लक्ष्मीकांत की कालजयी पुस्तक का नया संस्करण
मैंने आज एक मित्र के पास लक्ष्मीकांत की संविधान वाली बुक का 2017 का संस्करण देखा।एक पल को चौक गया । बहुत मोटी हो गयी है । अंदर देखा तो बस कुछ नए पन्ने जोड़े है । टाटा मैक हिल की बुक अच्छी तो होती है पर पन्ने की बर्बादी बहुत होती है । आप खुद देखे , जो बात आधे पन्ने में खत्म की जा सकती है उसके लिए 4 पन्ने भर देंगे । बेचारा नया लड़का तो किताब का वजन देख कर ही टेंसन में आ जाये ।
अब दाम भी बहुत बढ़ गए है इसके 😊
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