विश्व बैंक रिपोर्ट : भारतीय कामकाजी महिला की दशा और दिशा
हाल में जारी के विश्व बैंक की महिलाओं पर जारी एक रिपोर्ट में भारत को 131 देशों की सूची में 120 वा स्थान , भारत की कामकाजी महिलाओं का अर्थव्यस्था में निम्न योगदान दिखलाता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में रोजगार में महिलाओं की भागीदारी 2005 से हर साल काम होती जा रही है। भारत में महिलाओं के लिए सेवा के क्षेत्र में 20 प्रतिशत से कम रोजगार उपलब्ध है।महिलाओं के लिए कृषि क्षेत्र में ज्यादा रोजगार उपलब्ध है।
चीन व ब्राजील की अर्थव्यस्था में महिलाओ की भागीदारी की उच्च दर ( 65-70 प्रतिशत) के चलते वहां पर विषमता कम है साथ ही विकास दर भी तेज है।भारत में यह दर मात्र 27 प्रतिशत है। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार , अगर भारत अपनी रोजगार में महिलाओ के लिए भागीदारी बढता है तो इसकी विकास दर दो अंको में जा सकती है।
भारत को इसके लिए शिक्षा ,स्वाथ्य जैसे सामाजिक क्षेत्र में काफी निवेश करना होगा। भारत में कामकाजी महिला को दोहरी जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। उसे नौकरी के साथ साथ घर पर भी सारी जिम्मदारी उठानी पड़ती है।कार्यस्थल पर उसके लिए अभी भी कई तरह की समस्याएं है यद्पि इस दिशा में सरकार ने कई कानून बनाये है। भारत वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है पर उसकी इन आकांक्षाओं पर इस तरह की रिपोर्ट में निम्न स्थान कई मायनो में सबक देने वाला रहता है। एक चीज और भी ध्यान में रखनी चाहिए कि कोई भी सुधार मात्र सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, क्रन्तिकारी बदलाव के लिए हमे अपने बीच से शुरआत करनी होगी। समय है समाज में महिलाओं के प्रति अपनी जीर्ण मानसिकता में बदलाव लाने की।
आशीष कुमार ,
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।
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