सरस्वती पत्रिका
- सन १९०० में नागरी प्रचारणी सभा , काशी की सहायता से प्रकाशन
- संपादक - श्याम सुंदर दास , किशोरी लाल गोस्वामी , कार्तिक प्रसाद खत्री
- AIM - HINDI भाषा का परिमार्जन
- १९०३ से इसका सम्पादन - आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
- इस पत्रिका में विविध विषयो यथा जीवन चरित् , प्रकति , यात्रा वर्णन , फोटोग्राफी , विज्ञानं के बारे में भी लेख लिखने को प्रोत्साहन दिया गया।
- दिवेदी जी ब्रज भाषा के बजाय खड़ी बोली पर गद्य और पद्य में लिखने पर जोर दिया।
- भाषा का परिष्कार तथा मानकता पर जोर दिया।
- हिंदी की शब्दावली निर्माण पर जोर दिया।
- अरबी , फ़ारसी , उर्दू के प्रचलित शब्दों को HINDI LITERATURE में शामिल करने से कोई संकोच नही किया।
- भारतेंदु युग में जिन नई विधाओ की हिंदी साहित्य में शुरुआत हो चुकी थी उन्हें इस काल में " सरस्वती " के माध्यम से विकास के नई भूमि मिली।
- पण्डिताऊपन तथा गँवारूपन से खड़ी बोली को मुक्त कर इसे MORDERN संवेदना को व्यक्त करने सक्षम बनाया।
- बैगर कोचिंग कैसे सफलता पाये ?
PM Modi danyavad apki information
जवाब देंहटाएंBahut -2 dhanyavad sir
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