वो पूछते हैं कि कितने घंटे पढ़ना चाहिए ? मैं पूछता हूँ कि ग्रहण कितना कर पाते हो , इस पर निर्भर करता है। कितनी देर एकाग्र रह पाते हो, यह कही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। आज किताबें हर किसी के पास है, हर कोई पढ़ भी रहा है पर सारतत्व कम लोग ही ग्रहण करते हैं। मेरे पास अक्सर एक सवाल आता है कि मेरी पढाई नही हो रही है, बजह क्या है ? क्योंकि मैं मोबाइल की एडिक्ट हो गयी हूँ, बगैर उसके रह नही पाती। इन दिनों, सस्ता नेट, उत्साही u tubers ने सबको ऑनलाइन पढ़ाई की ओर बुलाते है। जल्द ही आप समझ जाते है कि यह सब बस भरम है। पढ़ाई तो केवल किताबों से ही होती है पर मोबाइल से दूर रहा नही जाता।
© आशीष, उन्नाव ।
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