अवसंरचना के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम
किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए मजबूत , विकसित अवसंरचना बेहद अहम भूमिका निभाती है। भारत के लिए ऐसा कहा जाता रहा है कि यहाँ पर प्राथमिक क्षेत्र के विकास के बाद सीधे तृतीयक क्षेत्र अर्थात सेवा क्षेत्र का विकास हुआ, इसके चलते यहां पर अवसंरचना का विकास अवरुद्ध रहा।
आज असम में भारत के सबसे बड़े नदी पुल धोला -सदिया का उद्घाटन , भारत सरकार द्वारा इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता का अच्छा उदाहरण है। ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी लोहित पर 9. 20 किलोमीटर लम्बे पुल के निर्माण में लगभग 950 करोड़ का खर्च आया है। इस पुल के निर्माण से पूर्वी भारत में भारत की पहुंच तेज होगी। असम से अरुणाचल प्रदेश में पहुंचने में 4 घंटे समय की बचत होगी। इस पुल से लगभग 60 टन वजनी सेना का टैंक गुजर सकता है। इससे भारत पूर्व में अपनी सेना की तेज पहुंच सुनिश्चित कर सकेगा। विदित हो कि अरुणाचल को लेकर चीन के साथ भारत के सम्बन्ध तनावपूर्ण रहे है।
इससे पूर्व मार्च में जम्मू से श्रीनगर सम्पर्क मार्ग में भारत की सबसे लम्बी रोड सुरंग , 9. 2 किलोमीटर लम्बे रोड टनल चेन्नी -नाशरी का भी उद्द्घाटन हो चूका है। उक्त उद्धरण भारत की अवसंरचना निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखलाते है।
आशीष कुमार
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।
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