सोमवार, 22 जून 2015

बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म

* बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बौद्ध थे।
* निर्वाण का अर्थ है जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्ति
* गौतम बौद्ध ने दुःख के निवारण के लिए अष्टांगी मार्ग बतलाया -
1 सम्यक दृष्टि
2 सम्यक संकल्प
3 सम्यक वाक्
4 सम्यक कर्मांत
5 सम्यक आजीव
6 सम्यक व्यायाम
7 सम्यक स्मृति
8 सम्यक समाधि

* प्रचार की भाषा पालि को बनाया जो जन साधारण द्वारा बोली जाती थी।
*  बौद्ध धर्म के 3 अंग-
1 बुद्ध
2 संघ
3 धम्म

* बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थल -भारत , श्रीलंका, बर्मा, तिब्बत, चीन, जापान आदि। 


    बौद्ध धर्म के व्यापक प्रसार के कारण-

* ब्राह्मणों की सर्वोच्चता
*  बढ़ता धार्मिक अन्धविश्वास
* वर्ण/जाति के आधार पर भेदभाव
* स्त्रियों की निम्न दशा
*सामाजिक असमानता
             इन सभी कारणों से लोग ब्राह्मण धर्म से छुटकारा चाहते थे जिसका रास्ता उन्हे बौद्ध धर्म के रूप में प्राप्त हुआ।
*एक अन्य कारण बड़े राजाओ द्वारा इसे अपनाया जाना भी था ।

* सुत्तपिटक- गौतम बौद्ध के धार्मिक उपदेशो का संग्रह
* विनयपिटक- बौद्ध संघ के नियम कानूनों की व्याख्या

        बौद्ध समितियाँ

1.पहली बौद्ध समिति - 483 ई.पू.
आयोजन राजगृह में अजातशत्रु के राज के दौरान
अध्यक्ष-महकश्यप नामक भिक्षुक 

2. द्वितीय बौद्ध समिति- 383 ई.पू.
आयोजन वैशाली में हुआ
अध्यक्ष- सर्वकमिनि नामक भिक्षुक

3.तृतीय बौद्ध समिति -250 ई.पू.
आयोजन पाटलिपुत्र में अशोक के राज के दौरान 
अध्यक्ष- मोगलीपुत तिस्स भिक्षुक
इस समिति में अधिधम्म पिटक की रचना हुई जिसमे बौद्ध धर्म के दार्शनिक विचारो का संकलन है।

4. चतुर्थ बौद्ध समिति- प्रथम सदी
आयोजन कश्मीर के कुंडल वन में कनिष्क के काल में 
अध्यक्ष- वसुमित्र
इस समिति के दौरान बौद्ध धर्म  दो भागो में बाँट गया-
 * हीनयान- मूल धर्म जो गौतम बौद्ध की शिक्षा का अनुशरण किया।
 * महायान- परिवर्तित धर्म जिन्होंने नई सोच तथा तर्क को स्वीकार। ये हीनयान से अधिक लोकप्रिय हुआ।

* हर्ष वर्धन ने छठे  महमोक्ष परिषद में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी भाग लिया।
* बौद्ध मठो में पवरन नमक समारोह वर्षा ऋतु में आयोजित होता था जिसमे बौद्ध भिक्षु अपने अपराधो को स्वीकार करते थे।


       बौद्ध धर्म के ह्रास के कारण

* धीरे धीरे ये कर्मकांडो और अनुष्ठानो में फंस गया जिसका स्वयं ये धर्म विरोध करता था।
*  पालि भाषा छोड़कर संस्कृत अपनाना।
*बौद्ध विहार विलासिता का केंद्र बन गए।
* कुछ समुदायो तथा राजाओ द्वारा बौद्ध धर्म के प्रति कठोर रुख अपनाना।
* बढ़ते दान तथा सम्पदा के कारण विदेशी आक्रमणकारियों का निशाना बनना आदि।

रविवार, 21 जून 2015

Most Important History Topics for UPSC

प्राचीन भारत

1 हड़प्पा संस्कृति
2 आर्य तथा वैदिक काल
3 जैन और बौद्ध धर्म
4 मौर्य साम्राज्य
5 सातवाहन साम्राज्य                                                      
 6 गुप्त साम्राज्य
7 हर्ष साम्राज्य
8  भारत और मध्य एशिया सम्बन्ध 
9  दर्शन
     * सांख्य योग
      *न्याय
      *मीमांसा
10 प्रमुख मंदिर और गुफाये तथा उनकी   निर्माण शैली
11 मठ तथा स्तूप
12 प्राचीन भारत की नदियां तथा उनका वर्तमान क्षेत्र
13 प्रमुख शिलालेख तथा उनसे सम्बंधित राजा/साम्राज्य
14 विदेशी यात्री
15 प्रमुख रचनाएँ तथा रचनाकार

गुरुवार, 18 जून 2015

हड़प्पा संस्कृति का उद्भव और विकास

# हड़प्पा संस्कृति का उद्भव और विकास

* इसका नाम हड़प्पा इस लिए पड़ा क्योंकि इसका पता 1921 में पाकिस्तान के हड़प्पा नामक आधुनिक स्थल में चला।

* उत्तर में जम्मू कश्मीर से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी के मुहाने तक।
पश्चिम में बलूचिस्तान में मकरान समुद्र से मेरठ तक था।

* हड़प्पा संस्कृति का क्षेत्रीय विस्तार - पंजाब , सिंध , बलूचिस्तान,गुजरात हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक था।

* परिपक्व या उत्तर हड़प्पा कालीन नगर
1. पंजाब (पाकिस्तान) -हड़प्पा
2. सिंध (पाकिस्तान )-मोहनजोदड़ो , चन्हुदडो
3. गुजरात (खंभात की खाड़ी)- लोथल ,धोलावीरा
काठियावाड़ के प्रायद्वीप -रंगपुर,रोजदी
4. राजस्थान-कालीबंगा
5.हरियाणा- बनवली ,राखीगढ़ी
6. सुत्कागेडोर और सुरकोटदा भी दो तटीय नगर थे।

* हड़प्पा कल की तीनो अवस्थाएं धौलावीरा,राखीगढ़ी में मिलती है।

               नगर योजना 

* शासक वर्ग दुर्ग में रहता था तथा सामान्य लोग ईंटो से बने मकानों में रहते थे।
* सड़के एक दूसरे को समकोण पर कटती थी।
* हर छोटे बड़े मकान के प्रांगण में स्नानागार होते थे।
*जल निकासी- घरो का पानी बहकर  सड़को तक आता था जहा सड़को के निचे मोरियां बनी होती थी तथा ये ईंटो या सिल्लियों से ढकी होती थी
इसके अवशेष मुखयतः मोहनजोदड़ो तथा बनावली में मिले है।

                 कृषि

* सिंधु नदी काफी जलोढ़ और उपजाऊ क्षेत्र का निर्माण करती थी।
* कुंड (हल रेखा) कालीबंगा में देख गए ।
* फसल काटने क लिए शायद पत्थर के हँसिये करते थे।
* प्रमुख फसले-गेंहूँ ,जौ,राई, मटर , तिल चावल ,सरसों आदि।
*कपास का उत्पादन सबसे पहले सिंधु क्षेत्र में ही हुआ।

               पशुपालन

* गाय,बैल,भैंस,बकरी,भेड,सूअर,कुत्ता,बिल्ली गधे,ऊंट,हाथी आदि।
*सुरकोटदा से घोड़ो के अवशेष मिले है।
*हड़प्पाई लोगो द्वारा चावल उपजाना तथा हाथी पलना उन्हे उनकी समकालीन सभ्यता मेसोपोटामिया से भिन्न बनाता है।

Accredited Social Health Activist) - ASHA

मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता 
( Accredited Social Health Activist)

          ASHA

#  भारत में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित जननी सुरक्षा योजना से संबद्ध एक ग्रामीण स्तर की कार्यकर्त्री है। 

#  आशा का कार्य स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से गरीब महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सेवाएँ प्रदान करना है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) योजना आशा के माध्यम से क्रियान्वित हो रही है। 

# 2005 में आरंभ की गयी इस योजना का लक्ष्य 2012 तक पूरी तरह क्रियान्वित किया जाना था।

# इस मिशन के अंतर्गत 8.94 लाख मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता कार्य कर रही है।

# ये कार्यकर्ता समुदाय तथा सार्वजानिक स्वास्थ्य प्रणाली के बीच संपर्क का काम करती है।

# ये ग्रामीण क्षेत्रो के कमजोर वर्गों  विशेषकर महिलाओं और बच्चों  तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करती है।

ये जन स्वास्थ्य प्रणाली तक लोगो की पहुच बनाने की अहम कड़ी है।

# ये स्वास्थ्य सेवाओं में बाह्य रोगी सेवाओं ,नैदानिक सुविधाओं , संस्थागत डिलीवरी और रोगी देखभाल की दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में अभियान सफल  रहा है।

मंगलवार, 16 जून 2015

आईएएस प्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक ( दूसरा भाग )

टॉपिक ७१ :  आईएएस प्री  के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक ( दूसरा भाग )


जैसा मैंने पहले वादा किया था , कुछ और महत्वपूर्ण बिदुओ को साझा कर रहा हूँ . इन बिदुओं पर आप पॉइंट वैसे नोट्स तैयार कर ले . इससे आपको काफी मदद मिलेगी .


1.डिकी बर्ड प्लान
2.स्व्यं सहायता समूह
3. इको टोन
4. विदेशी व्यापार
5. भुगतान संतुलन
6.सविनय अवज्ञा आंदोलन
7. विश्व में समशीतोष्ण घास के मैदान
8. स्टॉक एक्सचेंज
9. राष्ट्रीय राजमार्ग
10. धुंध , कोहरा, कुहासा
11.आनुवंशिक इंजीनियरिंग
12. विलुप्तप्राय जीव प्रजाति
13.इतिहास के प्रमुख किसान आंदोलन
14.संसदीय समितियाँ
15.भारत में पायी जाने वाली प्रमुख मिट्टियां
16.रिज़र्व बैंक तथा व्यपारिक बैंको की कार्यप्रणाली
17.होम चार्जेज
18. विनियोग विधेयक
19.लेखानुमोदन
20. अंतरिम बजट
21.लोक अदालत
22. ADR,GDR,SDR
23. SEZ,EPZ
24. हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था
25. इकोटोप
26.पारिस्थितिकी फुटप्रिंट
27.इकोलाइन
28.संयुक्त राष्ट्र् संघ
29. आर्थिक जनगणना 2013
30. भारत की प्रमुख जनजातियाँ


पहले के दिए गये टॉपिक के लिए इस लिंक पर क्लिक करे . 

आईएएस प्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक





© IAS KI PREPRATION HINDI ME 



सोमवार, 15 जून 2015

ग्राफीन

ग्राफीन

ग्राफीन (Graphene) sp2-बंधित कार्बन परमाणुओं की एक-परमाणु के बराबर पतली झिल्ली (शीट) होती है। इसमें कार्बन परमाणु हनीकंब क्रिस्टल लैटिस में अत्यन्त सघन रूप में पैक होते हैं।

इसका नाम 'ग्रेफाइट' के 'ग्रेफ' में 'ईन' जोड़कर बना है ।

# ये द्वि आयामी है।

# ग्राफीन को 2004 में खोजा गया ।

# कार्बन के एक परमाणु में 6 इलेक्ट्रान होते है , 2 आंतरिक शैल में तथा 4 बाहरी शैल में होते है।

#बाहरी शैल का हर एक इलेक्ट्रान किसी भी रासायनिक  अनुबंध (bond)के लिए उपलब्ध होते है ,
परंतु ग्राफीन के 3 परमाणु  अन्य कार्बन परमाणु से जुड़ जाते है और द्वि स्तरीय आयाम बनाते है तथा एक परमाणु को त्रि स्तरीय आयाम बनाने के लिए स्वतंत्र छोड़ देते है।

# इसका प्रयोग मशीन के निर्माण , गाड़ी, हवाई जहाज के निर्माण,अंतरिक्ष यानो के निर्माण में प्रयोग किया जा सकता है।

# ये ग्रेफाइट ,सिलिकॉन तथा जर्मेनियम का स्थान ले सकता है ।

# सोलर शैल बनाने में सहायक।

#इसकी कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओ के कारण ये भविष्य में  
चिकित्सा क्षेत्र
नैनो तकनीक क्षेत्र
मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र 
में काफी कारगर सिद्ध होगा ।

#इसमे आने वाली लागत को कम करना 
. इसके प्रयोग को आसान बनाना 
. इसको उपयोग योग्य बनाना 
.  सरल तकनीक विकसित करना आदि मुख्य चुनौतियाँ है।

सी बैकथोर्न

सी बैकथोर्न

सैंडथोर्न या सल्लोथोर्न या सीबैरी के नाम से जाने नाम से भी जाना जाता है

# ये एक तरह की पर्णपाती समुद्री झाडी है जो एलएअग्नसए(elaeagnaceae) परिवार के पौधे है

# हिप्पोफए रहमनोइडेस( hippophae rhamnoides) सी बैकथोर्न की प्रमुख प्रजाति है

# सी बैकथोर्न का प्राकृतिक निवास स्थान चीन,रूस ,मंगोलिया, उतरी यूरोप, कनाडा में है ,परंतु ये एशिया के कुछ भागो में भी पाया जाता है।

# ये नदी के किनारे ,पर्वत क्षेत्रो में भी पाये जाते है इनके लिए तेज धूप बहुत आवश्यक है इसलिए ये ऐसे स्थानो पर विरले ही मिलते है जहाँ पर बड़े छायादार पेड़ हो ।

# इसका प्रयोग किसान अपने खेतो की बाढ़ बनाने के लिए भी करती है ।
इसका उपयोग नदी के किनारो पर भी होता है ताकि नदी के बहाव को नियंत्रित किया जा सके।

# इसका प्रयोग खाने में तथा दवाइयो में भी होता है ।
ये विटामिन ए,बी1,बी2,बी6 तथा विटामिन सी के स्त्रोत होते है

#प्रत्येक क्षेत्र के अपने संगठन है इसपर रिसर्च करने के लिए।
2005 में EAN seabuck. नामक संगठन बनाया गया इसमे शामिल देश है चीन, रूस तथा यूरोप। इनका उदेश्य उपभोक्ता उत्पाद तथा  संपोषणीय फसल का विकास करना है।
चीन तथा मोंगोलिया में भी अपने क्षेत्रीय संगठन है।

शुक्रवार, 12 जून 2015

इको टोन

इको टोन

# इको टोन दो पारिस्थितिक तंत्रो का संक्रमण क्षेत्र है । जैसे मैंग्रोव ये सागरीय पारितंत्र तथा भूमि पारितंत्र के बीच के इको टोन  को प्रदर्शित करता है।

#इको टोन के  उदहारण- घास का मैदान,  एश्चुरि , नदी के किनारे इको टोन

# इको टोन संकरा भी हो सकता है और चौड़ा भी हो सकता है।

# इको टोन क्षेत्रीय भी हो सकता है ( घास के मैदान तथा जंगल के बीच इको टोन क्षेत्र) तथा ये स्थानीय भी हो सकता है ( किसी खेत तथा जंगल के बीच इको टोन क्षेत्र)

# इको टोन कोई जलीय पट्टी हो सकती है , कोई पर्वत हो सकती है या कोई भू भाग भी हो सकता है ।

# एक सुविकसित इको टोन में ऐसे प्रजातीयाँ होती है जो निकटवर्ती अन्य समुदायो से पूर्ण रूप से भिन्न होती है ।

#  ये रेखीय होता है इसमें  निकटवर्ती समुदाय से आने वाले समुदाय के प्रजाति संगठन  में   क्रमिक बढ़ोतरि तथा निकटवर्ती समुदाय में जाने  वाले समुदाय की  प्रजाति में समकालिक ह्रास को  दर्शाता है।

#कभी कभी इसमे किसी प्रजाति की संख्या तथा जनसंख्या घनत्व  अन्य समुदायो से अधिक हो जाता है इससे कोर प्रभाव (edge effect) तथा जिस प्रजाति की संख्या बढ़ती है उससे कोर प्रजाति कहते है।

# आस पास के समुदायो से पौधो की प्रजाति में भिन्नता
पौधो के रंग या आकर में भिन्नता 
पौधो के भौतिक स्वरूप में भिन्नता
जीवो की प्रजाति में भिन्नता किसी इको टोन को प्रदर्शित करती है।

गुरुवार, 11 जून 2015

IAS EXAM 2015

IAS EXAM 2015
23.08.2015
·      अपना समय व्यर्थ में ,  मत खराब करे। 
·      हर मिनट पढाई के लिए प्रयोग करे। 
·      आलस्य , आराम ये सब आपके परिणाम को खराब करेगे। 
·      समयबद्ध , नियमित , पढाई आपमे आत्म विश्वास जगाएगी। 
·      लगातार मेहनत करते रहे। 
·      अपनी सेहत का ख्याल रखे। 
·      चुनौतियों को स्वीकारे। 
·      मन में निराशा को जगह न दे। 


 © अगर संभव हो तो इसे प्रिंट करे / या कागज पर लिख कर अपनी स्टडी टेबल / रूम में चिपका ले  जहाँ पर आपकी नजर हमेशा पडती रहती हो .     सफलता के लिए शुभकामनाये .


बुधवार, 10 जून 2015

स्टेम सेल या मूल कोशिका

स्टेम सेल या मूल कोशिका 

# स्टेम कोशिका या मूल कोशिका  ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है।               

# वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता ।

# कनाडा केवैज्ञानिकों अर्नस्ट.ए.मुकलॉक और जेम्स.ई.टिल की खोज के बाद स्टेम कोशिका के प्रयोग को बढ़ावा मिला ।

# भ्रूण विकास के दौरान डिम्ब वह एक कोशिका है, जो पूरे जीव को बनाने की पूर्ण क्षमता रखती है। ये कोशिकाएं कई बार विभाजित होकर ऐसी कोशिकाएं बनातीं हैं, जो पूर्ण सक्षम होतीं हैं ।

# कुछ और विभाजनों के पश्चात ये कोशिकाएं, एक विशेष गोलाकार रचना बनातीं हैं, जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते हैं, परंतु इस अवस्था में पृथक की गईं कोशिकाएं, पूर्ण जीव विकसित करने में सक्षम नहीं होती हैं। अतः इन्हें अंशतः सक्षम कोशिका कहा जाता है

# भीतरी कोशिकाएं कई बार विभाजित और विभेदित होकर विशेष कोशिकाएं बनातीं हैं, जो प्रत्येक ऊतक को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखतीं हैं। इन्हें बहु-सक्षम कोशिकाएं कहते हैं ।

# पार्किसन रोग न्यूरोमस्कलर रोग, आर्थराइटिस, मस्तिष्क चोट,मधुमेह, डायस्ट्रोफी,एएलएस, पक्षाघात, अल्जाइमरजैरोग कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है।

# अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। 

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SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...