एक मासूम लड़के की कहानी
लगभग चार साल हुए होंगे यही अहमदाबाद की ही बात है। एक महीने के लिए मुझे डोरमेन्ट्री में रहना पड़ा था। वही उससे मुलकात हुयी थी। मेरे बेड के पास ही उसका बेड था। जब परिचय की बात आती है तो मेरी कोशिश रहती है कि जॉब के बारे में बात न करू। जॉब प्रोफाइल के बारे में बात न करने के कुछ विशेष कारण है -हमारे समाज में आज भी खाकी यूनिफार्म और तीन स्टार का कुछ ज्यादा ही महत्व है। पोस्ट के बारे बगैर कुछ जाने कई बार काफी लोग ने उम्मीद लगा ली कि ट्रैफिक वाला अगर पकड़ेगा तो मेरा एक फ़ोन ही काफी होगा। कुछ ऐसे प्रकरण पहले हो चुके थे इसलिए मैंने वहां बोला कि लिखता हूँ।
बगल वाले मित्र , अहमदाबाद में बैंक की परीक्षा की तैयारी करने के लिए आये थे। कुछ किताबे उनके बेड पर पड़ी थी। मैंने उनसे एक दो सरल सवाल पूछे वो बता न पाए। एक दो दिन बाद शाम को मुझसे बोला कि पार्क चलते है घूमने के लिए। पार्क में जाते ही वो मित्र कहने लगे कि आप से मुझे कुछ विशेष बात करनी है आप तो कहानी लिखते हो , मेरी भी कहानी सुन लो और बताओ मैं क्या करू ?
उस दिन अपने कुछ सरल से सवाल पूछे थे तो मैं केवल तनाव के चलते नहीं बता पाया था। मैं इन दिनों बहुत तनाव से गुजर रहा हूँ। मैंने कहा कि आप पूरी बात बताओ। उस शाम की पार्क में बात और बाद में कई बातों को जोड़कर यह कहानी बनती है।
वो महाराष्ट्र (गुजरात सीमा के करीब ) के रहने वाले थे. अपने परिवार के अकेले लड़के थे। घर में खेती बारी खूब थी। गन्ने की खेती से अच्छी आय होती थी. तीन खंड का बढ़िया मकान बना था। उनकी शादी गुजरात में रहने वाली लड़की से तय थी. मित्र बहुत ही सीधे -भोले भाले किस्म के थे। पढ़ाई ठीक ठाक कर ली थी पर जॉब करने का कोई इरादा न था। अकेले लड़के थे तो घर में रहकर ही माता पिता की सेवा करने का इरादा था।
लड़की जरा तेज थी। उनकी इंगेजमेंट हो गयी थी। लड़की ने मित्र पर दबाव डाला कि जब तक जॉब नहीं करोगे मैं शादी नहीं करूंगा। वो बेचारे पहले कुछ दिन किसी फार्मा कंपनी में 10 -१२ हजार वाली जॉब में लग गए। घर में सालाना 10 से 15 लाख की आमदनी थी , इसके बावजूद वो लड़की के दबाव के चलते नौकरी करने लग गए। लड़की ने कहा कि सरकारी नौकरी करो। इसके लिए ही वो अहमदाबाद आये थे और बैंक की परीक्षा के लिए कोचिंग कर रहे थे।
अब मुझे ठीक से याद नहीं आ रहा है पर पूरा प्रकरण उन्होंने बताया था। उनको पता चला कि लड़की , किसी गैर जाति के लड़के से जुडी है और उसके साथ घूमती फिरती है। इसके बाद वो खुद काफी जानकारी जुटाई थी , मुझे कई स्क्रीन शॉट दिखाई कि यह इतनी रात तक व्हाट एप पर ऑनलाइन थी और न जाने क्या क्या। सगाई , इनके साथ हुयी थी और इनको अपने गांव , समाज में इज्जत बड़ी प्यारी थी।
मैंने कहा कि रिश्ता तोड़ दो तो वो बोले कि नहीं तोड़ सकता। दरअसल लड़के के परिवार की कोई बहन , इनके भावी पत्नी की ओर शादी की गयी थी। मित्र को डर था कि अगर मैंने रिश्ता तोडा तो मेरी बहन को परेशान कर सकते है।
पहले लड़की मना करती रही कि उसका कोई चककर नहीं है पर एक बार मित्र जब किसी पार्क में मिलने गए तो लड़की ने स्वीकार कर लिया कि हाँ वो किसी लड़के से बहुत प्यार करती है और उसी से शादी करना चाहती है केवल घर वालों के दबाव में ही सगाई की थी। लड़का यह सुनकर बहुत दुखी हुआ और सब जानने ( दैहिक सम्बन्ध ) के बावजूद उस लड़की से बोला कि तुम्हारे कल से कोई मतलब नहीं , आज से नई रिश्ते की शुरुआत करो। प्यार अँधा होता है। लड़की मानी नहीं। वो अपने घर में कुछ न कहती पर मित्र , उसकी हरकतों से मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहा था।
तमाम बातें है , सबका उल्लेख करना जरूरी नहीं है। मित्र को यह भी तनाव था कि उनकी होने वाली बहू के बारे में जब उनके बूढ़े माता पिता को पता चलेगा तो उनके परिवार की साख मिट्टी में मिल जाएगी।
जैसा कि मैंने पहले बताया है कि मैं वहाँ बस एक माह रहा था पर मित्र बहुत गहरे से जुड़ गए थे। सम्पर्क बना रहा। मुझे सरल , सीधे साधे लोगों से जुड़ना बहुत अच्छा लगता है, होशियार , मौक़ापरशत लोगों से जुड़ भी जाऊ तो भी रिश्ते में गर्मजोशी नहीं दिखाता। मित्र से भले काफी अंतराल तक बात भले न हो पर दिल के बहुत करीब है। दरअसल आज के समय में , सरल स्वभाव के लोग दुर्लभ से हैं।
मित्र भी कुछ महीने बाद अपने गांव चले गए। फ़ोन पर बात करते रहते। मुझे उनकी कहानी का अंत जानने की बड़ी इच्छा थी। एक रोज उनका फ़ोन आया - आशीष भाई अमुक तारीख को मेरी शादी है आप आना जरूर है। बहुत खुश थे। मैंने पूछा - उसी लड़की से हो रही है शादी। वो बोले नहीं। मित्र ने मुझे बाद का कुछ विवरण दिया।
जब लड़की की हरकते बहुत बढ़ गयी तब लड़के ने अपने समाज की पंचायत बुलाई। लड़की ने बड़ा हगांमा किया कि सब झूठे आरोप है पर पंचायत सभी बातों को समझकर सगाई तोड़ने का फैसला दिया । इसके बाद मित्र ने एक गरीब घर की होनहार, सुशील लड़की (मित्र बुलाते रहते है कि आपकी भाभी बहुत तरह की आइसक्रीम बनाना जानती है ) से दहेजरहित शादी की। वो मित्र बहुत खुश थे। कई दिनों के लिए पहाड़ी जगहों पर हनीमून के लिए गए।
पहली लड़की , अपने प्रेमी की कार , कपड़े देखकर उसे बहुत आमिर समझ बैठी थी । मित्र गांव से जरूर थे पर ठोस आर्थिक स्थिति थी उनकी। दिखावे पर यकीन न था अन्यथा उनकी हैसियत तो ऑडी /मर्सडीज की थी।
शादी में जा न सका पर आज भी उनके यदा कदा फोन आ जाते है। अब उनका एक बेटा भी है। एक खुशहाल जिंदगी जी रहे है। तनाव के दिनों में वो कहते थे कि आशीष भाई , मैं अपनी कहानी सावधान इंडिया / क्राइम पेट्रोल में दूँगा ताकि पता चले कि इस तरह के प्रकरणो में लड़के कितना अपसेट होते हैं। सावधान इंडिया में कहानी गयी या नहीं गयी पता नहीं पर मैंने उनसे वादा किया था कि आप की बात मैं अपने पाठकों तक जरूर पहुँचाऊँगा।
© आशीष कुमार , उन्नाव , उत्तर प्रदेश।