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गुरुवार, 27 मई 2021

Complete life

जीवन समग्र

तुम्हारे घर के काफी निकट
या कि बहुत ही दूर 
एक झील जरूर होगी
हर झील की तरह
इसके किनारे पर
एक गलियारा भी होगा

प्रिय तुम वही, 
उसी गलियारे पर
जहाँ दोनों तरफ 
घने, हरे, लंबे पेड़ो
की कतारें,
बनाती है एक 
अजब वीरानगी,
मुझसे मिलने आना

पर ध्यान रहे,
तुम आना
अपने कृत्रिम
आवरण को
परे रखकर,
रंग, रूप
जाति धर्म
को पीछे छोड़कर
ही आना
(संजय लेेेक,मयूर विहार, दिल्ली)

उस वीरान
गलियारे पर
साथ चलेंगे
कुछ कदम
जियेगें जीवन
पूर्ण सम्पूर्णता में

©आशीष कुमार, उन्नाव।
28 मई, 2021।




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