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बुधवार, 10 मई 2017

The integrated case management information system


एकीकृत केस प्रबंधन सुचना प्रणाली 

कल सर्वोच्च न्यायालय में डिजिटल इंडिया के एक भाग के तौर पर एकीकृत केस प्रबंधन सुचना प्रणाली की शुरुआत कई मायनों में काफी अहम है। यह सरल, पारदर्शी , त्वरित प्रकिया आम जन को बहुविध तरीके से न्याय सुलभ कराएगी। पेपरलेस तकनीक के अनुप्रयोग से भारत अपनी पर्यावरण प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गौरतलब है कि एक पेपर बनाने में 10 लीटर पानी खत्म होता है। 

 इस तकनीक के चलते , मुकदमे के नंबर और केस के आधार को उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल कर सकता है , बाकि फाइल डिज़िटल तरीके से स्वतः उच्च न्यायालय से ऊपर पहुंच जाएगी। इसमें मुकदमे की फ़ीस , लगने वाला अनुमानित समय का भी उल्लेख रहेगा। इसमें सम्बंधित सरकारी विभाग को स्वतः केस दाखिले के बारे में सुचना मिलने का भी प्रावधान किया गया है।   

भारत में लगभग 3 करोड़ो मुकदमे निचली अदालतों , 60 हजार मुकदमे सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। यह हमारे जीवंत लोकत्रंत के लिए अभिशाप है क्यूकि कहा जाता है कि न्याय में विलम्ब , न्याय की अवमानना है। इस तकनीक से आशा की जानी चाहिए कि भारत में न्याय प्रकिया में तेजी आएगी। 

आशीष कुमार , 
उन्नाव, उत्तर प्रदेश  

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