सोमवार, 18 जनवरी 2016

how to prepare economics for competitive exam



  1. economics  से जुड़े   questions  लगभग सभी exam में में पूछे जाते है . यह सभी के लिए काफी कठिन भी पड़ते है . आज इसके बारे में कुछ टिप्स बता रहा हूँ जिनको follow कर आप काफी हद तक इसकी अच्छी preparation  कर सकते है .  
  2. सबसे पहले बात आती है इस विषय से जुडी किताबो से . मैंने इसके लिए यह किताबे पढ़ी है 
  3. दत्त व सुन्दरम ( सबसे मोटी पर भाषा सबसे सरल और रोचक ) , रमेश चन्द्र ( आईएएस pre में इससे बहुत क्वेश्चन मिल जाते है .), लाल & लाल ( इसमें बहुत से फैक्ट है .. अच्छी लगी पर पता नही क्यू इसको ज्यादा पढने का मन नही करता है . ) 
  4. इन दिनों आईएएस में जो प्रश्न पूछे जा रहे है उनमेconcept बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है . इसके लिए आपको भारत की पूरी वितीय प्रणाली समझनी होगी . 
  5. अगर आप नियमित समाचार पत्र का अर्थव्यस्था वाला पन्ना पढ़ते है तो आपको काफी फायदा होगा . 
  6. pcs और दुसरे one day एग्जाम जैसे railway , ssc , bank के लिए अलग तरह का economics पूछा जाता है।  इसके लिए अलग तरह की  तैयारी  करनी चाहिए। बहुत बार reserve  bank of India ( RBI) से जुड़े प्रश्न सीधे सीधे आ जाते है।  
  7. बैंक के लिए ज्यादातर करंट BASED  QUESTIONS  होते है। इनके लिए न्यूज़ पेपर से  डेली नोट्स बनना बहुत HELPFUL  होगा।  
  8. प्रतियोगिता दर्पण का अतिरांक का काफी नाम है पर यह आईएएस के लिए अब ज्यादा उपयोगी नही रह गया है। बाकि एग्जाम के लिए काफी सहायक हो सकता है।  
  9. जब भी सालाना budget निकले , उसको अच्छे से पढ़े।  पूरा साल इससे क्वेश्चन पूछे जाते है।  
  10. बजट से पहले economic survey  निकलता है। यह बजट से भी ज्यादा उपयोगी होता है।  इस साल आईएएस मैन्स  में तीसरा पेपर में बहुत से क्वेश्चन सीधे सीधे इसी से थे।  



नोट : काफी दिनों से आप कहानी -कथा से जुडी पोस्ट पढ़ रहे थे। दरअसल वो मेरी हॉबी है इसलिए उसको भी समय देना पड़ता है। बहुत सी कहानियाँ जोकि मैंने जन जीवन में अनुभव की उनको न लिखने के चलते भूल गया।  HOPE YOU ENJOY THAT ALSO. 

आपकी पढ़ाई  कैसी चल रही है। खूब मेहनत से पढ़िए सफलता बस आपका इंतजार कर रही है।  





रविवार, 17 जनवरी 2016

STRANGE HOUSE : UNCLE'S FLOWER POT


"घास वाले अंकल"


प्रिय मित्रो .. आपको मेरी के पुरानी  POST  याद होगी लडकी जो भगवान खाती थी ..उसमे मैंने बताया था कि वो घर सच में अजूबा था .. कुछ ५ MEMBER  थे परिवार में और सब विलक्ष्ण .... आज परिवार के मुखिया ..यानि अंकल जी कहानी ..वैसे वास्तविक मुखिया तो औंटी जी थी 
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अंकल जी सरकारी महकमे किसी छोटी पोस्ट पर थे .. सीधे साधे गौ जैसे ... उनके PERSONALITY  का वर्णन करने में मेरी लेखनी सक्षम नही है इसलिए उनके व्यक्तिव को रहने देते है सीधे STORY  पर आते है ..

उनकी छत पर कुछ गमले रखे थे ...उन गमलो कभी फुल रहे होंगे पर इन दिनों सूखे थे ..उसे गमले में न जाने कहाँ से घास उग आई . यह दूब थी जो काफी लम्बी होती है .. गमले में दूब बढती रही बढती रही और इतनी बढ़ी की रेलिंग से लटकने लगी . आम तौर पर लोग अपने बगीचे से दूब को खर पतवार समझ कर निकलते रहते है पर .. अंकल जी की सोच .. उनका नजरिया ..माशा अलाह ..
.
मैंने एक दिन अपने कमरे से देखा अंकल जी नहाने के बाद उपर गमले में पानी डालने गये है ... कुछ दिनों में पता चला कि दूब की तेजी से बढने के पीछे अंकल जी मेहनत है उसको खाद पानी दे कर अंकल जी तेजी से बड़ा कर रहे थे ..

दूब सच में बहुत ज्यादा बड़ी हो गयी थी ..वह रेलिंग से लटक कर बहुत  नीचे  आ गयी थी . एक रोज मैंने अंकल जी कहा कि बहुत लम्बा पौधा हो गया है लगता है WORLD RECORD बनेगा..”..मै उसे दूब कहकर  अंकल जी FEELINGS HURT  नही करना चाहत था . अंकल जी मुग्ध हो गये और बगैर कुछ बोले रेलिंग से लटकती दूब को सहलाने लगे .

उनका घर तो छोटा ही था पर कमरे कई थे ...औंटी जी किसी भी कमरे में हो उनमे खास शक्ति थी ..उनके कान बहुत तेज थे  . अंदर से बोली ...तुम भी आशीष मजाक कर रहे हो ...फालतू में घास बढती जा रही है ..मै किसी दिन उसको हटाने वाली हूँ ..” . बस इतना कहना था कि अंकल जी अपने दुर्लभ रूप नजर आये .. इतनी जोर से चिल्लाये कि घर के पीछे पीपल से २ ३ कौवे उड़ के भाग खड़े हुए .... उस दिन अंकल जी औंटी को बहुत सी बाते सुनाते हुए  सख्त हिदायत दी कि खबरदार उस पेड़ ( दूब)  को हाथ भी लगाया . वैसे तो औंटी जी की हमेशा चलती थी उस घर में . पर उस रोज अंकल जी का गुस्सा देख लगा कि मर्द कितना ही मरगिल्ला हो ..दब्बू हो .. उसको कभी अंडर वैल्यूएशन नही करना चाहिए .

मै वहां लगभग २० महीने रहा ..दूब बढती रही ..गर्मी में जब धुप बहुत प्रबल होने लगती उस गमले को जुट के टुकड़े से ढक कर रखा जाता .. दूब छत से लटक नीचे जमीन पर आ कर फैलने लगी थी .

अगर आप यह कहानी पच न रही हो तो दोष मेरा नही है ... वो पूरा घर ही विलक्ष्ण था ... वैसे आप सोच रहे होंगे कि दूब का अंत में हुआ क्या ? तो आप जिज्ञासा शांत कर दू ..
उनके घर को छोड़ने के कुछ महीनों बाद जब मै उधर गया तो देखा कि उनके घर में घास रेलिंग पर नही लटक नही रही है . अंकल ने  बातचीत में उस पौधे के दुखद अंत .. और गौरवशाली विदाई के बारे में बताया ( वो कहानी फिर कभी ..) 


मंगलवार, 12 जनवरी 2016

when people become stone ! funny story

जब लोग पत्थर के बन गये                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                चाट बेचने वाले की दुखद कहानी याद है . मैंने बताया था उस घर में सैकड़ो stories छुपी है . अचानक ये याद आ गयी . अमूमन पढाई करने वाले लडके देर रात तक पढ़ते है और सुबह देर से उठते है . एक morning जब सोकर उठा तो पाया मोहल्ले के women का जमघट सुबह ही लग गया है . आम तौर पर यह दोपहर में खास तौर पर जब light चली जाती थी तब लगता था . ये ऐसी चौपाल होती थी जिसमे महिलाये अपने घरो के बाहर बनी staris पर बैठ कर गप्पे लड़ाया करती थी .
जब बाहर निकला तो बगल वाली चाची ने तुरंत ही टोक दिया कैसे घोड़े बेच कर सो रहे थे . night में कितनी आवाज लगाई पर तुम उठे ही नही . मैंने पूछा कि क्या हुआ था . तो चाची ने कहा कि night में लोगो के फ़ोन आये थे कि सोना मत आज रात में बारह बजे सब लोग पत्थर बन जायेगे , इसलिए सब लोगो ने अपने अपने relatives को फ़ोन करके बता रहे थे कि सोना मत . सारी लोग जागते रहे . बहुत से लोग बाहर सडक तक चले गये थे . उनकी बात सुनकर मुझे बहुत हसी आयी लगा कि joke कर रही है . but she was right .
मेरी आदत रात में फ़ोन  switch off करके सोने कि है . फ़ोन on किया तो कई लोगो के message  पड़े थे . कुछ ही देर में एक दो फ़ोन आ गये कि रात में वो जगाने के लिए फ़ोन किया था . मैंने कहा शुक्रिया . मैंने पूछा कि कोई पत्थर बना कि नही . वो भडक गये  कि तुम से तो बात करना ही बेकार है .
खैर  धीरे धीरे पता चला कि सारी रात हंगामे में कटी थी . चाहे kanpur हो या delhi , गोरखपुर , नोयडा लगभग सभी जगह लोग सारी रात जगते और जगाते रहे . ये खबर पेपर में भी आयी थी .
दिमाग में कुछ चीजे यूँ ही याद रह जाती है , इस खुराफात की शुरुआत कहाँ से हुई थी यह आज भी राज है मुझे पता नही किसने बताया था कि ये सारी कलाकारी शुक्लागंज से शुरू हुई थी पर यह जरूरी नही कि सच ही हो . 

What is your hobby?


यह एक पुरानी पोस्ट है जो बस ड्राफ्ट बन कर पड़ी थी । जैसा कि मैंने पहले बताया है कि मेरे पास समय की बहुत किल्लत है , और मैं लिखने से ज्यादा दिन दूर नही रह सकता । इसके बीच का रास्ता यह है कि छोटी और अधूरी पोस्ट लिखता रहूँ । यह इसी तरह की पोस्ट है । लिखा कम है समझना ज्यादा ☺

आप में बहुत से लोगो ने कई हॉबी लिखी है जो सुनने में अच्छी और रोचक है.........पर सोचिये यह सब आप बोर्ड के सामने लिख कर फस सकते है....आपको मेरी एक पुरानी पोस्ट याद होगी जिसमे मैंने इंटरव्यू के बारे में लिखा था........तो अच्छा होगा किसी एक को टॉप पर रखिये और उसमे मास्टर बनिए......परफेक्शन होगी तो आपकी होबी बहुत अच्छे मार्क्स दिला सकती है.... मै अपनी कहू तो मै चेस में कॉलेज का कप्तान था यूनिवर्सिटी लेवल पर खेला...बैडमिन्टन भी अच्छी खेल लेता हूँ....डांसिंग में भी काफी अच्छा हूँ... लम्बे समय तक रनिंग भी की है.. खाना भी बहुत अच्छा बना लेता हूँ , ऐसी बहुत सी चीजे है जिनमे मै एक्सपर्ट हूँ...पर इनको मै हॉबी नही मानता........क्युकि यह चीजे बस मुझे पसंद है....हॉबी तो राइटिंग को मानता हूँ..क्युकि बहुत बार जब आईएएस मैन्स के पेपर दे रहा होता हूँ तो उसके बीच में मुझे ख्याल आता है क्यों यार......इसमें उलझे हो....राइटिंग करो उसमे मजा है संतुष्टि है.......

how to prepare gk for one day exam like ssc , bank , railway etc.



आज एक पुराने मित्र के मेस्सेज आया...... अगर आप भी one day exam यानि एसएससी, बैंक, रेलवे की तैयारी कर रहे है तो यह आपके भी बहुत काम है....

**** ji,apse hmko kuch help ki bahut zarurt hai..
Jaisa ki aap mre bare me sb kuch jante hai..exam aur padhai ko lekr kya conspircy rhi life ki..
Ab mai india me hun..aur mre samne ek railwy ki vacancy ayi hui hai..abhi waha se resign kr k aya hua hun..aur is exam k tyri me lgna chahta hun..
Apse is sambandh me madad chahiye.
Book kaun sa padhe..kaise kya kare..plz ***** ji..apko mai apna margdarshk k roop me dekhta hun...do saal videsh rhne k baad bina guid k namumkin hai exam...aur mre pas shuru se isi chiz ki kami rhi...so plz ****** ji..its a humble request to u..plz sugs me how to prepare and which books i shd prrfr....plz

Ye upkar kr dijye ******ji..

आप जितनी हो सके प्रतियोगिता दर्पण ले लीजिये पिछले कुछ महीनों की ... इस में जो भी पेपर चाहे बैंक का हो या pcs का .....सबको हल करिये और gk के q को one लाइनर नोट्स बना लीजिये .....यह काम हमेशा करिये जब तक सिलेक्शन नही हो जाता .. अगर आपको प्रतियोगिता किरण की magzine और रेलवे की बुक मिल जाये तो उससे अच्छी कोई बात नही हो सकती .....
one लाइन नोट्स बनाना मुझे बहुत पसंद रहा है.....काफी पहले मैंने हिस्ट्री और gk के नोट्स बनाये थे...और उन्हें एक कानपुर के साथी में जटक ( पढने को ले गये तब से वापस नही किये ) ... gk इससे बहुत मजबूत होता है...
पिछले दिनों मुझे फिर से gk मजबूत करने की जरूरत पड़ी और 25 दिसम्बर से एक नोट्स बनना शुरू किया और अब तक उसमे १०००० फैक्ट जुटा डाले....
काफी मन भी आपसे शेयर करने का पर समझ नही आता कैसे शेयर करू...अगर संभव हुआ तो आप को उसका किसी रोज नमूना शेयर करुगा.....

गुरुवार, 7 जनवरी 2016

First time in restaurant



जीवन में कुछ ऐसी घटनाये होती है जो जेहन से कभी नही उतर पाती . १२ एक town से पास किया था . graduation करने के लिए अपने जिले के head quarter   में आ गया . यह शहर तो नही था पर मुझे शहर जैसी ही feeling उन दिनों आती थी .
मै कुछ भी नही जानता था . हर चीज से डर लगता था . १२ वी के एक और साथ ने भी मेरे साथ ही admission लिया था . यह बहुत गहरे मित्र थे . इनके बारे में बहुत सी रोचक बाते है जो आने वाले समय में बताता रहूँगा . आज उनकी ही एक छोटी सी याद .... उनके लिए कुछ नाम सोचना पड़ेगा .. क्या लिखू .. वो पढाई के साथ साथ कपड़े भी बेचते थे  cycle  पर .. इसलिए आप इनको कपड़े बेचने वाला कह सकते है .

एक दिन जब ये college  में मिले तो अपने एक अनुभव को मुझसे share  किया . पिछली शाम वो अवस्थी रेस्ट्रोरेन्ट गये थे . हमारे शहर में दो ही रेस्टोरेंट थे एक अवस्थी , दूसरा railway station ( Unnao) के सामने मनोरंजन रेस्टोरेंट ...
इनके बारे में मेरे कुछ ख्याल थे जैसे कि यह काफी महगे होते है इनमे बड़े लोग ही जाते है ... मै बस सोच कर रह जाता कि शायद  कभी इनमे मै भी जाकर कुछ खा सकू ..

जब उन साथी ने बताया कि वो बस १० रूपये में २ समोसे खा कर ही रेस्ट्रोरेन्ट का  experience  ले चुके है तो मेरे मन भी रेस्ट्रोरेन्ट में जाने की बड़ी लालसा जागी . साथी ने बताया कि कैसे  waiter  टेबल पर पानी दिया और साथी ने उससे news paper  मांग पढ़ा . मैंने उससे कहा कि मुझे भी वो ले चले न पैसे मै लगा दूंगा . वो हँसते हुए बोला अभी  चलो इसमें क्या है – साथी के साथ मै भी  restaurant गया . उस दिन न्यूज़ पेपर तो पढने तो टेबल पर नही मिला पर मेरे लिए बहुत नये अनुभव का दिन था . इस पहले कभी टेबल पर बैठ कर कुछ भी नही खाया था . गावं में तो दुकान पर खुले में समोसे बिकते थे और सब खड़े होकर ही समोसे खाया करते थे .

यह  बिलकुल सच्ची कहानी है .. आज मै सोचता हूँ कि मै कमजोर और दब्बू था .. मन में कितनी हीनता थी उन दिनों . उस दिन से लेकर आज तक मुझे याद नही कितनी जगह और कितने महगी महगी जगह होटल में खाना खाया पर वो पहले पहल रेस्टोरेंट में १० रूपये के समोसे जिन्दगी में कभी भुलाये नही जा सकेगे .

सोमवार, 4 जनवरी 2016

STORY OF YO YO HONEY SINGH IN HINDI

 महान कवि शहद सिंह के लिए


नया नया LAPTOP  लिया था।OFFICE से आने के बाद एक सूत्री कार्यक्रम था एक दो HOLLYWOOD  की मार धाड़ ACTION  वाली मूवी देखना। एक दिन मकान मालिक का लड़का १६ बर्ष का लड़का ROOM आ गया उसने बोला मेरे पास फिल्मो का बहुत अच्छा COLLECTION है मुझसे ले लो। झट से वो अपनी PEN DRIVE  में सामग्री ले आया।

उसने कहा मै तुम्हे एक चीज दिखाऊ और उसने एक SONG फुल आवाज में बजा दिया उसने कुछ और गाने बजाए। १० या १५ मिनट बाद मुझे लगा मेरे लैपटॉप के SPEAKER  से ठीक से आवाज नही आ रही है। तब उसने ये बताया ये सारे गाने यो यो शहद सिंह के है। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।  १६ बर्ष के किसी महानगरीय लड़के से ज्यादा ज्ञान किसी को नही होता है उसने यह लैपटॉप के स्पीकर खराब करने वाली कला अपने साथियो से सीखी थी। उसने बताया कि यो यो के गानो में बीट बहुत ज्यादा होती है और काफी कुछ TECHNICAL LANGUAGE  में बताया।
खैर उस समय यो यो को नाम धीरे धीरे फ़ैल रहा था। अपनी माँ भी अपने बेटे को गर्व के साथ यो यो के रैप सुनाने को कहती और उनके बेटे ने भी कोर्स की तरह यो यो के रैप रट रखा था वो बगैर मतलब समझे गाने लगता
" तुझे बिठा कर रखा था मैंने रानी पलकों पर
तूने मारी ठोकर समझी आ जाऊंगा सडको पर ..."

हमारे room partner  गुरु जी काफी पहुंचे हुए थे। मेरे शहर में कोई स्टार के कार्यक्रम होते तो उसके free  पास उनको जरूर मिल जाते। गुरु जी इस तरह के कार्यक्रमों में जाते नही थे। शहर में पता चला यो यो आ रहे है।  गुरु ने राहुल से वादा कर लिया कि वो पास जुटा लेंगे।  यो यो आये पर गुरु जी को पास   न मिल सके।  उस दिन मुझे अहसास हुआ कि यो यो वाकई बहुत ज्यादा popular  है।

मंगलवार, 29 दिसंबर 2015

story of childhood

परम उपद्रवी बद्री


कुछ लोग जन्मजात प्रतिभा के धनी ( born talented )  होते है। बद्री को भी ऐसा माना जा सकता है। बद्री हम उम्र के थे और बहुत ही हुनर मंद। गावं में ऐसा कोई काम न था जो बद्री न कर पाये।  कुएं में गिरी बाल्टी को निकलने से लेकर कैथे के पेड़ पर चढ़ने तक हर काम ने दक्ष थे। बद्री भी अपने गोलू के तरह अकेले बेटे थे पर उनकी कहानी अलग थी।  बद्री दिन में government school   में पढ़ने के बाद शाम को अपनी भैंसे भी खेतों को चराने के लिए ले जाते थे।  शाम को लौटते वक़्त जब सभी की भैंसे , जानवर तालाब से निकलते नही थे तब बद्री ही तालाब में घुसकर सबकी भैंसे निकलते थे।

अगर किसी बिजली के खम्बे का बल्ब fuse  हो गया तो बद्री ही खम्बे में चढ़कर उसे सुधारा करते थे। अब इतनी अच्छी  बातो के बावजूद भी उनको परम  उपद्रवी को दरजा भला क्यू मिला था . उसके पीछे थे गावं के कुछ बुजुर्ग।  मेरी समझ में नही आता था बद्री को उनमे क्या खुरापात नजर आती थे।
गांव में जब नौटंकी / राम लीला   होती तो बद्री शाम को ही अपनी , अपने पड़ोसियों की पल्ली, बोरे, चटाई आदि लेकर पहुंच जाते थे। जब तक मै गांव में रहा बद्री की चटाई सबसे आगे ही बिछती रही। गांव में रामलीला भी हुआ करती थी। मै भी देखने जाता था अक्सर वहां जाकर सो ही जाता था। अपने बद्री ही,  जब धनुष टूटने वाला होता था सबको पानी डाल कर जगा देते थे।

सोमवार, 28 दिसंबर 2015

Tashkent agreement

यह प्रश्न एक बार आईएएस में पूछा जा चूका है . 

ताशकंद समझौता 1966: भारत और पाक के बीच 1965 के युद्ध के बाद 10 जनवरी 1966 को रूस, अमेरिका तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के पयासो से हुआ था । इस में निम्न बिन्दुओं पर सहमति बनी 

 *  दोनों देश युद्ध के दौरान पकड़े गए बंदियो के वापस कर देंगे 
*  सीमा रेखा भी पूर्व की मानी गई
*  आर्थिक एवं कूटनीतिक सबंधो को नये सिरे से पारम्भ किया जायेगा ।
*  दोनों देशों के नेता सामरिक मसले बात चीत से सुलझायेगे।

वो अब टॉपर है भाई।

रविवार, 27 दिसंबर 2015

How to develop hobby ?

1. अभी पिछले महीने की ही बात है एक मित्र का फ़ोन आया । ias mains का daf भरना था उसमें hobby में क्या लिखूँ के बारे में सलाह चाहिए थी। काफी परेशान लग रहे थे क्योंकि उनकी कोई हॉबी थी ही नही । अपना पूरा टाइम पढ़ने में ही देते थे ।
2.  देखा जाय तो यही हालात ज्यादातर लोगो की है हॉबी के नाम कुछ करने के लिए time ही नही है ।
3.  विषय पर आगे बढ़े उससे पहले आईये जान ले क़ि वास्तव में हॉबी किसे कहते है ? हॉबी का सीधा और सरल अर्थ कोई भी ऐसी गतिविधि जिसे करने में कोई बाध्यता न हो जिसे करने में मजा आये । जिससे मन को ख़ुशी मिले । 

4 .  एक example के तौर पर इसे ऐसे समझा जा सकता है मैं एक central government servent हूँ । ऑफिस में जो भी job करता हु उसके लिए मुझे salary  मिलती है दूसरी और मैं अपना कीमती समय निकाल कर blogging करता हु जिसमे कोई पैसा नही मिलता कोई चाह नही । इसमें मन को बहुत आनंद मिलता है । जब किसी जरूरतमंद कोई मैं अपनी बातों से सांत्वना दिलाता हु तो उसकी हेल्प कर मुझे जो संतुष्टि मिलती है वो 50000 रूपये की जॉब से भी नही मिल पाती ।
5.  अच्छा hobby ऐसी चीज है जो आप को कितनी भी ब्यस्तता हो उसके लिए टाइम निकलने के लिए ready कर लेती है । मेरी लाइफ बहुत busy है इसके बावजूद regular आपको पोस्ट मिलती रहती है तो बस इसलिए कि मुझे लिखने में मजा आता है ।
7. कई बार हॉबी से हमे  किसी तरह भौतिक लाभ नही होता है इसके बावजूद मेरी personal thinking है कि यदि व्यक्ति की कोई हॉबी नही है तो वह व्यक्ति अधूरा है ।
8. Hobby का एक और भी पहलू है आप अगर अपनी हॉबी में मास्टर हो जाते है तो आप के पास मन की संतुष्टि के साथ income भी होने की अपार सम्भावनाये जग जाती है ।
9. इस दुनिया में सबसे संतुष्ट लोग वो है जो अपनी हॉबी को ही अपनी जॉब बना लेते है । इसका क्लासिक example चेतन भगत है जिन्होंने अपनी राइटिंग को ही अपनी जॉब बना लिया ।
10 .  अगर अपने एक पुरानी पोस्ट पढ़ी तो upsc/ IAS के इंटरव्यू में हॉबी से जुड़े कुछ रोचक प्रसंग शेयर किये थे । उसे पढियेगा तब आप को हॉबी के महत्व का पता चलेगा ।
11 . हॉबी के लिएt time management बहुत जरूरी है ।  इस time मैं udaipur lake city में अपनी छूटी मना रहा हु . जैसे ही मुझे टाइम मिलता है अपनी पोस्ट को सोचता और लिखता हूँ ।
क्या आपकी भी कोई हॉबी है ? कृपया शेयर करे । किसी  रोज कुछ लोकप्रिय हॉबी पर बात करेगे ।

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