यहाँ तुम से दूर
मैंने यहाँ
तुम से बहुत दूर
आकर जाना
कि तुम मेरे लिए
क्या हो,
यहाँ इतनी दूर
आकर ही समझा
कि तुम ही समझती हो
मुझे सबसे बेहतर ।
यहाँ आकर
लगा कि जैसे
कोई मरते वक्त
याद करता है
अपने सबसे करीबी को
वैसे ही तुम मुझे याद आयी।
यही आकर समझा
कि तुम क्या हो मेरे लिए
याकि तुम्हारा होना
कितना महत्वपूर्ण है
मेरे जीवन में।
यहाँ पर आकर
खुले प्रेम के गहन अर्थ
यहाँ याद आयी
तुम्हारी भीनी महक,
तुम्हारी कोमल बाहें
तुम्हारे रेशमी बाल
तुम्हारी वो गोद
तुम्हारा गहरा स्पर्श
तमाम गर्म चुम्बन।
( पोर्ट ब्लेयर से, 31 जनवरी, 2020 )
© आशीष कुमार, उन्नाव।
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