रविवार, 17 मई 2015
शुक्रवार, 15 मई 2015
बुधवार, 13 मई 2015
आईएएस प्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक
टॉपिक ७० : आईएएस प्री के लिए कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक
अब जब यह निश्चित किया जा चूका है कि द्वितीय पेपर में सिर्फ पासिंग मार्क लाने है तब पहले पेपर पर सारा जोर देना होगा। कल जो pib पर खबर थी उसके अनुसार , अब दूसरे पेपर में चाहे १९० अंक लाओ या सिर्फ ६७ कोई फर्क नही पड़ेगा। पहले पेपर के आधार पर ही मैन्स देने के लिए मौका दिया जायेगा।
यह निश्चित है एक महत्वपूर्ण फैसला है। आप सभी ने एक कोचिंग का खूब प्रचार देखा होगा जिसमे वो दावा करते है कि आप दूसरे पेपर में १९० + अंक ला सकते है। पिछले कुछ वर्षो में हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं की दुर्गति में यही सबसे बड़ा कारक माना जा सकता है। अब चीजे संतुलित हो गयी है। मुझे कुछ लोगो ने कल ही पहले पेपर के लिए कुछ टिप्स मागे थे। आज मैंने सुबह कुछ होमवर्क किया है शायद आप के कुछ काम आये।
मैंने पिछले कुछ सालो पेपर से वो टॉपिक / विषय /बिंदु लिए है जिनसे प्रश्न पूछे गए है। इनके बारे में डिटेल में जानकारी जुटाना आप पर है। एक मित्र मुझसे टॉपिक लेने के रिक्वेस्ट करते रहते है , अगर वो इन पर कुछ नोट्स बना कर भेजते है तो आपको शेयर कर दूंगा। आप में भी अगर कोई उत्साही है जो इन पर नोट्स बना सकता है या कुछ पॉइंट वाइज लिख सकता है तो प्लीज शेयर करिये। आप का काम बहुत से लोगो के काफी फायदे का होगा।
- यूरोपीय आर्थिक समुदाय
- न्यूनतम मजदूरी एक्ट १९४८
- इ अवशेष
- मुद्रास्फीति
- मिड डे मील योजना १९९५
- CASA १०००
- क्योटो प्रोटोकाल
- लीड बैंक योजना
- मार्ले -मिंटो सुधार १९०९
- मांटेंगु चेम्सफोर्ड एक्ट १९१९
- भारत सरकार एक्ट १९३५
- भारतीय स्वतंत्रता एक्ट १९४७
- जैव मंडलीय आरक्षित क्षेत्र
- राष्टीय उद्यान
- आद्र्र भूमि
- वन्य जीव आभरणय
- मिलेनियम इकोसिस्टम अस्सेस्मेंट
- pesa १९९६
- स्थगन प्रस्ताव
- राष्टीय जैव विविधिता प्राधिकरण
- राष्टीय हरित न्याधिराकरण
- राष्टीय जल मिशन
- ग्राफीन
- स्टेम कोशिका
- क्लोरो फ्लोरो कार्बन
- नागर , बेसर , द्रविण शैली
- आशा
- नेशनल सोशल कांफ्रेंस
- मल्टी डिमेंसिअल पावर्टी इंडेक्स
- सी बकथॉर्न
- जननी सुरक्षा योजना
- परसीमन आयोग
- जिला ग्रामीण विकाश अधिकरण
- रोलेट एक्ट
- क्रिप्स मिशन
- यूरोपीय कोंसिल और यूरोपीय कमीशन
- वायदा बाजार आयोग
- राष्टीय निवेश निधि
- सिमित देयता साझेदारी फर्म
- बैंकिंग लोकपाल
- स्वाधार और स्वंयसिद्धा
मंगलवार, 12 मई 2015
सोमवार, 11 मई 2015
शुक्रवार, 8 मई 2015
IF YOU ARE GOING TO APPEAR IN CIVIL SERVICE EXAM (PRE) 2015
टॉपिक : ६९
यदि आप इस बार आईएएस के प्रीएग्जाम में बैठने जा रहे है तो आपके लिए कुछ जरूरी सलाह
१. सबसे पहले पुराने /पिछले सालो के पेपर देखे। उनसे समझे किस तरह के प्रश्न पूछे जाते है।
२. बहुत से लोगो को लगता है कि किसी एक पेपर में अच्छा स्कोर करके वह एग्जाम क्लियर कर लेंगे। वास्तव में यह एक भ्रम है। आपको दोनों ही पेपर में अच्छा स्कोर करना होगा
३. दूसरे पेपर में कम प्रश्न है और अंक ज्यादा। इसमें आप को बहुत सतर्कता से बढ़ना होगा। कोई भी प्रश्न अगर गलत हुआ तो आपका नुकसान भी ज्यादा होगा।
४. दूसरे पेपर के लिए अपने स्तर पर , अपनी कमजोरियों को ध्यान में रख कर रणनीति बनाये
५. पहले पेपर में हर साल विविधता होती है। पिछले साल बहुत ही रटने वाले प्रश्न आ गए थे। इस पेपर के लिए बहुत ठोस तैयारी करे। बहुत सारी किताबो के साथ लुसेंट भी रटने के प्रयास करे ( नेशनल हाईवे वाला प्रश्न याद है न पिछले साल जो पूछा गया था ? )
६. परीक्षा हाल में बहुत सारी समस्याओं में एक है भरम होना। लोग अक्सर जल्दबाजी में गलत विकल्प चुन लेते है और कुछ लोग जल्दी में गलत गोला भी रंग देते है। इनसे बचने के लिए जरूरी है बहुत सारा अभ्यास और ढेर सारी मेहनत।
७. जितनी ज्यादा तैयारी , उतना ज्यादा आत्मविश्वास।
८. भले अभी काफी समय लग रहा हो पर अगस्त के लिए ज्यादा समय नही बचा नही है। इसलिए अब एक एक पल प्री के लिए समर्पित हो। ( खास तौर पर वो लोग जो मैन्स की तैयारी कर के बैठे है पर दुर्भाग्य से प्री नही निकल पाता है। )
९. सीसैट में मैथ को लेकर बहुत से लोग परेसान रहते है। आप उससे डरे नही। मुश्किल से ५० टाइप के प्रश्न मैथ के पूछे गए होंगे। आप पिछले सालो के प्रश्न हल कर डाले। उनमे स्पीड पा ले। आप का काफी काम हो जायेगा।
१०. अंतिम और सबसे जरूरी सलाह :- अति आत्मविश्वास से बहुत बचे। न जाने कितने ही स्मार्ट लोग जो पहली ही बार में सिलेक्शन लेने का दावा कर रहे थे प्री में बाहर हो गए। इसलिए कभी भी अपनी तैयारी पूरी न माने। ज्यादा दावे करने से बचे। शांत रहे। चुपचाप लगे रहे और दुनिया को दिखा दे।
हिन्दी माध्यम से सिविल सेवा
हिन्दी माध्यम से सिविल सेवा
गुरुवार, 23 अप्रैल 2015
स्टडी रूम के लिए जरूरी टिप्स
Topic:68 स्टडी रूम के लिए जरूरी टिप्स
किसी भी स्टूडेंट के लिए उसका study room उसके लिए किसी पूजा स्थल जैसा होता है। यही वह जगह होती है जहाँ आप पढ़ कर अपना भविष्य निर्धारित करते है।
किसी भी स्टूडेंट के लिए उसका study room उसके लिए किसी पूजा स्थल जैसा होता है। यही वह जगह होती है जहाँ आप पढ़ कर अपना भविष्य निर्धारित करते है।
- पढ़ाई जब भी करे पूरा ध्यान उस पर ही focus रखे।
- अपने रूम में कुछ मोटिवेशनल बाते नोट कर रखे।
- कोशिस करे रूम में आपको ज्यादा अवरोध न हो
- रूम में किताबे , नोट्स आदि करीने से लगे हो।
- Newspaper पढ़ कर उसे भी अच्छे से रखे।
- गैर जरूरी किताबे , नोट्स , पेपर समय समय पर निकलते रहे।
- कभी भी लेट कर पढ़ाई न करे।
- एक समय में एक किताब या विषय पढ़े।
- यदि आप का ध्यान भटक रहा हो तो अच्छा होगा आप उस time पढ़ाई न ही करे।
- अपने लक्ष्य के लिए स्पष्ट टाइम टेबल सामने जरूर चिपका हो।
सोमवार, 20 अप्रैल 2015
Some more answers
भारत में भूमिहीनता बढने के कारक :
१. बढती आबादी
१. बढती आबादी
२. विविध कारणों के चलते भूमि अधिग्रहण
रोजगार अवसरों की उपलब्धता :
१. भारत के अधिकांश आबादी कार्य कुशल नही है , ऐसे भूमिहीन लोग के लिए मजदूरी ही रोजगार के रूप में उपलब्ध है .
२. सरकार ऐसे लोगो के लिए विविध कार्यक्रम चला रही है , हाल में ऐसे लोगो के लिए आसानी से वित्त उपलब्ध कराने के लिए 'मुद्रा ' योजना चलाई गयी है .
३. अच्छी अच्छी योजना होने के बावजूद , उनका ठीक से क्रियान्वयन न होने से , हाशिये पर खड़े लोगो को इसका लाभ नही मिल पाता है .
४. नियमो की सही जानकारी का आभाव , दलालों तथा लालफीताशाही के चलते , भूमिहीन लोगो के रोजगार के अवसर बहुत सिमित है .
१. भारत के अधिकांश आबादी कार्य कुशल नही है , ऐसे भूमिहीन लोग के लिए मजदूरी ही रोजगार के रूप में उपलब्ध है .
२. सरकार ऐसे लोगो के लिए विविध कार्यक्रम चला रही है , हाल में ऐसे लोगो के लिए आसानी से वित्त उपलब्ध कराने के लिए 'मुद्रा ' योजना चलाई गयी है .
३. अच्छी अच्छी योजना होने के बावजूद , उनका ठीक से क्रियान्वयन न होने से , हाशिये पर खड़े लोगो को इसका लाभ नही मिल पाता है .
४. नियमो की सही जानकारी का आभाव , दलालों तथा लालफीताशाही के चलते , भूमिहीन लोगो के रोजगार के अवसर बहुत सिमित है .
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कनाडा और भारत के बीच यूरेनियम समजौता
संदर्भ एवम अभिप्राय
१. ३५० मिलियन डालर का सौदा , ५ सालो तक भारतीय रिएक्टर के लिए यूरेनियम की पूर्ति
२. २०१३ में हुए सिविल नुक्लेअर डील के अनुपालन के तहत समजौता हुआ है
३. कनाडा , संसार के सबसे प्रमुख यूरेनियम उत्पादक देशो में एक है , भारत की उर्जा जरुरते काफी हद तक इस समजौते पर निर्भर करती है .
४. २०३२ में भारत नुक्लेअर उर्जा क्षमता ४५००० मेगावाट होगी . इसके लिए यूरेनियम के अबाध पूर्ति होना जरूरी है .
५. भारत ने अन्य देशो से भी इस दिशा में समजौता कर चूका है पर भारत के लिए जितने अधिक विकल्प होंगे उतना ही अच्छा होगा .
२. २०१३ में हुए सिविल नुक्लेअर डील के अनुपालन के तहत समजौता हुआ है
३. कनाडा , संसार के सबसे प्रमुख यूरेनियम उत्पादक देशो में एक है , भारत की उर्जा जरुरते काफी हद तक इस समजौते पर निर्भर करती है .
४. २०३२ में भारत नुक्लेअर उर्जा क्षमता ४५००० मेगावाट होगी . इसके लिए यूरेनियम के अबाध पूर्ति होना जरूरी है .
५. भारत ने अन्य देशो से भी इस दिशा में समजौता कर चूका है पर भारत के लिए जितने अधिक विकल्प होंगे उतना ही अच्छा होगा .
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मिडिल वे , तिब्बत की सम्पूर्ण आजादी के बजाय आंशिक रूप से ऑटोनोमी की बात को बढ़ावा देता है . यह एक प्रकार से राज्य के भीतर राज्य की व्यवस्था लागु करने सरीखा है .
भारत का नजरिया : चीन ने इसे यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि यह सम्पूर्ण आजादी के के लिए कदम है . अगर तिब्बत का मुद्दा आसानी से सुलझ जाता है तो यह भारत और चीन के बीच अच्छे संबंधो को बढायेगा .
भारत का नजरिया : चीन ने इसे यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि यह सम्पूर्ण आजादी के के लिए कदम है . अगर तिब्बत का मुद्दा आसानी से सुलझ जाता है तो यह भारत और चीन के बीच अच्छे संबंधो को बढायेगा .
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यातायात संकुलन को कम /खत्म करने के उपाय
१. सार्वजानिक परिवहन को बढ़ावा देना
२. जिन्हें वास्तव में जरूरत हो उन्हें ही व्यक्तिगत वाहन लेने का परमिट देना ( चीन में ऐसा लागु कर बहुत हद तक लगाम लगाई जा चुकी है )
३. कार जैसे व्यक्तिगत साधन पर बड़ी मात्रा में कर लगा कर उसे खरीदने से ह्तोसाहित करना .
४. भारत में चौराहे पर अक्सर जाम लगता है वजह केवल लोगो द्वारा जल्दबाजी में गलत तरीके से ओवरटेक करने से होता है ....यहाँ पर ट्रैफिक पुलिस को सक्रियता दिखानी चाहिए
५. सही नियमो की जानकारी का आभाव , कम जुर्माना , ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत के चलते , नागरिक उदासीन है . जरूरी होगा कि इन खामियों को दूर किया जाय
१. सार्वजानिक परिवहन को बढ़ावा देना
२. जिन्हें वास्तव में जरूरत हो उन्हें ही व्यक्तिगत वाहन लेने का परमिट देना ( चीन में ऐसा लागु कर बहुत हद तक लगाम लगाई जा चुकी है )
३. कार जैसे व्यक्तिगत साधन पर बड़ी मात्रा में कर लगा कर उसे खरीदने से ह्तोसाहित करना .
४. भारत में चौराहे पर अक्सर जाम लगता है वजह केवल लोगो द्वारा जल्दबाजी में गलत तरीके से ओवरटेक करने से होता है ....यहाँ पर ट्रैफिक पुलिस को सक्रियता दिखानी चाहिए
५. सही नियमो की जानकारी का आभाव , कम जुर्माना , ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत के चलते , नागरिक उदासीन है . जरूरी होगा कि इन खामियों को दूर किया जाय
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संस्थागत सब्सिडी का प्रचलन पिछले दो दशक में बहुत ज्यादा बढ़ गया है . पूर्व की तुलना में यह कई गुना बढ़ा दी गयी है . इसके बावजूद न क्रषि और नही किसान के दशा में कोई इसका प्रभाव नही दिखलाई पड़ता है . इसकी वजह कुछ निम्न है .
१. भारत में कुछ वास्तविक किसान है और कुछ दिखावे के लिए ( यथा अमिताभ बच्चन ) . वास्तव में क्रषि के लिए सब्सिडी में बड़ा हिस्सा शहर में रहने वाले किसान और खेती के लिए दे दिया जाता है
२. उक्त के लिए बैंको ने २००० में लाये गये एक प्रावधान ( डायरेक्ट तथा इन डायरेक्ट क्रषि सब्सिडी ) में लूपहोल खोज लिया और भारी मात्रा में क्रषि के नाम पर सब्सिडी जारी करते रहे .
३. सरकार ने कहा है सक्षम लोग सब्सिडी न ले पर क्रषि के नाम पर कम्पनी और पूजीपति द्वारा इस लूट के लिए किसी भी तरह की बेचैनी किसी को भी नही दिखती है .
२. उक्त के लिए बैंको ने २००० में लाये गये एक प्रावधान ( डायरेक्ट तथा इन डायरेक्ट क्रषि सब्सिडी ) में लूपहोल खोज लिया और भारी मात्रा में क्रषि के नाम पर सब्सिडी जारी करते रहे .
३. सरकार ने कहा है सक्षम लोग सब्सिडी न ले पर क्रषि के नाम पर कम्पनी और पूजीपति द्वारा इस लूट के लिए किसी भी तरह की बेचैनी किसी को भी नही दिखती है .
क्रषि के लिए , किसान के लिए तथा भारत की समस्त आबादी की खाद्य जरुरतो की लगातार पूर्ति होती रही इसके लिए जरूरी होगा कि क्रषि के नाम पर इस तरह सब्सिडी की लूट बंद हो . किसान वैसे भी कम बारिश और बे मौसम की बारिश के चलते बहुत ज्यादा परेशान और बदहाली में है . उन के लिए जारी धन उन तक पहुचना ही चाहिए .
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स्पोंसोरेड डाटा का आशय इन्टरनेट का शुल्क भुगतान उपभोक्ता द्वारा न करके सेवा प्रदाता द्वारा किये जाने से है . यह टोल फ्री नंबर के सरीखा है जिसमे नि शुल्क काल होती है .
अर्थव्यवस्था के नजरिये से कैसे लाभदायक
१. भारत में महगा डाटा शुल्क लोगो को इन्टरनेट के उपयोग करने से रोकता है .
२. नि शुल्क होने से लोगो में इन्टरनेट प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा .
३. डिजिटल डिवाइड , कम होगा .
४. डिजिटल भारत के उद्देश्य की पूर्ति होगी .
५. सरकार की लोगो तक तथा लोगो की सरकार तक पहुच बढ़ेगी फलत विकास को गति मिलेगी .
१. भारत में महगा डाटा शुल्क लोगो को इन्टरनेट के उपयोग करने से रोकता है .
२. नि शुल्क होने से लोगो में इन्टरनेट प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा .
३. डिजिटल डिवाइड , कम होगा .
४. डिजिटल भारत के उद्देश्य की पूर्ति होगी .
५. सरकार की लोगो तक तथा लोगो की सरकार तक पहुच बढ़ेगी फलत विकास को गति मिलेगी .
गुरुवार, 16 अप्रैल 2015
बुधवार, 15 अप्रैल 2015
मनरेगा की सफलता का आलोचनात्मक मूल्याकन
मनरेगा की सफलता का आलोचनात्मक मूल्याकन
१.मनरेगा को ग्रामीण इलाके में रोजगार स्रजन , गरीबो को आर्थिक सहायता , ग्रामीण मजदूरों को शहरी क्षेत्रो में पलायन रोकने की टूल के तौर पर जाना जाता रहा है .
२. अपने पहले ही साल से यह योजना , गावो में अपने उद्देशो की पूर्ति में सफल रही
३. समय बीतने के साथ ही यह योजना कई खामियों यथा फर्जी जॉब कार्ड , गैर लाभदायक कार्य ( तालाब खुदवाने के नाम पर मिट्टी इधर उधर मात्र करना ) के चलते अलोकप्रिय होने लगी .
४. आशय यह कि भले ही इससे बहुत से लोगो को रोजगार मिल रहा था पर इस योजना में खर्च किया जा रहा धन , किसी भी तरह से देश को आर्थिक लाभ न दे रहा था .
५. सरकार ने इसमें धन आवंटन कम किया , प्रशासन ने भी रूचि कम कर दी . लोगो को कम रोजगार , धन भुगतान होने लगा . इस तरह से योजना अपने उद्देश से भटक गयी .
२. अपने पहले ही साल से यह योजना , गावो में अपने उद्देशो की पूर्ति में सफल रही
३. समय बीतने के साथ ही यह योजना कई खामियों यथा फर्जी जॉब कार्ड , गैर लाभदायक कार्य ( तालाब खुदवाने के नाम पर मिट्टी इधर उधर मात्र करना ) के चलते अलोकप्रिय होने लगी .
४. आशय यह कि भले ही इससे बहुत से लोगो को रोजगार मिल रहा था पर इस योजना में खर्च किया जा रहा धन , किसी भी तरह से देश को आर्थिक लाभ न दे रहा था .
५. सरकार ने इसमें धन आवंटन कम किया , प्रशासन ने भी रूचि कम कर दी . लोगो को कम रोजगार , धन भुगतान होने लगा . इस तरह से योजना अपने उद्देश से भटक गयी .
मनरेगा योजना के लिए कई तरह के सुझाव दिए गये है जिससे इस योजना में खर्च किया जा रहा धन , ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकता है . इस लिए जरूरी होगा कि इस खत्म करने के बजाय इसको संसोधन कर जारी रखा जाय .
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