विषयः- सफलता योग्यता निर्भीकता और साहस से मिलती है। (तीसरा और अंतिम भाग )
आशीष कुमार
आशीष कुमार
सफलता के इन महत्वपूर्ण गुणों के साथ साथ व्यक्ति में लगातार जूझने की क्षमता होनी चाहियें। परिस्थितियाॅ कैसी भी क्यों न हो सदैव हैासला बनाये रखना चाहिये। इसके बाद भी यदि असफलता मिलती है तो आचार्य श्री राम शर्मा के कथन पर विचार करना चाहिये। वे कहते हैं कि असफलता बताती है कि कार्य पूरे मन से नहीं किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी कमजोरियों से वाकिफ रहता है। ऐसा नहीे है कि विजेता के अन्दर कोई कमजोरी नही होती है। विजेता निरतंतर अपनी कमजोरियों पर विजय पाने का प्रयास करता रहता है।
इस संदर्भ में शिव खेड़ा का कथन याद आता है कि विजेता कोई अलग इंसान नही होते है वरन् उनके काम करने का तरीके अलग होते है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप लीक से हटकर कितना सोच सकते है। इन बातो का ख्याल रखें आप निश्चय ही सफलता का वरण करेंगे।
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उक्त विवेचना से स्पष्ट है कि सफलता के लिये आपकी पृष्ठभूमि , आपके संसाधन कतई मायने नहीं रखते हैं। पृष्ठभूमि एवं संसाधन की बात इसलिये कर रहा हूॅ क्योकि असफल व्यक्ति का इन बिन्दुओं पर जोर सर्वप्रथम रहता है कि उसकी पृष्ठभूमि कमजोर थी उसके पास संसाधन नहीं थे। वास्तव में सफलता में पृष्ठभूमि और संसाधन की भूमिका अति सीमित होती हैं। सफलता तो योग्यता, निर्भीकता और साहस से मिलती है।
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