वो चाट बेचने वाला आदमी
पिछली बार जब भाई के पास उसके कमरे पहुंचा तो पता चला पड़ोस में एक नए किरायेदार आये है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के दौरान पहले मै वहां रहता था फिर मेरे बाद मेरे भाई रहने लगे। लगभग हमारे पास वो कमरा ७ सालो से है। कितने ही किरायेदार आये और गए।
इस बार पता चला कोई नया परिवार आया है। पति , पत्नी और दो बेटे थे। एक तो बस १० या १५ दिन का ही था। दूसरा ३ साल का। उनका बड़ा बेटा बहुत जल्द ही सारे महल्ले का प्रिय बन गया। बहुत शरारती था। आम तौर पर अपनेकमरे पर किसी को अंदर आने की इजाजत नही देता हूँ , वजह पढ़ाई में व्यवधान होता है पर ये लड़का डरता ही नही था। अक्सर कमरे में आ जाता।
कुछ ही दिन रुकना था पर उस परिवार के बारे में बगैर बात किये ही काफी बाते पता चल गयी । पत्नी , सुंदर थी और काफी तेज,चकड़ भी। पति भी गोरा था , सीधा था और घुन्ना भी ( जो कम बातचीत करे ) . अक्सर उनके कमरे से जोर जोर आवाज आती जिनसे यही पता चलता कि वो अपने पति की कमाई से खुश नही है। शायद परिवारिक कलह इसे ही कहते है।
पति शहर किसी फैक्ट्री में काम करता था। शायद उसे २०० रूपये मिलते थे। जब उनके घर झग़डा बढ़ने लगा तो पति ने सोचा अब अपना धंधा करुगा। कुछ रोज बाद , भाई ने मुझे बताया कि ठेलिया आ गयी है। पड़ोसी अब आलू पापड़ी बेचेंगे। मै भी उत्सुकतावश उस ठेलिया को देखने गया।
अपनी मकान मालकिन (दीदी) से लगभग सारी बाते पता चलती रही। पता चला कि अब वो आदमी चाट बेचेगा। हमारे शहर में , एक नई तरह की सुबह सुबह चाट बिकती है , उबले चने , उबले आलू ,खट्टी चटनी और पापड़ी। अच्छा स्वाद होता है। कभी आना तो चखना जरूर।
जिस रोज वो आदमी अपनी ठेलिया लेकर चाट बेचने निकला। घर के सभी किरायेदारों ने उसके धंधे की शुरुआत करायी। १० रूपये में एक पत्ता बिक रहा था। वो आदमी अपनी ठेलिया रेलवे स्टेशन ले गया।
शाम को सब लोग खास तौर पर मकान मालकिन ने उससे जानना चाहा कि कितने का धंधा हुआ ? पता चला कि उसके ५०० रूपये बचे है। अब सब अच्छा था। अच्छी आमदनी होने लगी थी फिर भी उनके घर में चीजे बिगड़ रही थी।
अब उस आदमी को घर में सुबह जल्दी उठना पड़ता। उसके साथ उसकी बीवी को भी उठना पड़ता था। सुबह आलू, मटर और पापड़ी तैयार करनी पड़ती थी। अक्सर दिन में वो तेज महिला आँगन में कुकर और बर्तन धोती और भुनभुनाती रहती थी।
मेरा उनसे कभी भी INTERACTION नही हुआ पर उनका FUTURE मुझे दिखाई सा पड़ रहा था। एक रात , बहुत जोर से उस महिला की आवाज सुनाई पड़ी। धीरे धीरे कुछ और किरायेदार बाहर निकले। उपर दीदी के पास वो महिला अपने बड़े बेटे के साथ कुछ जोर जोर आवाज में कह रही थी। जब बर्दाश्त से बाहर शोरगुल होने लगा तो मुझे भी बाहर निकलना पड़ा। मुझे दूसरे दिन सुबह ५ बजे LUCKNOW पेपर देने जाना था।
उपर जाकर देखा तो पता चला उनके बड़े बेटे ने अपने नाक में मटर का दाना डाल लिया था। उस रात बहुत हंगामा हुआ। उसका पति , चुपचाप कमरे में सो रहा था। इधर पत्नी इसी बात का हंगामा कर रही थी कि बेटा चाहे मर जाये पर वो इंसान उठेगा नही।
कुछ रोज बाद मै वापस अपनी JOB में लौट आया। आते वक़्त पता नही क्यू पर भाई से बोल कर आया कि इसकी पत्नी बहुत तेज है कहीं ऐसा न हो कि उसका घुन्ना पति SUICIDE न कर ले। भाई ने समझा मजाक कर रहा हूँ पर मुझे कुछ चीजे कभी कभी आभास होने लगती है। अभी खुद UNMARRIED हूँ पर दुनियादारी की बहुत गहरी समझ है। मुझे दूर से उनके घर की हकीकत नजर आ रही थी।
एक रोज जब मै ऑफिस रात में लौट कर घर आया तो भाई का फ़ोन आया कि आप सही थे। उस चाट वाले ने POISON खा लिया। भाई भी गावं में था उसके पास मकान मालकिन का PHONE आया था। उस रोज घटना कुछ इस तरह घटित हुई।
सुबह वो आदमी अपनी ठेलिया ले कर निकला। आदमी थोड़ी देर बाद ही घर लौट आया। चाट तो बिकी नही थी तो उसे सारी गाय को खिला दी। घर आकर बीवी से न जाने के किस बात पर झग़डा शुरू हुआ। थोड़ी देर बाद वो आदमी बाहर निकल गया। पास की रेलवे लाइन की पटरी के साथ चलता शहर से बाहर निकल गया। वही बैठ कर उसने शराब पी साथ में कोई जहर भी खा लिया। उसने उधर से अपनी पत्नी को फोन किया। पहले तो उसकी बीवी को मजाक लगा पर कुछ देर बाद आस पास के लोग उसे लिवाने गए। अगले कुछ घंटो में वो चाट बेचने वाला आदमी , इस WORLD से हमेशा के लिए जा चुका था।
… गलती किसकी थी ? यह कह पाना मुश्किल है हम भी आप की तरह बाहर से चीजो को जाना और कानो सुनी चीजो के आधार पर कहानी विकसित की पर एक बार आप उस WIDDOW के आगे के जीवन पर नजर डाले , दो छोटे बच्चे---------. वैसे तो कभी CASTE का उल्लेख नही करता यहाँ भी नही कर रहा हूँ पर अगर आप को लगता है यह कोई ऐसे वैसे की कहानी है तो आप गलत है , वह उत्तर भारत की सबसे अच्छी मानी /समझी जाने वाली जाति /समुदाय से थी।
कुछ आप भी निष्कर्ष निकालिये। वो महिला सच में सुंदर थी और काफी तेज थी शायद उसके सपने कुछ ज्यादा ही बड़े थे। आदमी भी सुंदर था , गरीब था पर वो हाई फाई नही था। चीजे कैसे बिगड़ती है आप समझ सकते है।
© आशीष कुमार ,
बहुत बढ़िया आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा www.gyanipandit.com की और से शुभकामनाये !
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