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BOOKS
शनिवार, 7 मार्च 2015
Topics for upsc interview 2015 in hindi
जन धन योजना
कोल ब्लॉक आबंटन
14 वित्त आयोग की सिफारिशें
मेक इन इंडिया
डिजिटल इंडिया
स्मार्ट पोलिसिंग
सहकारी संघवाद
बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ
राष्टीय कृषि विकास योजना
डी बी टी एल ( डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर टू एलपीजी कस्टमर)
स्वच्छ भारत अभियान
बजट २०१४ -१५ की सिफारिशें
नीति आयोग
गुड्स एंड सर्विस टैक्स
आतंकवाद के नए रूप
गुरुवार, 5 मार्च 2015
HOW TO IMPROVE YOUR SELF CONFIDENCE
TOPIC:61 अपना आत्मविश्वास कैसे बढ़ाये ?
हिंदी में एक बहुत अच्छी कहावत है " मन के हारे हार है और मन के जीते जीत " इसका मतलब है कि अगर आपके मन में जीतने का ख्याल आता है और आप अपने डर को दूर करने में सक्षम होते है तो आप की जीत तय है।
हिंदी में एक बहुत अच्छी कहावत है " मन के हारे हार है और मन के जीते जीत " इसका मतलब है कि अगर आपके मन में जीतने का ख्याल आता है और आप अपने डर को दूर करने में सक्षम होते है तो आप की जीत तय है।
- आत्मविश्वास का मतलब है आप को खुद पर कितना यकीन है। जितना ज्यादा आप को खुद पर भरोसा होगा आपका मनोबल उतना ही प्रबल होगा। आज कुछ सीधी और सरल तरीके से आत्मविश्वास बढ़ाने की बात करते है।
- आपको यथार्थवादी बनना होगा। मतलब यह कि आपको सिर्फ कोरी कल्पना और आदर्शवादी बाते छोड़नी होगी।
- सपने देखना अच्छी बात है पर उनको एक हद तक ही देखे। अगर ज्यादा बड़े और कल्पना आधारित सपने होंगे और अगर वो पूरे न हो तो आप दुखी होंगे और आपका मनोबल भी टूटेगा।
- छोटी छोटी चीजो से शुरुआत करे।
- अगर आपके अंदर कोई बुरी आदत हो तो उसे खत्म करने से पहल करे।
- आपका दिमाग सबसे बड़ा हथियार है। इस कुंद होने से बचाये।
- दिमाग को फालतू चीजो से बचाये।
- अपने पर तनाव हावी मत होने मत दे।
- कभी कभी अपने लिए भी वक़्त निकाले।
- अच्छी किताबे पढ़े।
- सफल लोगो से मिले।
- हताश , परेशान , मायूस लोगों से बचे।
- हमेशा खुश रहे।
- अपने दिमाग में हमेशा यह ख्याल लाये कि आप सफल होने के लिए ही बने है।
बुधवार, 4 मार्च 2015
A letter from our reader
टॉपिक : 60 एक पाठक का आत्मीय पत्र
"सर प्रणाम। 'प्रणाम' इसलिए किआप ज्ञान अनुभव और उम्र तीनो में ही मुझसे बड़े व श्रेष्ठ हैं। मै आपके ब्लॉग का नियमित पाठक हूँ और बेसब्ररी से नई पोस्ट का इंतजार करता हूँ ताकि मुझे आत्मसात और स्वंय में ऊर्जा का संचार का मौका मिल सके। आपकी आज की टॉपिक न. 60 व 61 दोनोबहुत पसंद आई(वैसे तो आपकी सभी पोस्ट का कायल हूँ) और पुन: स्वंय के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया। विशेष 61वी टॉपिक के लिए हर्दयके अन्त:स्थल से कोटिश धन्यवाद।
मै पिछले कई समय से तैयारी कर रहा हूँ, पर ना तो पूरी एकाग्रचित (focus) हो पा रहा हूँ जिसके कारण विगत कई महीनो से किसी विशेष परीक्षा में सफलता का स्वाद नहीं हुआ। और ऊपर से इस सरकारी नौकरी के माहोल ने बेहद निराशा ऊर्जा विहीन तथा लक्ष्य से भटका दिया। (शायद इसीलिए पोस्ट को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूँ।)
अत: आपसे विनम्र निवेदन हैं कि मेरा मार्गदर्शन करे तथा कैसे focus करे(उपरोत परिस्थिति को मध्य नजर रखते हुय) तथा साथ ही साथ टॉपिक न 61 की कमियों को दूर करने का मार्गदर्शन करे। आपके हमेशा की तरह सकारात्मक जवाब और सहयोग का इंतजार।"
आपका
बस यही चीजे है मुझे सकून देती है। यह एक पत्र है जो मुझे मेरे ब्लॉग के एक पाठक ने मुझे मेल किया था। कितना अच्छा लगता है कि लोग आप पर विश्वास करते है उन्हें पर भरोसा होता है। इस पत्र में जिस चीज का जिक्र है उससे लगभग हर प्रतियोगी जूझता है। काफी दिनों से इस बारे लिखने को सोच रहा था। शायद अब जल्द ही लिखना संभव हो। लिखने से पहले आप सभी से मै जानना चाहूंगा कि आप अगर इस तरह की चीजो से गुजरते तो कैसे निपटते और बेसिक प्रॉब्लम कौन कौन सी होती है ? आप की सहभागिता काफी महत्वपूर्ण रहेगी एक जीवंत लेख लिखने हेतु ?
"सर प्रणाम। 'प्रणाम' इसलिए किआप ज्ञान अनुभव और उम्र तीनो में ही मुझसे बड़े व श्रेष्ठ हैं। मै आपके ब्लॉग का नियमित पाठक हूँ और बेसब्ररी से नई पोस्ट का इंतजार करता हूँ ताकि मुझे आत्मसात और स्वंय में ऊर्जा का संचार का मौका मिल सके। आपकी आज की टॉपिक न. 60 व 61 दोनोबहुत पसंद आई(वैसे तो आपकी सभी पोस्ट का कायल हूँ) और पुन: स्वंय के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया। विशेष 61वी टॉपिक के लिए हर्दयके अन्त:स्थल से कोटिश धन्यवाद।
मै पिछले कई समय से तैयारी कर रहा हूँ, पर ना तो पूरी एकाग्रचित (focus) हो पा रहा हूँ जिसके कारण विगत कई महीनो से किसी विशेष परीक्षा में सफलता का स्वाद नहीं हुआ। और ऊपर से इस सरकारी नौकरी के माहोल ने बेहद निराशा ऊर्जा विहीन तथा लक्ष्य से भटका दिया। (शायद इसीलिए पोस्ट को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूँ।)
अत: आपसे विनम्र निवेदन हैं कि मेरा मार्गदर्शन करे तथा कैसे focus करे(उपरोत परिस्थिति को मध्य नजर रखते हुय) तथा साथ ही साथ टॉपिक न 61 की कमियों को दूर करने का मार्गदर्शन करे। आपके हमेशा की तरह सकारात्मक जवाब और सहयोग का इंतजार।"
आपका
बस यही चीजे है मुझे सकून देती है। यह एक पत्र है जो मुझे मेरे ब्लॉग के एक पाठक ने मुझे मेल किया था। कितना अच्छा लगता है कि लोग आप पर विश्वास करते है उन्हें पर भरोसा होता है। इस पत्र में जिस चीज का जिक्र है उससे लगभग हर प्रतियोगी जूझता है। काफी दिनों से इस बारे लिखने को सोच रहा था। शायद अब जल्द ही लिखना संभव हो। लिखने से पहले आप सभी से मै जानना चाहूंगा कि आप अगर इस तरह की चीजो से गुजरते तो कैसे निपटते और बेसिक प्रॉब्लम कौन कौन सी होती है ? आप की सहभागिता काफी महत्वपूर्ण रहेगी एक जीवंत लेख लिखने हेतु ?
Love Story in Hindi
वो कहानी वाली लड़की
" क्या सच में मै तुम्हारे लिए एक चरित्र मात्र ही थी ? " उसकी आवाज में न जाने कैसा दर्द था।
" हाँ , बस केवल एक चरित्र मात्र , इससे परे कुछ भी नही " मै बोला
" पर मैंने तो तुम्हे अपना सबकुछ मान लिया "
" कैसी बात कर रही हो , मुझसे कभी मिली तक नही और मुझे सबकुछ मान लिया। "
"भले ही आप से कभी रूबरू मुलाकात न हुई पर आप से कितनी बाते हुई है , हर विषय पर , हर पहलू पर और आप ने ही तो एक रोज कहा था कि तुम्हारे लिए तुम्हारे चरित्र सबसे करीबी होते है। आप से अपना अतीत शेयर करते हुए न जाने अपने दिल में आपको लेकर ख्वाब पाल बैठी। मुझे लगा आप के दिल में भी मेरे लिए कुछ है। इतनी रात गए आप मुझ से बात करते थे ……… उसके कोई मायने नही थे " उसकी आवाज भारी हो गयी थी।
" प्लीज, बात को समझिए , मै तो बस आपकी कहानी जानने के लिए उत्सुक था। उन सब बातों के सिर्फ यही मायने थे , मै एक सजीव चरित्र को खोज रहा था, कुछ ऐसी चीज की तलाश थी जिसे लिख कर.............. " मैंने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
© Asheesh Kumar
( मेरी कहानी का एक अंश , अपने नियमित पाठकों के लिए विशेष प्रस्तुति। )
सोमवार, 2 मार्च 2015
Some bad habits which stop you being ias officer
टॉपिक :61 ये चीजे आपको आईएएस बनने से दूर कर सकती है।
- अहम
- अपने आप से झूठ बोलना
- laziness
- बड़बोलापन
- Over Confidence
- लिखने कर पढ़ने की आदत न होना
- सपनोें में जीना
- कल्पनाऑ में खोये रहना
- महत्वहीन , झूठे , स्वार्थ पर टिके रिश्ते में अपना कीमती समय गवाना
- अपनी तैयारी से ज्यादा , दूसरे को तैयारी कराने लग जाना
- एक साथ बहुत सी चीजों की तैयारी में लग जाना
- अपने निर्णय में स्थिर न रहना
रविवार, 1 मार्च 2015
SOME GOOD TIPS FOR IAS ASPIRANT
टॉपिक :60 आईएएस बनने के लिए जरूरी गुण
- सक्रियता , सजगता
- कम बोलने की आदत
- हमेशा खुश रहने की आदत
- Regularity
- सरल और सीधा जीवन जीना
- दिखावा न करना
- बोलने से ज्यादा करने पर यकीन
- आलस्य का आभाव
- तनाव रहित जीवन
- Patience
- हमेशा सीखने के लिए तैयार रहना
- Politeness
- जिनसे भी आप कुछ सीखे उनके प्रति आभारी रहना
- जो कुछ आप ने सीखा उसे सब के साथ शेयर करने की आदत
- अहम से हमेशा बचना
- अपनी खराब आदतों को धीरे धीरे खत्म करना
- कुछ भी ऐसा न करना जिसे लेकर शर्मिंदा होना पड़े।
- अपने माता पिता , सच्चे मित्रो के प्रति दया भाव रखे।
- समय के पाबंद रहे।
- प्राथमिकता तय करना सीखे।
- तय करे कि पहले जीवन जीना है बाद में स्ट्रगल या फिर पहले स्ट्रगल बाद में जीवन का लुफ्त लेना है
- गलत गुरु की सलाह से बचे
शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015
ECONOMIC SURVERY आर्थिक सर्वेक्षण २०१४-१५ हिंदी में
प्रिय दोस्तों , नीचे लिंक बहुत ही उपयोगी है . यहाँ से आप आर्थिक सर्वेक्षण २०१४-१५ ( हिंदी में ) डाउनलोड कर सकते है . अभी समय है सारा साल ये काम आना वाला है . गहन स्टडी कर कर सकते है . इकनोमिक की बेसिक समझ इससे क्लियर की जा सकती है .
आर्थिक सर्वेक्षण २०१४-१५ हिंदी में
सिविल सेवा के लिए इकोनोमिक्स कैसे तैयार करे
आर्थिक सर्वेक्षण २०१४-१५ हिंदी में
सिविल सेवा के लिए इकोनोमिक्स कैसे तैयार करे
सोमवार, 23 फ़रवरी 2015
tips for sure sucess in life
टॉपिक: 59 जीवन में सफलता पाने के कुछ सरल टिप्स
दोस्तों , मैंने बहुत से साथियों को अपनी जिंदगी में बहुत परेशान , हताश , मायूस देखा है। मैंने भी बहुत बुरा दौर देखा है। कुछ अच्छी किताबो और मेहनत ने मेरा समय बदला। पिछले दिनों एक मित्र को ऐसी ही उदासी भरी पोस्ट देख मुझे लगा कि अपने पाठको को कुछ मोटिवेशनल बाते शेयर करू। काफी लोगों को मुझसे बात करके बहुत सकून मिलता है ( ऐसा कई लोगो ने कहा है पर हर किसी को मै व्यक्तिगत समय नही दे सकता ) . आज मैंने कुछ सीधी और सरल बातो को लिखा है। मुझे आशा है कि आप को ये पसंद आएगा। अपनी टिप्पणी , राय जरूर दीजियेगा। आप की बाते , विचार मुझे और अच्छा और बेहतर लेख लिखने में सहायक होंगे।
- खुद पर यकीन रखें। आप जहाँ और जैसे हालत में है वही सबसे अच्छा है। उसमे ही आपको बदलाव लाना है
- शुरू के दिनों मै इस बात से बहुत दुखी रहता था कि मैं कितने साधन हीन परिवार मे पैदा हुआ हूँ , अपने पिता से नाराज रहता था कि उन्होंने मेरे लिए कुछ नही किया। आप
- फिट रहे। अपने HEALTH का ध्यान रखें। ज्यादा कुछ नही बस शाम को समय से सोना और सुबह समय से उठकर कुछ देर WALK पर जरूर जाये.
- समय रूपी पूंजी को सोच समझ कर खर्च करे।
- PLAN बनाकर कर काम करें।
- एकला चलो वाला नियम अच्छी बात है पर कुछ अच्छे और सच्चे दोस्त मिल जाये तो चीजे बहुत आसान हो जाती है
- हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहे।
- अच्छी BOOKS का कलेक्शन करें।
- अपनी कमियों को किसी गोपनीय DAIRY में जरूर लिखते रहे। इससे आपको आत्म निरीक्षण करने मौका मिलेगा।
- बोलने से अधिक करने पर यकीन रखें।
- हमेशा मृदु , विनम्र , मितभाषी बने रहे.
- अपने आचरण को इस तरह बनाये कि आप के परिवेश में आप जैसा बनने के लिए लोग लालायित हो।
- अपने चेहरे पर हमेशा SMILE रखे।
- आपके हालत चाहे कितने ही अच्छे हो या कितने खराब , हमेशा सहज और शांत रहे।
- अपने प्रति HONEST बने।
बुधवार, 18 फ़रवरी 2015
How to prepare your Economics for UPSC
टॉपिक: 58 सिविल सेवा के लिए इकोनोमिक्स कैसे तैयार करे ?
सामान्य तौर पर इकोनोमिक्स में हर कोई कमजोर ही होता है . सिविल सेवा में चाहे pre या मैन्स , इस भाग की बड़ी भूमिका होती है . कुछ रोज पहले मुझे किसी ने ईमेल किया था इस बारे . आज कुछ इस बारे में बात करते है .
सामान्य तौर पर इकोनोमिक्स में हर कोई कमजोर ही होता है . सिविल सेवा में चाहे pre या मैन्स , इस भाग की बड़ी भूमिका होती है . कुछ रोज पहले मुझे किसी ने ईमेल किया था इस बारे . आज कुछ इस बारे में बात करते है .
- सबसे पहले NCERT की बुक्स से अपनी बेसिक समझ विकसित करे .
- भारत के वित्तीय संस्थानों जैसे RBI, सेबी , वित्त मंत्रालय आदि के बारे में जानकारी जुटाए।
- अगर आप RBI के फंक्शन अच्छे से समझ गए तो समझ लीजिये आधा काम हो गया।
- न्यूज़ पेपर में अर्थ जग़त वाला पेपर बहुत ध्यान से पढ़ना शुरू करे।
- रेपो , रिवर्स रेपो, मौद्रिक नीति , FDI, FII , जैसे मसलों को जितना पढ़े उतना ही कम है। ज्यादातर प्रश्न यही से बनते है और अक्सर गलत हो जाते है।
- Ramesh Singh , Dutt & Sundram, Lal & Lal की किताबे इस विषय में बेहतर मानी जाती है।
- चूँकि यह विषय हर रोज और महीने बदलने वाला है इस लिए नए नए फैक्ट को अपनी डायरी में नोट करते रहे।
- हिंदी के न्यूज़ पेपर में इस बारे ज्यादा अच्छे लेख नही आते है इसलिए THE हिन्दू और इंडियन एक्सप्रेस की मदद ले
- नीरस विषय है इस लिए उबन होना स्वाभाविक है पर इसे नियमित तौर पर समय दे। एक दिन आप इस में एक्सपर्ट बन जायेगे।
मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015
BILLU BARBER
गाँव के बिल्लू बार्बर
ये घटना कानों की सुनी है आँखो की देखी नही। इसलिए ज्यादा दिमाग मत खपायिगा। मै उसके बारे में ज्यादा जानता नही बस इस घटना की याद थोड़ी थोड़ी है। उसका वास्तविक नाम पता याद नही आ रहा है पर उसे बिल्लू कह सकते है। उसकी कोई बाल बनाने की दुकान नही थी । जब किसी के घर में शादी बारात होती तो उसे काम के लिए बुला लिया जाता था।
तकनीक और जमाना चाहे कितना ही बदल गया हो पर शादी के जब तक कार्ड लोगो तो नही मिलते तब तक शादी के निमंत्रण को पूरा नही माना जाता है। अगर आप की शादी होने जा रही हो तो मजाल है किसी रिश्तेदार को आप कार्ड देना भूल जाये। उनका मुँह तुरंत फूल जायेगा। कुछ तो रिश्तेदार इतना ज्यादा भाव खाते है कि कार्ड भी दो और उन्हें शादी के लिए लिवाने भी जाओ।
गांव में किसी की शादी थी। बिल्लू को कार्ड बाटने को दिए गए। बिल्लू अपनी पुरानी साइकिल से पास के गावो में उसके रिस्तेदारोे को कार्ड देने गए। बारात वाले दिन जिनको कार्ड भेजा गया उनमे कोई भी शादी में नही पहुंचा। खैर जैसे तैसे बारात विदा हो गयी।
बाद में जब पता लगाया गया तो पता चला कि उन सब रिश्तेदारों को कोई कार्ड ही नही मिला था। बिल्लू से पूछा गया तो उसने कहा कि सबको कार्ड पहुंचा दिए थे। बिल्लू के पूरे व्यकित्व पर प्रकाश डालने का वक़्त नही है सीधी और सरल बातों में कहु तो उनका दिमाग कुछ ढीला था। बिल्लू सबसे खुलते भी नही थे। सबको लग रहा था कि बिल्लू ने कुछ न कुछ खुरापात की है पर पता कैसे लगाया जाय ?
काफी दिनों बाद एक बुजुर्ग ने बिल्लू का रहस्य खोला। गाँव के पास से ही एक नदी बहती है लोन नदी ( इस नदी का नाम लोन क्यू है इसकी कहानी फिर कभी ) . उस दिन जब बिल्लू शादी के कार्ड ले कर निकले तो उन्हें न जाने क्या हुआ। उस नदी के पुल पर जा कर बैठ गए और शादी के कार्ड एक एक कर निकालने लगे। कार्ड में जिसका नाम लिखा था उसको जोर जोर से पढ़ा-----
" रामसेवक कानपुर वाले , तुम्हारा कार्ड आ रहा है------ दुबे जी उन्नाव वाले तुम्हारा कार्ड आ रहा रहा है----- बीघापुर वाली बुआ , तुम्हारा कार्ड आ रहा है----------. "
और सारे कार्ड एक एक कर नदी में बहा दिए।
( © आशीष। आशा है आप भी इससे कुछ सबक लेंगे। वरना आपके कार्ड नदी में जायेगे और रिश्तेदार मुँह फुलाए घूमेंगे )
ये घटना कानों की सुनी है आँखो की देखी नही। इसलिए ज्यादा दिमाग मत खपायिगा। मै उसके बारे में ज्यादा जानता नही बस इस घटना की याद थोड़ी थोड़ी है। उसका वास्तविक नाम पता याद नही आ रहा है पर उसे बिल्लू कह सकते है। उसकी कोई बाल बनाने की दुकान नही थी । जब किसी के घर में शादी बारात होती तो उसे काम के लिए बुला लिया जाता था।
तकनीक और जमाना चाहे कितना ही बदल गया हो पर शादी के जब तक कार्ड लोगो तो नही मिलते तब तक शादी के निमंत्रण को पूरा नही माना जाता है। अगर आप की शादी होने जा रही हो तो मजाल है किसी रिश्तेदार को आप कार्ड देना भूल जाये। उनका मुँह तुरंत फूल जायेगा। कुछ तो रिश्तेदार इतना ज्यादा भाव खाते है कि कार्ड भी दो और उन्हें शादी के लिए लिवाने भी जाओ।
गांव में किसी की शादी थी। बिल्लू को कार्ड बाटने को दिए गए। बिल्लू अपनी पुरानी साइकिल से पास के गावो में उसके रिस्तेदारोे को कार्ड देने गए। बारात वाले दिन जिनको कार्ड भेजा गया उनमे कोई भी शादी में नही पहुंचा। खैर जैसे तैसे बारात विदा हो गयी।
बाद में जब पता लगाया गया तो पता चला कि उन सब रिश्तेदारों को कोई कार्ड ही नही मिला था। बिल्लू से पूछा गया तो उसने कहा कि सबको कार्ड पहुंचा दिए थे। बिल्लू के पूरे व्यकित्व पर प्रकाश डालने का वक़्त नही है सीधी और सरल बातों में कहु तो उनका दिमाग कुछ ढीला था। बिल्लू सबसे खुलते भी नही थे। सबको लग रहा था कि बिल्लू ने कुछ न कुछ खुरापात की है पर पता कैसे लगाया जाय ?
काफी दिनों बाद एक बुजुर्ग ने बिल्लू का रहस्य खोला। गाँव के पास से ही एक नदी बहती है लोन नदी ( इस नदी का नाम लोन क्यू है इसकी कहानी फिर कभी ) . उस दिन जब बिल्लू शादी के कार्ड ले कर निकले तो उन्हें न जाने क्या हुआ। उस नदी के पुल पर जा कर बैठ गए और शादी के कार्ड एक एक कर निकालने लगे। कार्ड में जिसका नाम लिखा था उसको जोर जोर से पढ़ा-----
" रामसेवक कानपुर वाले , तुम्हारा कार्ड आ रहा है------ दुबे जी उन्नाव वाले तुम्हारा कार्ड आ रहा रहा है----- बीघापुर वाली बुआ , तुम्हारा कार्ड आ रहा है----------. "
और सारे कार्ड एक एक कर नदी में बहा दिए।
( © आशीष। आशा है आप भी इससे कुछ सबक लेंगे। वरना आपके कार्ड नदी में जायेगे और रिश्तेदार मुँह फुलाए घूमेंगे )
शनिवार, 14 फ़रवरी 2015
गुरुवार, 29 जनवरी 2015
A interesting story of childhood
"चलो तुम्हे टीवी दिखाए "
बात उन दिनों की है जब दूरदर्शन पर रविवार को सुबह ९ बजे चन्द्रकान्ता आया करता था। मेरे घर में बिजली का कनेक्शन था पर टीवी नही थी। होती भी तब भी किसी पड़ोसी के घर ही जाकर देख सकता था क्यू की बिजली आती ही नही थी।
शौकीन लोग शुक्रवार को बैटरी चार्ज करवा कर लाते फिर शुक्रवार , शनिवार की पिक्चर मजे से देखते। बची बैटरी रविवार को चन्द्रकान्ता भी दिखा दिया करती थी। रविवार की शाम वाली पिक्चर तो बैटरी को हिला हिला कर और कभी कभी गर्म पानी डाल ही देख पाते थे।
मेरे तीन भाई और २ चचेरे भाई थे। हम साथ साथ तरह तरह के खेल खेला करते थे। अपनी उम्र उस टाइम गुल्ली डंडा खेलने की थी और भाइयो की उम्र कंचे खेलने की।
तभी सौर ऊर्जा ( सोलर पैनल ) ने गावो में अपने पैर पसारे। अब लोगो के घर में छत पर टीवी के एंटीना के साथ एक बड़ी आकर्षक प्लेट भी लगी दिखने लगी थी।
पड़ोस में गोलू भी रहता था। आपके साथ भी रहा होगा गोलू। गोलू मतलब एक मोटा , थुलथुल , माँ बाप का लाडला जो बात बात पर अपनी मम्मी से शिकायत करने भागता था। आप समझ रहे न ऐसे गोलू हर किसी के साथ रहे होंगे। खैर गोलू के घर में टीवी भी आ गयी और सौर ऊर्जा भी लग गया।
गोलू घमंडी तो थे ही अब और ज्यादा भाव खाने लगे। किसी रविवार को जब पड़ोसी के घर में बैटरी जबाब दे गयी तो हम चंद्रकांता प्रेमी गोलू के घर की ओर भागे। पर गोलू ने दरवाजा न खोला। गोलू ने वजह बताई कि परसों हमने उन्हें गुल्ली डंडा नही खिलाया था।
उस दिन हम पांचो भाईओ ने कसम खायी कि कुछ करना है।
उस घटना के तीसरे रविवार को प्लान बन गया। मेरे घर के सामने काफी जगह थी। सामने पैरा ( पुआल , धान की फसल का छोटा छोटा गट्ठर ) की खरही ( कतार ) लगी थी। उसके नीचे एक पुरानी बैलगाड़ी दब गयी थी। इसके चलते वहां एक छोटी सी सुरंग बन गयी थी। पैरा की खरही में इस तरह छेद बहुत तरह से उपयोगी थे। कभी कभी उसमे कुतिया अपने पिल्ले देती थी। हम जैसे लोग चोर पुलिस खेलते थे और कभी कभी छुपने छुपाने वाला खेल ( आइस -पाइस ). ज्यादातर उसमे कुश्ती हुआ करती थी।
प्लान के तहत गोलू को उस होल के अंदर लाना था और अंदर छुपे भाईओ को जम कर कुटाई करनी थी गोलू की। मुश्किल यह थी कि गोलू को यहाँ तक लाया कैसे जाय ? मुझे आज इतने सालो के बाद भी यह समझ नही आता उस दिन वो बहाना मुझे कैसे सुझा और गोलू उस को मान भी कैसे गया था।
शाम को जब गोलू खेलने को आया तो मैंने अपने सबसे छोटे भाई को भेजा। भाई ने गोलू से जाकर बोला "चलो मेरे घर में कलर टीवी आयी है तुम्हे दिखाए।" गोलू ने काफी तर्क दिए पर अंततः आने को तैयार हो गए। भाई ने कहा अभी वो टीवी पैक है इसलिए उस पैरा के भीतर रखी गयी है। आज सोचता हूँ कि गोलू को टीवी से ज्यादा उस होल के अंदर जाने की इच्छा थी। गोलू अंदर गए और उस अंधेरे बंद होल में उनको बहुत कायदे से कलर टीवी दिखाई गयी। न जाने मोहल्ले के परम उपद्रवी लड़के #बद्री को इस प्लान का पता कहाँ चल गया था। उपद्रवी बद्री भी उसके अंदर छुपे बैठे थे और अपनी लम्बी टांगो से फाइट लड़ने के लिए मशहूर थे। गोलू को कूटने में बहुत मजा आया पर थोड़ी देर बाद जब गोलू मौका पर भाग गए। उनकी बहन वापस उलहना ( अवधी में ओरहन ) ले कर वापस आ गयी और उसने हाथ नचा नचा कर मेरी माँ से नमक मिर्च लगाकर शिकायत की। उसने जब कहा कि कलर टीवी देखने को देखने के बहाने बुला कर मेरे भाई को मारा है। उस समय मोहल्ले की उन तमाम औरतो को उसकी बात पर यकीन नही हुआ क्यू कि कोई यह मानने को तैयार न था कि कलर टीवी पैरा के ढेर में छुपा कर रखी जा सकती है।
खैर , मेरी माँ के पास अगर कोई गलती से भी मेरी शिकायत कर देता था तो माँ पहले ठोकती थी फिर मामला पूछती थी। उस रात मुझे अपनी माँ की मार से ज्यादा गोलू को फसा कर कूटने का ज्यादा आंनद था। मोहल्ले के परम उपद्रवी लड़के बद्री की कहानी फिर कभी।
खैर , मेरी माँ के पास अगर कोई गलती से भी मेरी शिकायत कर देता था तो माँ पहले ठोकती थी फिर मामला पूछती थी। उस रात मुझे अपनी माँ की मार से ज्यादा गोलू को फसा कर कूटने का ज्यादा आंनद था। मोहल्ले के परम उपद्रवी लड़के बद्री की कहानी फिर कभी।
© आशीष कुमार( All rights reserved ,do not copy paste it )
बुधवार, 28 जनवरी 2015
कहानी के पीछे की कहानी
कहानी के पीछे की कहानी
डिअर फ्रेंड्स , जिस दिन मैंने अपनी कहानी का पहला भाग पोस्ट किया था किसी ने कमेंट किया था कि मेरी अधूरी कहानियो की एक और सीरीज। मुझे हँसी साथ आर्श्चय हुआ भला उसने ऐसा क्यू कहा। खैर वो सही थे।
कोई भी कहानी एक थीम पर होती है। उस कहानी में main थीम थी हरी सिगरेट। आज से सात साल पहले उस कहानी को लिख कर न्यूज़ पेपर को भेजा था। उस के एडिटर का फ़ोन आया कि यह कैसे पॉसिबल है। खैर उन्होंने नही छापा। कहानी वापस आ गयी।
कहानी को कुछ सुधार कर , मैंने फेसबुक पर पोस्ट करना शुरू किया। अच्छा रिस्पांस मिला। पर तीसरे पार्ट तक आते आते एक ने कमेंट में ऐसा रायता फैलाया कि मन खट्टा हो गया। एक और कुछ साथी इतनी ज्यादा डिमांड कर रहे थे कि बस यही लगे कि लिखता रहू लगातार।
खैर , लिखना अपनी जगह है और सर्विस करना अपनी जगह। जॉब में अचानक इतनी व्यस्तता आ गई कि फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट करके जाना पड़ा।
अब कुछ लोग ने व्हाट एप पर शिकायत करने लगे कि मैंने उन्हें ब्लॉक क्यू कर दिया है। जबकि अगर आप अकाउंट डीएक्टिवेट करते है तो सब को ऐसा ही लगेगा कि ब्लॉक्ड है। मोबाइल पर भी नेट कनेक्शन बंद करना पड़ा। लोकप्रियता बहुत अच्छी लगती है पर उसके साथ जिम्मेदारी भी आती है यही समझ आया। हर वक़्त लगे कि न जाने कौन क्या सोच रहा होगा ?
कहानी के लिए काफी लोगो ने अपने अपने स्तर पर मांग की। बहुत अच्छा लगा। पर खेद है उसको विस्तार देने के लिए अभी समय नही आया है।
सात साल बाद कोशिस की थी पर पूरी न कर सका। अपने उन बौद्धिक साथी को उनके स्तर का ही जबाब - भाई जब मेरी जिंदगी में ही अपूर्णता है तो कहानी कहाँ से पूरी लिख सकता हूँ।
अब वनवास खत्म हो रहा है कुछ अच्छा सा , अलग सा आपके लिए लेकर जल्द ही मिलता हूँ।
मंगलवार, 27 जनवरी 2015
How to improve your math for competitive purpose
टॉपिक: 58 अपनी गणित प्रतियोगी परीक्षा के अनुरूप कैसे तैयार करे ?
एक दिन किसी ने मुझे रांची से फ़ोन किया था पर्सनल सलाह लेने के लिए। उसने बातो बातो में बताया कि उसकी मैथ बहुत कमजोर है और पूछा कि वो इसे कैसे तैयार करे ? मुझे लगा ऐसा बहुत से लोगो के साथ होगा। यहाँ पर कुछ टिप्स है जो आपके भी काम आ सकते है।
एक दिन किसी ने मुझे रांची से फ़ोन किया था पर्सनल सलाह लेने के लिए। उसने बातो बातो में बताया कि उसकी मैथ बहुत कमजोर है और पूछा कि वो इसे कैसे तैयार करे ? मुझे लगा ऐसा बहुत से लोगो के साथ होगा। यहाँ पर कुछ टिप्स है जो आपके भी काम आ सकते है।
- सबसे पहले आपको अपने मन से मैथ का डर निकलना होगा। यह सबसे रोचक विषय है। पहले के डर को भुला दीजिये और नए सिरे से इसे पढ़ना शुरू करे।
- आर. ऐस अग्रयाल वाली मैथ की बुक लगभग हर कोई पढ़ता है उससे ही शुरआत करे
- उसमे जो example दिए है उनको बगैर देखे हल करने का प्रयास करे।
- चाहे जितना टाइम लगे आपको सारे सवाल हल ही करने है।
- मैंने तो नही किया पर सुना जरूर है कुछ लोगो ने इस बुक को ४ या ५ बार हल किया है अब को भी इतनी ही बार टारगेट रखना चाहिए।
- मैथ की ट्रिक्स वाली बुक भी आती है। उसको भी आप खरीद सकते है।
- उनसे ट्रिक सीख कर आप कैलकुलेशन बहुत तेज कर सकते है।
- मैथ के सवालो को जहाँ तक हो सके अपने मन में हल करे। मेरे कहने का मतलब कॉपी और कलम को जरूरत पड़ने पर ही touch करे
- आपकी उम्र भले कितनी ही हो गयी हो अगर आपको tuition की जरूरत लगती है तो उसे लेने में हिचकिचाये नही।
- एग्जाम कोई भी मैथ्स के बगैर आप से निकलने वाला नही इसलिए इसे अवॉयड न करे। जैसे उस दिन उस साथी ने कहा कि मैथ की जगह वो gs ज्यादा पढ़ ले तो काम बनेगा या नही।
- मेरा जबाब है नही कतई नही बनेगा। आपको मैथ पढ़नी ही पड़ेगी।
रविवार, 25 जनवरी 2015
HOW TO SELECT GOOD COACHING FOR IAS
Topic: 57 आईएएस के लिए सही कोचिंग का चुनाव कैसे करे ?
आम तौर पर कोई भी ब्लॉग लेखक , या मोटिवेटर आपको कभी भी कोचिंग करने की सलाह नही देता है। मै भी कोचिंग करने के लिए मना करता हूँ उसके बावजूद कुछ दोस्तों ने जानना चाहा कि सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है ? चलिए आज कुछ इस बारे में बात करते है
आम तौर पर कोई भी ब्लॉग लेखक , या मोटिवेटर आपको कभी भी कोचिंग करने की सलाह नही देता है। मै भी कोचिंग करने के लिए मना करता हूँ उसके बावजूद कुछ दोस्तों ने जानना चाहा कि सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है ? चलिए आज कुछ इस बारे में बात करते है
- आज का दौर विज्ञापन का है। इसलिए भी कोचिंग के एड पर मत जाइये।
- हर कोचिंग के फ़ोन पर बात कर के देखे।
- आप खुद हर कोचिंग में जा कर ट्राइल ले।
- वहाँ के टीचर या स्टूडेंट से बात कर के पता करे
- अपने बजट के हिसाब से चुने।
- सारी फीस एक साथ मत दे।
- फीस कम कराने के लिए जितना हो सके प्रयास करे।
- कौन कौन पढ़ाएगा और कितने घंटे यह भी पहले पता कर ले।
- बहुत से नामचीन सिर्फ दिखावे के लिए होते है इस लिए सतर्क रहे।
- जहाँ भीड़ ज्यादा हो वहाँ पर आप को कुछ मिलने से रहा इसलिए अच्छे टीचर जो मोटीवेट भी करे उसे पकड़े।
- आपको चिंतक जी याद है ( इलहाबाद वाले ) वो भी जब दिल्ही जाने वाले थे उसके १ माह पहले से ही हर कोचिंग में फ़ोन करके फीस आदि पता कर लिया थे।
- जहाँ तक मैंने सुना है डेल्ही की कोचिंग में रफ़्तार बहुत है। चिंतक जी के अनुसार अगर आपको जल्दी सफलता पानी है तो डेल्ही ही में कोचिंग करे।
- उक्त सारी बातो के साथ आपको ध्यान रखना होगा कि आपकी मेहनत का कोई विकल्प नही।
- सबसे अच्छी कोचिंग करने वाले भी ४ साल में एक भी pre नही निकाल पाते है और बहुत से मेहनती लोग अपने घर में रहकर पहली बार में ही pre निकल लेते है।
- इसलिए जो लोग कोचिंग करने में सक्षम नही है वो मन न मारे।
शुक्रवार, 23 जनवरी 2015
How to make good Notes for ias ?
Topic: 56 सिविल सेवा के लिए नोट्स कैसे बनाये ?
किसी भी EXAM के लिए अपने खुद के बनाये नोट्स बहुत काम आते है। नोट्स बनाने का भी एक तरीका होता है। आज के समय नोट्स बनाने की आदत कम होती जा रही है। ज्यादातर लोग कोचिंग के नोट्स की फोटोकॉपी खरीद लेते है। जैसे तैसे उनको पढ़ते है। उनको पढ़ने में भी बहुत दिक्क़त होती है। इसके चलते आपको लिखने का अभ्यास नही हो पाता है। आजकल लोग ONLINE PDF FILES , नोट्स बहुत लेने लगे है जो और ज्यादा नुकसानदायक है। सच सच बताईये क्या आपको मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ने अच्छा लगता है और उसमे आप कितनी देर पढ़ सकते है। आपको पता भी है मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ने से क्या क्या नुकसान है ?
इस लिए जरूरी है कि आप खुद से नोट्स बनाना शुरू करे। अपने पास एक पॉकेट DIARY हमेशा रखे। उसमे आप जरूरी POINTS नोट करते रहे। अगर आप की इंग्लिश कमजोर है तो इस डायरी को अपने WORD POWER बढ़ाने के काम ला सकते है। NEWS PAPER पढ़ते समय उसमे जो चीजे काम की है उनको नोट करते चले। ये तो एक ऐसी आदत है जिसे हर उम्र और हर तरह की तैयारी करने वाले को अपना लेनी चाहिए।
अब बात करते है आईएएस के लिए नोट बनाने की।
- अगर आपको एग्जाम का पैटर्न पता है तो आप नोट्स बनाने की शुरूआत MAINS EXAM के लिए कर सकते है।
- योजना , कुरुक्षेत्र जैसी मैगज़ीन से पॉइंट्स वाइज नोट्स बनांते चले। मैंने कुछ पुरानी पोस्ट में ऐसे नोट्स SHARE किये थे। आपको वो याद है न ? ठीक वैसे ही आप भी बना सकते है।
- न्यूज़ पेपर से आप FACTS इकट्ठे करने के फेर में मत पढ़िए। आपको नीतियों तथा योजनाओ के बारे में जानकारी नोट करनी चाहिए। जैसे इस समय नीति आयोग और अनुच्छेद १२३ के दुरूपयोग की खबरे आ रही है तो उनके बारे में जानकारी जुटानी चाहिए। न कि आगामी क्रिकेट world cup के बारे में।
- मैंने पहले भी लिखा था कि अब आपको जानकारी से ज्यादा , समझ की जरूरत है। इसलिए आप जो कुछ भी नोट करे उससे आपकी उसके प्रति समझ भी बननी चाहिए।
- जितना हो सके पॉइंट वाइज लिखे और CONCISE लिखे।
- जब कभी कुछ नोट करे उसमे अपने विचार भी एक दो वाक्यो में लिखे। यह बहुत जरूरी बात है।
नोट : अगर आप को सही तरह से गाइड करने वाला नही मिला है और आप चाहते है कि आप के अटेम्प्ट और मनी waste न हो। आपको मोटिवेशन की जरूरत लगती है। और यदि आप इस तरह के प्रश्नो से जूझ रहे है कि कैसे पढ़े ? और क्या पढ़े ? आपकी मैथ और इंग्लिश या रीजनिंग कमजोर है तो क्या करना है ? इस तरह की समस्याओ के पर्सनल guidance के लिए मुझे मैसेज या ईमेल ( ashunao@gmail.com) करे। शायद आपकी कुछ मदद कर सकू।
गुरुवार, 22 जनवरी 2015
How to get success in ias without coaching
Topic: 55 बैगर कोचिंग कैसे सफलता पाये ?
हिंदी माध्यम के स्टूडेंट के साथ कई तरह की PROBLEM आती है। जिसमे में एक है सही कोचिंग का चुनाव। मुझसे कई लोगो ने यह प्रश्न किया है मुझे कोई अच्छी COACHING बताईये जिससे मेरा पैसा न डूबे। मेरा इस मामले में बहुत ज्यादा अनुभव नही है। अपने और साथियो के अनुभव के आधार पर यही कह सकता हूँ कि ऐसी कोचिंग है नही जहाँ आपको यह अहसास न हो कि आप बेवकूफ नही बनाये गए है। एक बार अपने FEE जमा कर दी तो फिर "भाड़ में जाओ तुम और तुम्हारी तैयारी।" अच्छा दिक्क़त सिर्फ कोचिंग वालो की नही है दिक्क़त कुछ अगम्भीर स्टूडेंट्स की ओर से भी होती है। कई बार अच्छे टीचर को अच्छे से पढ़ाने भी नही देते है अगर कोई समझाना भी चाहे तो वो लिखाने पर जोर देने लगते है जैसे कि नोट्स ही काम आयेगे ( DELHI की WELL KNOWN कोचिंग में मेरे एक अच्छे दोस्त का EXPERIENCE )
आज के समय में आईएएस की मुख्य परीक्षा में जिस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे है उस स्तर की पढ़ाई मेरे विचार से शायद ही कोई करवा पाये। इस लिए जरूरी है खुद ही से मेहनत की जाय। ये टिप्स शायद आपके कुछ काम आ जाये।
- जब नोटिस आये ( मई या जून माह ) तब आप रोजगार समाचार खरीद ले। इसमें आपको आईएएस से जुडी सारी जानकारी , विषय , उनका कोर्स , पेपर पैटर्न आदि मिल जायेगा।
- इसके बाद जो विषय आपको सबसे ज्यादा समझ में आये। उसके पुराने पेपर देखिये
- आपके पास pre और mains के साल्व्ड पेपर होने चाहिए।
- pre और mains के पेपर को पढ़िए , समझिए और उनको हल करिये।
- नियमित समाचार पत्र ( HINDI में स्तरीय पेपर का आभाव आज भी है इसलिए the हिन्दू या इंडियन एक्सप्रेस को ले सकते है ) पढ़िए। उनसे नोट्स बनाइये।
- अपने आस पास उनको लोगो को तलाशिये जो इस FIELD में पहले से है उनके नोट्स देखिये उन्हें लेने के बजाय वैसे ही खुद बनाने का प्रयास करे।
- जब आप तैयारी काफी हद तक हो जाये तब हो सके तो किसी अच्छी कोचिंग में TEST SERIES ज्वाइन कर लीजिये। मेरे ख्याल से FULL TIME कोचिंग करने के बजाए टेस्ट सीरीज ज्यादा लाभदायक होगी।
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