे ही आप निकलेंगे तो पाएंगे कि वहां पर बहुत ही ज्यादा भीड़ है . ऑटो वाले आपको प्लेटफोर्म से ही पकड़ने लगते है खैर यह तो हर जगह की कहानी है . बाहर निकल कर मैंने अपना उबेर एप ( डिजिटल इंडिया ) खोल कर देखा इस शहर की क्या पोजीशन है . पहले तो मुझे कुछ गाड़ी दिखी पर फिर बाद में न जाने क्या हुआ एप चला ही नही ( free jio service , न जाने कब धोखा दे जाये . ) 

फोर्ट स्टेशन से १०० मीटर की दुरी पर एक चौराहा है . वही से मुझे ऑटो पकड़ना था अपने एक रिश्तेदार के घर जाना था . बहुत भीड़ वाली जगह थी . चारो तरह लाइन से ऑटो खड़े थे . एक ऑटो में जा कर बैठ गया . 

(अब यहाँ से एक विचार मेरे मन में चलने लगा जो बड़ा ही रोचक है . आपको लगेगा यह गलत तरीका है पर फिर भी आप इसके लिए कोई सही तरीका नही सोच पायेगे . ) 

मै पीछे की सीट में बैठा था . मुझ को मिला कर ३ लोग बैठे थे . तभी एक लडकी आई पुरी तरह से पैक ( चेहरे को कपड़े से ढकना पता नही सही है गलत . यह तो कोई बुद्धिजीवी ही बता सकता है . आपको क्या लगता है ?) दूसरी साइड से आकर कुछ बोली . जब तक मै समझता ऑटो वाला लड़का आकर बोला कि आगे पीछे होकर बैठ जाओ  पीछे ४ लोग बैठते है . यह आगे पीछे वाला तरीका पहली बार नही सुन रहा था . पर शायद सालो बाद ऐसा करना पड़ रहा था . खैर आगे पीछे होकर सारे लोग सेट हो गये . आगे भी चालक को मिला कर ४ लोग थे . एक साइड २ सवारी , राईट साइड में १ सवारी . भगवान ही जाने वो कैसे बैठे थे . 

पिछली सीट में मेरे मन में बहुत सी चीजे चल रही थी . Smart City हम कितनी दूर खड़े है . मुझे एक चक्र महसूस हो रहा था . ऐसा तो नही है कि पुलिस , परिवहन विभाग के नजर में यह बात नही होगी . उनका हफ्ता बंधा होगा . एक चीज और भी सोचने वाली बात है कि लोग इस तरह की बदतर व्यवस्था को अस्वीकार क्यों नही करते . इसके पीछे भी वही बात है , हर कोई जल्दी में है . कोई बाद से ऑटो से नही आना चाहता है . अगर कोई चाहे भी तो कम से कम चौराहे से तो उसे ऑटो वाले नही मिलेंगे . उनका संगठन ऐसा न करने देगा . तो अपने देखा कि इस चक्र में हर कोई खुश लग रहा है . ऑटो वाले , यात्री , सरकार ( पुलिस, परिवहन विभाग ) . 

अब मान लो आप ऐसे किसी शहर में प्रशासक बन कर पहुचते हो तो आप एक चक्र को कैसे तोड़ोगे . क्युकी इसमें हर कोई खुश है . आपके नवाचारी परन्तु प्रक्टिकल सुझाव जरुर सुनना पसंद करूंगा . वैसे आपको भी आगे पीछे होकर बैठना  आता है कि नही . ( इसे ही desi bhasha me जुगाड़ कहा जाता है . ) 


Copyright _ Asheesh Kumar . 

आपके लिए एक जरूरी सुचना है , मैंने अपना फेसबुक पेज फिर से activate कर दिया है . आप फेसबुक पर इसी  ias ki preparation hindi me नाम से इसे खोज कर जुड़ सकते है . अपने पाठको से मै कभी नही कहता कि मेरी पोस्ट शेयर करो या लाइक करो पर मै हमेशा उनकी टिप्पणी की अपेक्षा करता हूँ . अगर आप टिप्पणी देना सीख जाते है तो एक दिन आप भी अच्छे लेखक बन सकते है . keep reading & be in touch. 

गुरुवार, 12 जनवरी 2017

BSF CONSTABLE VIDEO & SOCIAL NETWORK



BSF के कॉस्टेबल का वीडियो देखा या उसकी न्यूज़ जरूर  सुनी होगी । अभी पिछले साल ही सिविल सेवा में सोशल नेटवर्क से जुड़ा क्वेश्चन भी पूछा गया था।यह एक बढ़िया उदाहरण हो सकता है । उसने सही किया या गलत या वो गलत है यह चीजे जाने दीजिये । यह सोशल नेटवर्क का असर है कि इस तरह की चीजे सामने आ पाती है और साथ ही साथ उन पर क्विक एक्शन भी लिया जा रहा है । संगठन गलत नही हो सकता पर उसमे कुछ व्यक्ति जरूर गलत हो सकते है । इस तरह यह देखा जा सकता है कि सोशल मीडिया में गति है और इसका असर भी होता है . 

सोमवार, 9 जनवरी 2017

Time is money

आपका समय आपका कीमती  धन है ।

प्रिय दोस्तों, यह बात आप ने पढ़ी या सुनी होगी पर आज एक नए सिरे से समझाता हूँ । मान लीजिये आप कोई नौकरी कर रहे है तो आपको सैलरी किस बात की दी जाती है , आपके समय के लिए । अब आप अपनी योग्यता, क्षमता, काबिलियत का विश्लेषण करें और देखे कि आप को आपके दिए गए समय के अनुरूप सैलरी मिल रही है कि नही । ऐसा तो नही है कि आप योग्य ज्यादा हो और छोटी चीजों से समझौता किये हो । अगर ऐसा है तो उन चीजों से निकलने की कोशिस करने में पूरी जान लगा दे वरना ताउम्र घुट घुट कर मरते रहेंगे ।

सोमवार, 2 जनवरी 2017

TOP 5 U-TUBE CHANNEL WHICH ARE USEFUL FOR IAS PREPARATION ( HINDI MEDIUM)




                       दोस्तों , इन दिनों एक क्रांति की शुरुआत हो गयी है  अरे वही JIO . वास्तव में आने वाले समय में सूचना तक पहुच ही सबसे महत्वपूर्ण बात होने वाली है . कहने का आशय यह है कि जो सुचना तक जल्दी पहुचेगा वही आगे रहेगा . JIO ने इस दृष्टि से बहुत बढिया काम किया है इसने 5 करोड़ लोगों तक निशुल्क डाटा पहुचा कर , विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को इन्टरनेट का लाभ पहुचाया है .

                      आज की पोस्ट , उन दोस्तों के लिए जो अपने मोबाइल पर u TUBE चलाने में सक्षम है . दोस्तों , इन दिनों u tube पर बहुत से अच्छे  लोग आ गये है जो हिंदी माधयम के लिए बहुत ही हेल्प फुल है . सोचो आपको कोई hindu पेपर का विश्लेष्ण , हिंदी में बता दे तो कितना लाभ होगा . बाकि बात आप खुद चैनल पर जाकर देख ले .


  •   TheMrunalPatel    :  मृणाल पटेल का नाम बहुत सुना होगा . उनका चैनल मुझे सबसे ज्यादा पसंद है  यह अलग बात है कि वो बहुत चुनिन्दा विडियो डालते है पर उनकी क्वालिटी बहुत ही अच्छी होती है . 
  • only ias  :_ इस चैनल से अभी हाल में ही परिचय हुआ है। बहुत ही अच्छे तरीके से हिंदू पेपर को रोज हिंदी में पढ़ कर जरूरी बातें शेयर किया जाता है।   
  • Study Lover  :-  ये चैनल भी the hindu पेपर को हिंदी में पढ़ कर बताता है पर कुछ दिनों से यह स्टॉप है।  
  • Sandeep Maheswri  :- इसके विडिओ अपने जरूर देखे होंगे। ये उभरते हुए मोटिवेशनल स्पीकर है। इनको आप अपना फ्लो बनाये रखने में use क़र सकते है। 
  • Rajya Shabha TV :- मेरी नजर में सबसे बेहतरीन , उपयोगी चैनल है। इसके ज्ञान विज्ञानं , देश देसान्तर मेरे पसंदीदा कार्यक्रम है। 
एक चैनल आपको बोनस की तरह बता रहा हूँ अच्छा बहुत है पर अंग्रेजी में है।  इसे भी देखना। 
 
  • Taget gs :- ये चैनल अभी स्टार्ट up जैसा है। सबसे  अच्छी बात है कि इसके विडिओ छोटे और to the point होते है। 

आपको कुछ चीजे और बता दूँ।  इन चैनल को सब्स्क्रिब कर ले। इससे जब नए विडियो आएंगे आपको आपके मोबाइल में नोटिफिकेशन मिल जायेगा। मोबाइल में u tube का app मोस्टली होता ही है।  न हो तो प्ले स्टोर से ले ले।  

पोस्ट कैसी लगी , जरूर बताना।  आने वाले दिनों में कुछ ऐसी और बहु उपयोगी पोस्ट लिखूंगा। अगर आपकी नजर में कोई अन्य उपयोगी चैनल हो या अपना कोई चैनल शेयर करना हो तो कमेंट में लिख सकते है।  





शनिवार, 31 दिसंबर 2016

20 Best New Year Resolution for IAS Preparation



हेल्लो  दोस्तों , कैसे है  आप ? नया साल आपको बहुत बहुत मुबारक हो . आशा करता हूँ आप के लिए यह साल बहुत सी अच्छी अच्छी सौगात ले कर आयेगा . आज आपको कुछ ऐसे बिंदु बता रहा हूँ जो आपकी तयारी में बहुत धार देंगे . इन्हें आप नये साल के लिए संकल्प की तरह प्रयोग कर सकते है .


  1. diary लिखने की आदत डाले . 
  2. The hindu पढने की आदत डाले . 
  3. अपनी fitness का भी ध्यान जरुर रखे . 
  4. लिखने पर बहुत जोर दे . 
  5. नये और अच्छे words का प्रयोग करना सीखे . 
  6. अपने लिए एक time table बनाये . 
  7.  खुद के नोट्स बनाये . 
  8. अपनी हॉबी के लिए जरुर समय निकाले. 
  9. सुबह जल्दी उठने की आदत डाले . 
  10. Internet पर अपना टाइम बहुत सावधानी से use करे . 
  11. उन लोगों से बचे जो नकारात्मक होते है . 
  12. खुद से हर चीज सीखने का प्रयास करे . 
  13. हमेशा याद रखे कि आईएएस अपने सपनो को पूरा करने का एक जरिया मात्र है .
  14. आपकी जिन्दगी की हर चीज आईएएस पर ही नही निर्भर करती है .
  15. हमेशा याद रखे कि आप में योग्यता होगी तो आप आईएएस से इतर भी अपने आपको साबित कर देंगे .
  16. किसी से मदद ले तो उसके प्रति अहसानमंद होना सीखे . 
  17. अपनी प्राथमिकता तय करे . 
  18. अपने टारगेट को अपने टेबल के सामने चिपका दे . 
  19. हर रोज अपने टारगेट को दोहराए . 
  20. सोने से पहले सारे दिन का विश्लेष्ण करे और अगले दिन की प्लानिंग कर ले . 

आपको यह पोस्ट कैसी लगी और अपने नये साल के लिए क्या संकल्प लिया है कमेंट में जरुर बताना . थैंक्स . 


शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

A story from my village





                        काफी दिनों बाद माँ से बात हुयी तो पता चला कि पड़ोस वाले खेत में बाड़बंदी हो गयी है। स्टील वाले तारों से पड़ोसी ने अपने खेत सुरक्षित कर लिए है। मैंने पूछा उनके खेत में क्या बोया गया है तो माँ बोली गेहूं ही है।  यह बात जरा चकित करने वाली थी क्योंकि मैं गेहूं को वैसी फसल नही मानता था जिसके लिए स्टील के तार लगवाने पड़े। फिर मुझे कुछ याद आया ऐसा क्यू हुआ होगा ? 

                       पिछली बार जब मेरा गांव जाना हुआ तो मैंने एक बात नोटिस की थी। रोड के किनारे , बागों में बाड़बंदी स्टील के तारो से करा दी गयी है। ये स्टील के तार बहुत तेज थे इनमें दोहरी धार थी। यह भी पता चला कि किसी की भैस इन तारों में फस कर मर गयी है।  मान लो सड़क से कोई मोटर साइकिल में जा रहा व्यक्ति अपना संतुलन खो दे और इन तारो में जा फसे तो मर ही जायेगा।  

                       इन चीजो के तह में गया तो एक बड़ा पहलू नजर आया।  मेरा जिला घोषित / अघोषित तौर पर चमड़े का उत्पादक जिला है। दही चौकी में कई ऐसी फैक्ट्री है जो पशुओं का मांस निर्यात करती है। सुनने में आता है कि इन फैक्ट्री में काफी सशक्त लोगों की हिस्सेदारी है। जब से गाय पर प्रतिबंध लगा तब से चीजे बदली।  वैसे भी इन फैक्ट्री में कटने ले लिए , पशु ट्रकों में लद कर रात में आते थे पर अब सख्ती के चलते बहुत बार ट्रक में पशु पकड़े गए तो वो पशु आवारा छोड़ दिए गए। धीरे धीरे पुरे शहर और गांवो में इस तरह के आवारा पशुओं की तादाद बढ़ने लगी। 

                    पहले ये मरियल , कमजोर पशु थे पर अब ये खेतों में आवारा रूप से चरने लगे। अब खूब तगड़े और बड़े झुण्ड खेतों में दिखने लगे। ये न केवल खड़ी फसल चरते थे बल्कि जिस खेत से गुजरते है पूरा खेत चौपट हो जाता है। इस समस्या में बहुत से पहलू है। जो लोग इससे पीड़ित है उनके पास कोई हल नही है। सुनने में यहाँ तक आ रहा है कि यह मुद्दा यूपी के चुनाव में बड़ा असर डालेगा। कभी कभी दबी जुबान में लोग इसकी चर्चा भी करते है। 

                    अभी हाल में मैंने पढ़ा कि राजस्थान में इस तरह के आवारा पशु की समस्या से निपटने के लिए , ट्रैकिंग id  लगाई जाएँगी जोकि एक अच्छा विकल्प हो सकता है। एक प्रश्न उठता है कि जब तक पशु दूध दे तक तो किसान उसे पालता है पर गैर दुधारू पशु को खुला छोड़ देना या कटने के लिए दे देना कहा तक सही होगा। 

                   इन सब चीजो में किसानी , खेती की बड़ी हानि हो रही है।  वैसे भी खेती में लागत दिनों दिन बढ़ती जा रही है।  सरकार कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।  तरह तरह की योजनाए चलाई जा रही है पर इस तरह के पहलू पर कौन ध्यान देगा।  हर कोई बाड़बंदी नही करा सकता है काफी लागत लगती है और यह रिस्की भी है।  

फुटनोट :-  टीपू की कहानी 


                     टीपू की उम्र ज्यादा न होगी पर बड़ा सयाना हो गया है। उसके बाल पुरे भूरे है अंग्रेज जैसे। शुरू के दिनों में इस चीज का काफी मजाक उड़ाया जाता था कि उसके बाल ऐसे कैसे हो गए है। उसके सयानेपन का एक उदाहरण देता हूँ।  आज से ६ साल पहले जब मेरे पिता जी की डेथ हुयी थी तो टीपू मुश्किल से ७ या ८ साल का रहा होगा। मेरे पास आकर बोला " अब आपके पापा तो मर गए है अब तुमको ही सब देखना है। " इस तरह के बहुत से उदाहरण है आप सुने तो हैरान हो जायेंगे उन पर फिर कभी।  

                        टीपू ने ऊपर वर्णित आवारा पशुओ में एक गाय का छोटा बच्चा पकड़ लिया। दरअसल अब उन झुंडो में ऐसे भी पशु है जो उपयोगी भी हो सकते है। टीपू ने सोचा इसे पाल पोश ले तो दूध भी मिलेगा और बाद में उसे बेच कर कुछ रूपये मिल जायेगे। उसकी मम्मी और भाई ने मना भी किया पर माना नही।  कुछ दिन तो वो बच्चा रहा पर एक दिन जब टीपू उसे चराने ले गए तो उसने टीपू पर हमला कर दिया। टीपू को बुरी तरह घायल कर , वो जंगल में भाग गया।  



Copyright - Asheesh Kumar . ( Do not copy & paste . Please give your valuable comment . ) 




गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

A question from my IAS interview 2015




      2015 के आईएएस  इंटरव्यू जोकि मई 2016 था , में मुझसे एक सदस्य ने पूछा कि इन दिनों ग्रामीण लोग किस चीज पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च कर  रहे है। मैंने कहा  " खेती में " क्योंकि इन दिनों  निवेश लागत काफी बढ़ गयी है। बात मेरी सही थी पर वो सदस्य संतुष्ट न लगे।  उन्होंने ने जबाब दिया कि  स्वास्थ्य पर। 


बाद में मैंने कई जगह इस बारे में पढ़ा वो वाकई सही कह रहे थे।  अभी हाल  में ही मैंने कही  पढ़ा  कि हर साल जितने आदमी , गरीबी से बाहर  निकलते है उसके आधे फिर से गरीबी में पहुच जाते है क्योंकि उनका हेल्थ पर खर्च , उनकी आय से कई गुना ज्यादा होता है। वैसे भी आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति शुद्ध पेयजल , पोषण युक्त  भोजन तथा स्वच्छ परिवेश के आभाव में जल्द बीमार पड़ जाता है या यूँ कहे कि उसके बीमार होने का अनुपात ज्यादा होता है।  

ऐसे में इस समस्या के निपटने के लिए बहुआयामी कदम उठाये जाने चाहिए।  एक और स्वास्थ्य सेवाओं तक सबकी पहुँच आसानी से होनी चाहिए दूसरी ओर सरकार की ओर से चलाई जा रही स्कीम्स का उचित क्रियान्वयन , सटीक निगरानी के साथ साथ इनसे जुड़े अधिकारियों की जबाबदेही भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस दिशा में विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा चलाये जा रहे सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज कार्यक्रम की भी उपयोगिता साबित होगी।  

अपने पढ़ा होगा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है उसको आने वाले वर्षो में डेमोग्राफिक डिविडेंड यानी जनसंख्या लाभांश प्राप्त होगा। ऐसे में भारत की बड़ी आबादी द्वारा स्वास्थ पर बढ़ता खर्च , इस दिशा में भारत के सपनों को चूर कर सकता है। पर्याप्त आय के आभाव में ग्रामीण परिवार शिक्षा पर ज्यादा खर्च भी नही कर  पाएंगे इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के लिए वैकल्पिक रोजगार का भी बड़ी मात्रा में सृजन  किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार द्वारा रुबन मिशन चलाया जा रहा है जिसमे क्लस्टर आधारित विकास पर जोर दिया गया है।  

( दोस्तों , इस तरह के लेख , एक प्रकार से निबंध के लिए मेरी प्रैक्टिस है जो किसी भी विचार पर छोटे छोटे लेख के रूप में लिखने की कोशिस करता हूँ।  आप इन पर अपनी अमूल्य राय , समीक्षा जरूर दीजियेगा।  थैंक्स। ) 

By  - आशीष कुमार 


बुधवार, 21 दिसंबर 2016

Some real problems




कभी कभी मै सोचता हूँ कि क्यू दिनो दिनों विषमता बढ़ती जा रही है। सरकार की सैकड़ो स्कीम चल रही है पर उनका समाज पर प्रभाव नही दिखता है।  अगर  इनसे जुडी रिपोर्ट का अवलोकन करे तो पाएंगे कि  आजादी के बाद धन , पूंजी कुछ सीमित  वर्ग तक ही इकठा होती रही। इन सब के पीछे बहुत सी वजह है पर मैंने एक चीज विशेष तौर पर महसूस किया है कि  इस बढ़ती विषमता के पृष्ठ में सबसे बड़ी वजह आम  लोगो तक खास ज्ञान की पहुँच  न होना या सिमित होना है।  

उदाहरण के तौर पर मैं बहुत रोचक बात बताता हूँ।  सिविल सेवा के एग्जाम में मुझे बहुत लंबा अनुभव रहा है।  मैंने बहुत बार इस एग्जाम में ऐसी चीजो से जुड़े प्रश्न देखे है जो समाज में प्रचलित होने में २ या ३ साल लग गए। कहने  आशय  यह कि  जैसे पिछले साल आईएएस के प्री  एग्जाम में li-fi से जुड़ा प्रश्न पूछा गया था।  अब यह तकनीक इतनी एडवांस है कि  भारत में इसे प्रचलित होने में ५ साल से कम क्या समय लगेगा।  इसी तरह काफी पहले wi fi  के बारे  में पूछा था जो अब हर व्यक्ति तक पहुच गयी है।  

हलाकि इस तरह के उदाहरण ज्यादा सटीक नही होते है क्योंकि सिविल सेवा , सर्वोत्तम का चयन करती है पर अगर कोई आम व्यक्ति इसकी तैयारी  करता है और उस तक सर्वोत्तम ज्ञान की पहुँच नही है तो इसमें उसका क्या दोष है ? 

इससे तो यही लगता है कि सिविल सेवा जोकि विषमता दूर करने का एक बड़ा , बढ़िया माध्यम हो सकता है पर वो हो न पायेगा।  अब हर कोई the  hindu , test series , english  में expert नही हो सकता है इन सब के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आर्थिक दशा बहुत अच्छी  हो।  

इसी लेख में आप उन कारणों को भी खोज सकते है जो कि  हिंदी / क्षेत्रीय भाषा में  चयन के निरन्तर गिरते स्तर का कारण  है।  



By - आशीष कुमार।  

सोमवार, 12 दिसंबर 2016

That 48 hours





                आम तौर पर जब पास के मार्किट से सामान लेने जाना होता है तो पैदल ही जाता हूँ पर कभी कभी आलसवश बाइक से भी चला जाता हूँ।  ५० मीटर भी दुरी न होगी।  उस दिन मुझे दूध लेने जाना था तो बाइक लेकर गया।  दूध ले रहा था दूसरी और केले दिखे। इन दिनों केले बहुत मीठे आते है। उन्हें लेने चला गया। केले ले रहा था तो चौराहे के तीसरी ओर मुझे सेब दिखे।  काफी दिन हो गये थे सेब खाए सोचा आज ले ही लिए जाये।  फलाहार अच्छी चीज होती है मन में सोचा। सेब तौला रहा था कि मुझे बहुत सोधी खुशबू की महक आई।  यकीनन अहमदाबाद में यह खुशबू विस्मय का विषय थी।  ऐसा लगा कि up वाली स्टाइल में कही पास आलू की टिक्की बनाई जा रही हो। इसमें लेश मात्र झूठ नही , उसकी दुकान मैंने खुशबू से ही खोजी।





मार्केट में उसकी दुकान दिखती नही थी क्युकी उसकी ठेलिया पीछे लगती थी। मैंने अपने हाथो में दूध , केला और सेब लिए उसके पास पहुच गया। ५ मिनिट में सारी जानकारी ले डाली।  इटावा का आदमी था , पहले चंडीगढ़ में आलू टिक्की बेचा करता था अब ३ महीने से यही है।  मैंने उससे हर चीज जानने की कोशिस की कितनी लागत लगती है , बिक्री कितनी होती है , बचत कितने की होती है।  उसके किराये के तौर पर कितने रूपये देने पढ़ते है। इन सब के पीछे वजह यह थी कि मुझे अपने प्रान्त का आदमी मिल गया था और अपने घर जैसा कुछ खाने को मिलता। २० रूपये में दो टिक्की दिया।  बहुत स्वादिष्ट थी।  कुल मिलाकर वो ३ चीजे बेच रहा था।  मैंने बाकि चीजे दुसरे दिन खाने का वादा करके चला आया। चलते चलते उसे कुछ बिजनेस से जुड़े कुछ टिप्स भी दिए।  आपको पता ही होगा सरकारी आदमी , हमेशा धंधे की ओर आकर्षित होता है और धंधे वाला आदमी , सरकारी नौकरी के प्रति आकर्षित रहता है। वैसे भी इन दिनों स्टार्ट up का खूब चलन है मैंने उसे ऐसे ज्ञान दिया जैसे मै आईआईएम , अहमदबाद से पढाई करके निकला हूँ।  उसकी दुकान से जब चला तो मेरे मन में यह बात घूम रही थी मान लो यह आदमी का धंधा खूब चल निकला और इसने अपनी ठेलिया की चैन सीरिज खोल दी तो। 


अगले दिन में ऑफिस न जाकर , फील्ड पर जाना था।  गाड़ी लेने आई थी।  सारा दिन काम किया और रात में देर तक पढाई की। अगले दिन भी गाड़ी लेने आई। फिर सारा दिन काम किया और रात में पढाई की। तीसरे दिन मुझे ऑफिस जाना था।  सुबह देर से उठा पता न क्या सुझा सोचा आज खाना भी बना लिया जाय। खाना बनाते बनाते ११ बज गया।  जल्दी से खाना पैक कर , हेलमेट उठा कर नीचे गया। मेरा नया रेड कलर का हेलमेट बड़ा प्यारा है इसलिए इसे बाइक के साथ न रख फ्लैट में रखता हूँ।  

नीचे जाकर देखा तो बाइक न दिखी। एक पल को यकीन न हुआ। आखे मीच कर देखा तो भी बाइक न थी।  मेरी जान सूख गयी। सोसाइटी में कैमरे भी लगे है , सोचा यहाँ से कौन ले जा सकता है। इतना तो यकीन था जो भी बाइक की चोरी की होगी पकड़ा तो जायेगा ही।  हाथ में हेलमेट लिए मै गेट तक आ गया।  दिमाग पर जोर डालने लगा , कही मै ही तो बाइक नही ले गया था। अगर गया भी होगा तो पास तक ही।  सच में , दोस्तों आपको अजीब लग रहा होगा मुझे जरा भी याद नही आ रहा था कि बाइक कब और कहाँ तक ले गया था।  पता नही किस विश्वास से मै चौराहे तक आ गया।  मुझे दो जगह की संका हो रही थी या तो मै दूध लेने गया होऊंगा या फिर अगले चौराहे तक होटल में खाना खाने। 

चौराहे के दूसरी ऑर एक गन्दी सी बाइक दिखी। मुझे अपनी बाइक पहचाने में जरा भी देर न लगी।  पुरे ४८ घंटे वह वही खड़ी रही। मैंने डेरी वाले से बोला मेरी यह बाइक है और मै ले जा रहा हूँ। उसने कहा ले जाओ तुम्हारी ही है न ? मै ने उसे यकीन दिलाया हा मेरी ही है।  बाइक उठाते वक्त , मैंने चारो तरह नजर डाली , बाइक डेरी के बाहर लगे एक कैमरे के दायरे में थी। शायद किसी ने उसे उस जगह तक खिसका दिया था।  


Copyright - ASHEESH KUMAR 

( दोस्तों , कैसी लगी यह घटना ( यह कहानी नही हकीकत है . ) ................ क्या आप भी कभी इस तरह कुछ भूले है . ) 





शनिवार, 10 दिसंबर 2016

BOOKS LIST, TIPS, STRATEGY FOR PHILOSOPHY IAS MAINS ( HINDI ME )



प्रिय दोस्तों , आपने  ने बहुत बार मुझसे वैकल्पिक विषय के बारे में पूछा है।  मैंने बहुत से लोगो को हिंदी साहित्य के लिए बोला पर कुछ लोगो को यह कठिन लगता है।  इसलिए आज आपके लिए एक बहुत अच्छे सब्जेक्ट  के बारे में बताने जा रहा हूँ।  यह आईएएस के लिए सबसे लघु सब्जेक्ट माना जाता है . यह सब्जेक्ट है दर्शन शास्त्र . यह लेख मेरे एक मित्र के दिए गये सुझाव के आधार पर लिखा गया है . वह आईएएस के कई मैन्स लिख चुके है तथा १ इंटरव्यू भी दे चुके है . जल्द ही वह सफल भी होंगे ऐसी मुझे आशा , विश्वास है . हमारे पाठको के लिए यह सुविधा भी है कि वह उनसे आईएएस से जुडी टिप्स के लिए मेल भी कर सकते है . उनका मेल मै लेख के अंत में उपलब्ध करा दूंगा . 

दर्शन शास्त्र

  •  पहला पेपर -  १. भारतीय दर्शन  २. पाश्चात्य दर्शन 
  • दूसरा पेपर  -   १. सामाजिक राजनीतक दर्शन २. धर्म दर्शन 

  1.  अन्य विषयों की तुलना में छोटा पाठ्यक्रम लेकिन विषय वस्तु पर गहराई आवश्यक है . 
  2.  अच्छे नंबर लाने के लिए अभ्यास बहुत जरूरी है . 
  3. सभी दर्शनों का तुलनात्मक अध्यन जरूरी है . 
  4. भारतीय दर्शन की पाश्चत्य दर्शन से तुलना करने का अभ्यास जरूरी है . 
  5. भारतीय दर्शन में कई संस्कृत के श्लोक अगर लिख दिए जाये तो अंक बहुत ही उम्दा मिलते है . 
  6. कुछ टॉपिक एक बार पढने से शायद समझ में न आये पर धीरे धीरे आपको ज्ञान होने लगता है .
  7. इस विषय को दोबारा याद करने में सबसे कम समय लगता है . 
  8. इस विषय को लेने से , इसमें दक्ष होने से आप में तार्किकता आती है जिसका लाभ निबंध , अन्य पेपर भी पढ़ता है . 

जरूरी किताबे 


  1.  भारतीय दर्शन की रुपरेखा -  H. P. SINHA 
  2. पाश्चत्य दर्शन   -  याकूब मसीह 
  3. समकालीन पाश्चत्य दर्शन - बी. के. लाल 
  4.  धर्म दर्शन - वेद प्रकाश वर्मा 
  5. सामाजिक राजनीतक दर्शन - ओ.पी. गाबा 
  6. पंतजलि या इग्नाइटेड माइंडस के प्रिंटेड नोट्स 


दोस्तों , हिंदी माध्यम के लिए कुछ सबसे अच्छे विषयों में एक दर्शन शास्त्र के लिए जरूरी टिप्स और बुक्स आपको कैसी लगी बताना जरुर . जिन लोगो को आईएएस / दर्शन शास्त्र से जुडी अन्य कोई हेल्प चाहिए तो आप इस kundanex@gmail.com  पर कॉन्ट्रैक्ट कर  सकते है .


SEVEN SOCIAL SIN BY MAHATMA GANDHI IN HINDI



इस साल आईएएस मैन्स 2017 के एग्जाम में , एथिक्स के पेपर में महात्मा गाँधी द्वारा बताये गए ७ सामाजिक पाप पूछे गए है।  बहुत से लोगो के लिए यह नया  प्रश्न था।  आज आपको भी उन ७ पापो के बारे में परिचय दे रहा हूँ।  


  • बिना सिद्धान्तों  के राजनीति 
  • बिना काम के धन 
  • बिना अन्तःकरण के आराम 
  • बिना चरित्र के ज्ञान 
  • बिना नैतिकता के व्यापार 
  • बिना मानवता के विज्ञानं 
  • बिना बलिदान के पूजा 

यह 1925 में गाँधी जी के समाचार पत्र ' यंग इंडिया ' में प्रकाशित हुए थे।  

शुक्रवार, 11 नवंबर 2016

That old man :how sad


वो बुढा आदमी



पिछले दिनों मेरा kanpur से Ahmedabd bus से आना हुआ . हैरान मत हो इतने लम्बे सफर के लिए भी बस चलती है ओर बहुत बार यह रेल से कम समय भी लेती है . festival season था इसलिए यही पकडनी पड़ी . २५ से २७ घंटे के सफर में बस बहुत जगह रूकती हुयी चलती है .

ऐसे ही एक जगह (होटल ) पर  बस  रुकी थी . सभी लोग जल्दी से उतर रहे थे . किसी को चाय पीने की जल्दी थी तो किसी को हल्का होना था . मै भी जल्दी से wash room की ओर गया . hotel अच्छा था . बाथरूम काफी साफ था . उसी समय मैंने कुछ ऐसा देखा जो बहुत ही वीभत्स था .

एक बुढा आदमी कमोड के निकलने वाले पानी को हाथो में लेकर , अपना मुह धो रहा था , साथ ही साथ देसी स्टाइल में कुल्ला भी कर रहा था . जाहिर है वो आदमी कमोड और वाश बेसिन में फर्क नही कर पा रहा था . दरअसल उन्ही कमोड के बगल में , एक wash basin भी लगा था ओर लोग वहा मुह धो रहे थे . शायद उस बूढ़े आदमी को लगा कि कमोड भी इसी लिए बने है वैसे भी उनमे उपर से पानी गिर रहा था जिसे वो आदमी अपने हाथो के सहारे रोक कर अंजुरी भर रहा था .

ऐसे में किसी को टोकना , उसे अपमानित करने सरीखा होता है वो आदमी भडक सकता है पर मुझसे रहा न गया . मैंने उसे बोला यह क्या कर रहे हो . नीचे मूत रहे हो और उपर के पानी से कुल्ला कर रहे हो . उस आदमी ने मेरी ओर देखा और बगैर कुछ कहे वाशरूम से निकल आया .

भारत में काफी दिनों से स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है . मेरी समझ में साफ - सफाई की समझ के लिए लोगों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है . वो आदमी , अपने मुह की सफाई तो कर रहा था पर अनजाने में शायद कुछ बीमारी को invite कर रहा था .


- by Asheesh kumar 

Finally, chintak ji joined his Department

अंततः चिंतक जी अपना विभाग ज्वाइन कर लिया



             बहुत सी उथल पुथल वाली खबरों के बीच चिंतक जी  ने 2 नवंबर को अपना पद ग्रहण कर लिया ।बहुत से रोचक अनुभव भी शेयर किया । अब उनके पास जियो सिम भी है और बहुत तेजी से तकनीक ग्रहण कर रहे है
पता नही ,जब वो अपनी सारी कहानी पढ़ेंगे तो क्या रियेक्ट करेंगे ।

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