भारतेंदु मंडल
- भारतेंदु हरिश्चंद के समय लेखक और कवियों का एक GROUP तैयार हो गया था जो आपस में साहित्य लेखन पर चर्चा , परिचर्चा करता था . इसे ही हिंदी साहित्य के इतिहास में भारतेंदु मंडल कहा जाता है .
- इसके MEMBER में भारतेंदु हरिश्चंद , प्रताप नारायण मिश्र , बालकृष्ण भट्ट , ठाकुर जगमोहन सिंह , अम्बिका चरण व्यास , राधा चरण गोस्वामी , बद्री नारायण चौधरी 'प्रेमघन ' आदि थे .
- आधुनिक हिंदी साहित्य के उत्थान में इन सभी ने महती ROLE निभाई .
- किसी ने कविता ने तो किसी ने ESSAY , किसी ने DRAMA को क्रेंद में रख कर उस विधा का उन्नयन किया .
- इसी मंडल से ही ' समस्या पूर्ति " नामक विधा को गति मिली जिसमे POETS को किसी दिए गये विषय पर / पंक्ति को COMPLETE करना होता था . जैसे - " चित चैन की चादनी चाह भरी , चर्चा चलिबे की चलियेया न " प्रेमघन की प्रसिद्ध समस्या पूर्ति है .
- " यह ब्यारि तबै बदलैगी कछू, पपिहा जब पूछिहै पीव कहाँ? '' प्रताप नारायण मिश्र की समस्या पूर्ति है .
- इन सभी ने बोल चाल की ब्रज भाषा का USE किया है .
- इस समय से PROSE में खड़ी बोली पर प्रयोग होने लगा था .
- WRITING SKILL
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