मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

BILLU BARBER

गाँव के बिल्लू बार्बर

ये घटना कानों की सुनी है आँखो  की देखी नही। इसलिए ज्यादा दिमाग मत खपायिगा। मै उसके बारे में ज्यादा जानता नही बस इस घटना की याद थोड़ी थोड़ी है। उसका वास्तविक नाम पता याद नही आ रहा है  पर उसे बिल्लू कह सकते है। उसकी कोई बाल बनाने की दुकान नही थी । जब किसी के घर में शादी बारात होती तो उसे काम के लिए बुला लिया जाता था।
तकनीक और जमाना चाहे कितना ही बदल गया हो पर शादी के जब तक कार्ड लोगो तो नही मिलते तब तक शादी के निमंत्रण को पूरा नही माना जाता है। अगर आप की शादी होने जा रही हो तो मजाल है किसी रिश्तेदार को आप कार्ड देना भूल जाये। उनका मुँह तुरंत फूल जायेगा। कुछ तो रिश्तेदार इतना ज्यादा भाव खाते है कि कार्ड भी दो और उन्हें शादी के लिए लिवाने भी जाओ।
गांव में किसी की शादी थी।  बिल्लू को  कार्ड बाटने को दिए गए। बिल्लू अपनी पुरानी साइकिल से पास के गावो में उसके रिस्तेदारोे को कार्ड देने गए।  बारात वाले दिन जिनको कार्ड भेजा गया उनमे  कोई भी शादी में नही पहुंचा। खैर जैसे तैसे बारात विदा हो गयी।
बाद में जब पता लगाया गया तो पता चला कि उन सब रिश्तेदारों को कोई कार्ड ही नही मिला था। बिल्लू से पूछा गया तो उसने कहा कि सबको कार्ड पहुंचा दिए थे।  बिल्लू के पूरे व्यकित्व पर प्रकाश डालने का वक़्त नही है सीधी और सरल बातों में कहु तो उनका दिमाग कुछ ढीला था।  बिल्लू सबसे खुलते भी नही थे।  सबको लग रहा था कि बिल्लू ने कुछ न कुछ खुरापात की है पर पता कैसे लगाया जाय ?

काफी दिनों बाद एक बुजुर्ग ने बिल्लू का रहस्य खोला।  गाँव के पास से ही एक नदी बहती है लोन नदी ( इस नदी का नाम लोन क्यू है इसकी कहानी फिर कभी ) . उस दिन जब बिल्लू शादी के कार्ड ले कर निकले तो उन्हें न जाने क्या हुआ।  उस नदी के पुल पर जा कर बैठ गए और शादी के कार्ड एक एक कर निकालने लगे।  कार्ड में जिसका नाम लिखा था उसको जोर जोर से पढ़ा-----
" रामसेवक कानपुर वाले , तुम्हारा कार्ड आ रहा है------ दुबे जी उन्नाव वाले तुम्हारा कार्ड आ रहा रहा है----- बीघापुर वाली बुआ , तुम्हारा कार्ड आ रहा है----------. "


और सारे कार्ड एक एक कर  नदी में बहा दिए।



( © आशीष। आशा है आप भी इससे कुछ सबक लेंगे। वरना आपके कार्ड नदी में जायेगे और रिश्तेदार मुँह फुलाए घूमेंगे )


















गुरुवार, 29 जनवरी 2015

A interesting story of childhood

"चलो तुम्हे टीवी दिखाए "
               बात उन दिनों की है जब दूरदर्शन पर रविवार को सुबह ९ बजे चन्द्रकान्ता आया करता था।  मेरे घर में बिजली का कनेक्शन था पर टीवी  नही थी। होती भी तब भी किसी पड़ोसी के घर ही जाकर देख सकता था क्यू की बिजली आती ही नही थी।
शौकीन लोग शुक्रवार को बैटरी चार्ज करवा कर लाते फिर शुक्रवार , शनिवार की पिक्चर मजे से देखते। बची बैटरी रविवार को चन्द्रकान्ता भी दिखा दिया करती थी। रविवार की शाम वाली पिक्चर तो बैटरी को हिला हिला कर और कभी कभी गर्म पानी डाल ही देख पाते थे।
मेरे तीन भाई और २ चचेरे भाई  थे। हम साथ साथ तरह तरह के खेल खेला करते थे। अपनी उम्र उस टाइम गुल्ली डंडा खेलने की थी और भाइयो की उम्र कंचे खेलने की।
तभी सौर ऊर्जा ( सोलर पैनल ) ने गावो में अपने पैर पसारे। अब लोगो के घर में छत पर टीवी के एंटीना के साथ एक बड़ी आकर्षक प्लेट भी लगी दिखने लगी थी।
पड़ोस में गोलू भी रहता था। आपके साथ भी रहा होगा गोलू।  गोलू मतलब एक मोटा , थुलथुल , माँ बाप का लाडला जो बात बात पर अपनी मम्मी से शिकायत करने भागता था। आप समझ रहे न ऐसे गोलू हर किसी के साथ रहे होंगे। खैर गोलू के घर में टीवी भी आ गयी और सौर ऊर्जा भी लग गया।
गोलू घमंडी तो थे ही अब और ज्यादा भाव खाने लगे। किसी रविवार को जब पड़ोसी के घर में बैटरी जबाब दे गयी तो हम चंद्रकांता प्रेमी गोलू के घर की ओर भागे। पर गोलू ने दरवाजा न खोला। गोलू ने वजह बताई कि परसों हमने उन्हें गुल्ली डंडा नही खिलाया था।
उस दिन हम पांचो भाईओ ने कसम खायी कि कुछ करना है। 
उस घटना के तीसरे रविवार को प्लान बन गया।  मेरे घर के सामने काफी जगह थी। सामने पैरा ( पुआल , धान की फसल का छोटा छोटा गट्ठर ) की खरही ( कतार ) लगी थी।  उसके नीचे एक पुरानी बैलगाड़ी दब गयी थी। इसके चलते वहां एक छोटी सी सुरंग बन गयी थी। पैरा की खरही में  इस तरह छेद बहुत तरह से उपयोगी थे। कभी कभी उसमे कुतिया अपने पिल्ले देती थी। हम जैसे लोग चोर पुलिस खेलते थे और कभी कभी छुपने छुपाने वाला खेल ( आइस -पाइस ).  ज्यादातर उसमे कुश्ती हुआ करती थी।  

प्लान के तहत गोलू को उस होल के अंदर लाना था और अंदर छुपे भाईओ को जम कर कुटाई करनी थी गोलू की। मुश्किल यह थी कि गोलू को यहाँ तक लाया कैसे जाय ? मुझे आज इतने सालो के बाद भी यह समझ नही आता उस दिन वो बहाना मुझे कैसे सुझा और गोलू उस को मान भी कैसे गया था। 
शाम को जब गोलू   खेलने को आया तो मैंने अपने सबसे छोटे भाई को भेजा। भाई ने गोलू से जाकर बोला "चलो मेरे घर में कलर टीवी आयी है तुम्हे दिखाए।" गोलू ने काफी तर्क दिए पर अंततः आने को तैयार हो गए।  भाई ने कहा अभी वो टीवी पैक है इसलिए उस पैरा के भीतर रखी गयी है। आज सोचता हूँ कि गोलू को टीवी से ज्यादा उस होल के अंदर जाने की इच्छा थी। गोलू अंदर गए और उस अंधेरे बंद होल में उनको बहुत कायदे से कलर टीवी दिखाई गयी।  न जाने मोहल्ले के परम उपद्रवी लड़के #बद्री को इस प्लान का पता कहाँ चल गया था। उपद्रवी बद्री भी उसके अंदर छुपे बैठे थे और अपनी लम्बी टांगो से फाइट लड़ने के लिए मशहूर थे। गोलू को कूटने में बहुत मजा आया पर थोड़ी देर बाद जब गोलू मौका पर भाग गए। उनकी बहन वापस उलहना ( अवधी में ओरहन ) ले कर वापस आ गयी और उसने हाथ नचा नचा कर मेरी  माँ से नमक मिर्च लगाकर  शिकायत की। उसने जब कहा  कि कलर टीवी देखने को देखने के बहाने बुला कर मेरे भाई को मारा है। उस समय मोहल्ले की उन तमाम औरतो को उसकी बात पर यकीन नही हुआ क्यू कि  कोई यह मानने को तैयार न था कि कलर टीवी पैरा के ढेर में छुपा कर रखी जा सकती  है।

 खैर , मेरी  माँ के पास अगर कोई गलती से भी मेरी  शिकायत कर देता  था तो माँ पहले ठोकती थी फिर मामला पूछती थी। उस रात मुझे अपनी माँ की मार से ज्यादा गोलू को फसा कर कूटने का ज्यादा आंनद था। मोहल्ले के परम उपद्रवी लड़के बद्री की कहानी फिर कभी। 

© आशीष कुमार( All rights reserved ,do not copy paste it ) 
  

















बुधवार, 28 जनवरी 2015

कहानी के पीछे की कहानी

कहानी  के पीछे की  कहानी


डिअर फ्रेंड्स , जिस दिन मैंने  अपनी कहानी का पहला भाग पोस्ट किया था किसी ने कमेंट किया था कि मेरी अधूरी कहानियो की एक और सीरीज। मुझे हँसी साथ आर्श्चय हुआ भला उसने ऐसा क्यू कहा। खैर वो सही थे। 

कोई भी कहानी एक थीम पर होती है। उस कहानी में main थीम थी हरी सिगरेट। आज से सात साल पहले उस कहानी को लिख कर  न्यूज़ पेपर को भेजा था। उस के एडिटर  का फ़ोन आया कि यह कैसे पॉसिबल है। खैर उन्होंने नही छापा। कहानी वापस  आ गयी। 

कहानी को कुछ सुधार कर , मैंने फेसबुक पर  पोस्ट करना शुरू किया। अच्छा रिस्पांस मिला। पर तीसरे पार्ट तक आते आते एक ने कमेंट में ऐसा रायता फैलाया कि मन खट्टा हो गया। एक और कुछ साथी इतनी ज्यादा डिमांड कर रहे थे कि बस यही लगे कि लिखता रहू लगातार। 
खैर , लिखना अपनी जगह है और सर्विस करना अपनी जगह। जॉब में अचानक इतनी व्यस्तता आ गई कि फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट करके जाना पड़ा। 
अब कुछ लोग ने व्हाट एप पर शिकायत करने लगे कि मैंने उन्हें ब्लॉक क्यू कर दिया है। जबकि अगर आप अकाउंट डीएक्टिवेट करते है तो सब को ऐसा ही लगेगा कि ब्लॉक्ड है। मोबाइल पर भी नेट कनेक्शन बंद करना पड़ा। लोकप्रियता बहुत अच्छी लगती है पर उसके साथ जिम्मेदारी भी आती है यही समझ आया। हर वक़्त लगे कि न जाने कौन क्या सोच रहा होगा ? 
कहानी के लिए काफी लोगो ने अपने अपने स्तर पर मांग की।  बहुत अच्छा लगा। पर खेद है उसको विस्तार देने के लिए अभी समय नही आया है। 
सात साल बाद कोशिस की थी पर पूरी न कर सका। अपने उन बौद्धिक  साथी को उनके स्तर का ही जबाब - भाई जब मेरी जिंदगी में ही  अपूर्णता है तो कहानी कहाँ से पूरी लिख सकता हूँ। 

अब वनवास खत्म हो रहा है कुछ अच्छा सा , अलग सा आपके लिए लेकर जल्द ही मिलता हूँ। 















  

मंगलवार, 27 जनवरी 2015

How to improve your math for competitive purpose

टॉपिक: 58      अपनी गणित प्रतियोगी परीक्षा के अनुरूप कैसे तैयार करे ?



 एक दिन किसी ने मुझे रांची से फ़ोन किया था पर्सनल सलाह लेने के लिए।  उसने बातो बातो में बताया कि  उसकी मैथ बहुत कमजोर है और पूछा कि वो इसे कैसे तैयार करे ? मुझे लगा ऐसा बहुत से लोगो के साथ होगा। यहाँ  पर कुछ टिप्स है जो आपके भी काम आ सकते है।

  • सबसे पहले आपको अपने मन से मैथ का डर निकलना होगा। यह सबसे रोचक विषय है। पहले के डर  को भुला दीजिये और नए सिरे से इसे पढ़ना शुरू करे। 
  • आर. ऐस  अग्रयाल वाली मैथ की बुक लगभग हर कोई पढ़ता है उससे ही शुरआत करे 
  • उसमे जो example  दिए है उनको बगैर देखे हल करने का प्रयास करे।  
  • चाहे जितना टाइम लगे आपको सारे सवाल हल ही करने है। 
  • मैंने तो नही किया पर सुना जरूर है कुछ लोगो ने इस बुक को ४ या ५ बार हल किया है अब को भी इतनी ही बार टारगेट रखना चाहिए। 
  • मैथ की ट्रिक्स वाली बुक भी आती है। उसको भी आप खरीद सकते है। 
  • उनसे ट्रिक सीख कर आप कैलकुलेशन बहुत तेज कर सकते है। 
  • मैथ के सवालो को जहाँ तक हो सके अपने मन में हल करे। मेरे कहने का मतलब कॉपी और कलम को जरूरत पड़ने पर ही touch करे    
  • आपकी उम्र भले कितनी ही हो गयी हो अगर आपको tuition की जरूरत लगती है तो उसे लेने में हिचकिचाये नही। 
  • एग्जाम कोई भी मैथ्स के बगैर आप से निकलने वाला नही इसलिए इसे अवॉयड न करे।  जैसे उस दिन उस साथी ने कहा कि मैथ की जगह वो gs  ज्यादा पढ़ ले तो काम बनेगा या नही। 
  • मेरा जबाब है नही कतई नही बनेगा। आपको मैथ पढ़नी ही पड़ेगी।  



















रविवार, 25 जनवरी 2015

HOW TO SELECT GOOD COACHING FOR IAS

Topic: 57   आईएएस के लिए सही कोचिंग का चुनाव कैसे करे ?


आम तौर पर कोई भी ब्लॉग लेखक , या मोटिवेटर आपको कभी भी कोचिंग करने की सलाह नही देता है। मै  भी कोचिंग करने के लिए मना करता हूँ उसके बावजूद कुछ दोस्तों ने जानना चाहा कि  सबसे अच्छी कोचिंग कौन सी है ? चलिए आज कुछ इस बारे में बात करते है

  •   आज का दौर विज्ञापन का है। इसलिए भी कोचिंग के एड  पर मत जाइये। 
  • हर कोचिंग के फ़ोन पर बात कर के देखे।  
  •  आप खुद हर कोचिंग में जा कर ट्राइल ले।  
  • वहाँ के टीचर या स्टूडेंट से बात कर के पता करे 
  • अपने बजट के हिसाब से चुने। 
  • सारी फीस एक साथ मत दे। 
  • फीस कम कराने के लिए जितना हो सके प्रयास करे। 
  • कौन कौन पढ़ाएगा और कितने घंटे यह भी पहले पता कर ले।  
  • बहुत से नामचीन सिर्फ दिखावे के लिए होते है इस लिए सतर्क रहे। 
  •  जहाँ भीड़ ज्यादा हो वहाँ पर आप को कुछ मिलने से रहा इसलिए अच्छे टीचर जो मोटीवेट भी करे उसे पकड़े। 
  • आपको चिंतक जी याद है ( इलहाबाद वाले ) वो भी जब दिल्ही जाने वाले थे उसके १ माह पहले से ही हर कोचिंग में फ़ोन करके फीस आदि पता कर लिया थे। 
  • जहाँ तक मैंने सुना है डेल्ही की कोचिंग में रफ़्तार बहुत है। चिंतक जी के अनुसार अगर आपको जल्दी सफलता पानी है तो डेल्ही ही में कोचिंग करे। 
  • उक्त सारी बातो के साथ आपको ध्यान रखना होगा कि आपकी मेहनत का कोई विकल्प नही। 
  • सबसे अच्छी कोचिंग करने वाले भी ४ साल में एक भी pre नही निकाल पाते है और बहुत से मेहनती लोग अपने घर में रहकर पहली बार में ही pre  निकल लेते है।  
  • इसलिए जो लोग कोचिंग करने में सक्षम नही है वो मन न मारे। 

















शुक्रवार, 23 जनवरी 2015

How to make good Notes for ias ?

Topic: 56 सिविल सेवा के लिए  नोट्स कैसे बनाये ?

किसी भी EXAM के लिए अपने खुद के बनाये नोट्स बहुत काम आते है। नोट्स बनाने का भी एक तरीका होता है। आज के समय नोट्स बनाने की आदत कम होती जा रही है। ज्यादातर लोग कोचिंग के नोट्स की फोटोकॉपी खरीद लेते है।  जैसे तैसे उनको पढ़ते है। उनको पढ़ने में भी बहुत दिक्क़त होती है। इसके चलते आपको लिखने का अभ्यास नही हो पाता है।  आजकल लोग ONLINE PDF FILES , नोट्स बहुत लेने लगे है जो और ज्यादा नुकसानदायक है। सच सच बताईये क्या आपको मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ने अच्छा लगता है और उसमे आप कितनी देर पढ़ सकते है।  आपको पता भी है मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ने से क्या क्या नुकसान है ?
इस लिए जरूरी है कि आप खुद से नोट्स बनाना शुरू करे। अपने पास एक पॉकेट DIARY हमेशा रखे। उसमे आप जरूरी POINTS नोट करते रहे। अगर आप की इंग्लिश कमजोर है तो इस डायरी को अपने WORD POWER बढ़ाने के काम ला सकते है।  NEWS PAPER पढ़ते समय उसमे जो चीजे काम की है उनको नोट करते चले।  ये तो एक ऐसी आदत है जिसे हर उम्र और हर तरह की तैयारी करने वाले को अपना लेनी चाहिए।
अब बात करते है आईएएस के लिए नोट बनाने की।


  • अगर आपको  एग्जाम का पैटर्न पता है तो आप नोट्स बनाने की शुरूआत MAINS EXAM के लिए कर सकते है।  
  • योजना , कुरुक्षेत्र जैसी मैगज़ीन से पॉइंट्स वाइज नोट्स बनांते चले। मैंने कुछ पुरानी पोस्ट में ऐसे नोट्स SHARE किये थे। आपको वो याद है न ? ठीक वैसे ही आप भी बना सकते है।  
  • न्यूज़ पेपर से आप FACTS इकट्ठे करने के फेर में मत पढ़िए। आपको नीतियों तथा योजनाओ के बारे में जानकारी नोट करनी चाहिए।  जैसे इस समय नीति आयोग और अनुच्छेद १२३ के दुरूपयोग की खबरे आ रही है तो उनके बारे में जानकारी जुटानी चाहिए। न कि आगामी क्रिकेट world cup के बारे में। 
  • मैंने पहले भी लिखा था कि अब आपको जानकारी से ज्यादा , समझ की जरूरत है। इसलिए आप जो कुछ भी नोट करे उससे आपकी उसके प्रति समझ भी बननी चाहिए। 
  • जितना हो सके पॉइंट वाइज लिखे और CONCISE  लिखे। 
  • जब कभी कुछ नोट करे उसमे अपने विचार भी एक दो वाक्यो में लिखे। यह बहुत जरूरी बात है। 




नोट : अगर आप को सही तरह से गाइड करने वाला नही मिला है  और  आप चाहते है कि  आप के अटेम्प्ट  और मनी waste  न हो। आपको मोटिवेशन की जरूरत लगती है। और यदि आप इस तरह के प्रश्नो से जूझ रहे है कि  कैसे पढ़े ? और क्या पढ़े ? आपकी मैथ और इंग्लिश या रीजनिंग कमजोर है तो क्या करना है ? इस तरह की समस्याओ के पर्सनल guidance के लिए मुझे मैसेज या ईमेल ( ashunao@gmail.com)   करे। शायद आपकी कुछ मदद कर सकू।      









गुरुवार, 22 जनवरी 2015

How to get success in ias without coaching

 Topic: 55  बैगर कोचिंग कैसे सफलता पाये ?


हिंदी माध्यम के स्टूडेंट  के साथ कई तरह की PROBLEM आती है।  जिसमे में एक है सही कोचिंग का चुनाव। मुझसे कई लोगो ने यह प्रश्न किया है मुझे कोई अच्छी COACHING बताईये जिससे मेरा पैसा न डूबे। मेरा इस मामले में बहुत ज्यादा अनुभव नही है।  अपने और साथियो के अनुभव के आधार पर यही कह सकता हूँ कि  ऐसी कोचिंग है नही जहाँ आपको यह अहसास न हो कि आप बेवकूफ नही बनाये गए है।  एक बार अपने FEE जमा कर दी तो फिर "भाड़ में जाओ तुम और तुम्हारी तैयारी।" अच्छा दिक्क़त  सिर्फ कोचिंग वालो की नही है दिक्क़त कुछ अगम्भीर स्टूडेंट्स की ओर  से भी होती है। कई बार अच्छे टीचर को अच्छे से पढ़ाने  भी नही देते है अगर कोई समझाना भी चाहे तो वो लिखाने पर जोर देने लगते है जैसे कि नोट्स ही काम आयेगे ( DELHI की WELL KNOWN कोचिंग में मेरे एक अच्छे दोस्त का EXPERIENCE )
आज के समय में  आईएएस की मुख्य परीक्षा में जिस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे है उस स्तर की पढ़ाई मेरे विचार से शायद ही कोई करवा पाये।  इस लिए जरूरी है खुद ही से मेहनत की जाय। ये टिप्स शायद आपके कुछ काम आ जाये।  
HOW TO GET SUCCESS  WITHOUT  COACHING  BY  IAS KI PREPARATION HINDI ME
  • जब नोटिस आये ( मई या जून माह ) तब आप रोजगार समाचार खरीद ले।  इसमें आपको आईएएस से जुडी सारी जानकारी , विषय , उनका कोर्स , पेपर पैटर्न आदि मिल जायेगा। 
  • इसके बाद जो विषय आपको सबसे ज्यादा समझ  में आये।  उसके पुराने पेपर देखिये  
  •  आपके पास pre  और mains  के साल्व्ड पेपर होने चाहिए।   
  • pre  और mains  के पेपर को पढ़िए , समझिए और उनको हल करिये।  
  • नियमित समाचार पत्र ( HINDI में स्तरीय पेपर का आभाव आज भी है इसलिए the हिन्दू  या इंडियन एक्सप्रेस को ले सकते है ) पढ़िए। उनसे नोट्स बनाइये।  
  • अपने आस पास उनको लोगो को तलाशिये जो इस FIELD में पहले से है उनके नोट्स देखिये उन्हें लेने के बजाय वैसे ही खुद बनाने का प्रयास करे।  
  • जब आप तैयारी  काफी हद तक हो जाये तब हो सके तो किसी अच्छी कोचिंग में TEST SERIES ज्वाइन कर लीजिये। मेरे ख्याल से FULL TIME कोचिंग करने के बजाए टेस्ट सीरीज ज्यादा लाभदायक होगी। 



बुधवार, 21 जनवरी 2015

SYLLABUS OF IAS EXAM IN HINDI

किसी भी एग्जाम के लिए सबसे जरूरी होता है उसका सिलेबस। यूँ  तो आजकल तकनीक का जमाना है हर चीज  गूगल में उपलब्ध है।  अगर आप कभी किसी कोचिंग में कुछ भी पता करने जाए तो आपको सिलेबस वो थमा देते है।
आपको एक सलाह देना चाहता हूँ।  जब कभी  नोटिस आये  तो एक बार EMPLOYMENT NEWSPAPER जरूर खरीद ले।  आप चाहे तो नीचे दिए लिंक पर  जाकर भी नोटिस डाउनलोड कर सकते है। यहाँ पर हर विषय का सिलेबस दिया है।
नोटिस डाउनलोड करे

OLD PAPERS OF UPSC IAS MAINS OF EACH SUBJECTS

आईएएस में सफलता के आपके पास पुराने प्रश्न पत्र होना बहुत जरूरी है।  बात चाहे GENERAL STUDY  की हो या फिर OPTIONAL  पेपर की।  यहाँ पर मै आपको जो लिंक दे रहा हूँ वहाँ से आपको हर SUBJECT के पेपर मिल जायेगे।

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SUCCESS TIPS BY NISHANT JAIN IAS 2015 ( RANK 13 )

मुझे किसी भी  सफल व्यक्ति की सबसे महतवपूर्ण बात उसके STRUGGLE  में दिखती है . इस साल के हिंदी माध्यम के टॉपर निशांत जैन की कहानी बहुत प्रेर...